Wednesday, May 01, 2024
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ईरान में हिजाब का विरोध कर रहे 23 साल के लड़के को दी गई फांसी, मरने से पहले बोला- "मेरी मौत पर कुरान मत पढ़ना, जश्न मनाना"

ईरान में हिजाब के विरोध में एक 23 साल के लड़के को सरेआम फांसी दे दी गई। अब उस लड़के का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें वह लोगों से कुछ अपील कर रहा है।

Pankaj Yadav Edited By: Pankaj Yadav @ThePankajY
Updated on: December 17, 2022 6:38 IST
मजीदरेजा रहनवर्ड- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA मजीदरेजा रहनवर्ड

ईरान का नाम सुनते ही मुस्लिम कट्टरपंथ का ख्याल दिमाग में अपने आप ही जाता है। हाल ही में इस देश में हिजाब को लेकर खूब विरोध हो रहा है। लेकिन जो भी इसके विरोध में अपनी अवाज उठा रहा तो वहां की सरकार उन्हें सख्त से सख्त सजा दे रही है। वहीं 12 दिसंबर को हिजाब के विरोध में एक 23 साल के लड़के को सरेआम फांसी दे दी गई। अब उस लड़के का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है जिसमें वह लोगों से कुछ अपील कर रहा है। वीडियो लड़के को फांसी देने से पहले का बताया जा रहा है। वीडियो में साफ तौर पर सुना जा सकता है कि लड़का लोगों से अपील करते हुए कह रहा कि उसके मरने के बाद कुरान न पढ़ा जाए, बल्कि जश्न मनाया जाए। 

लड़के का नाम मजीदरेजा रहनवर्ड है। वीडियो देख कर ऐसा लग रहा कि लड़के को फांसी देने से पहले उसकी अंतिम इच्छा पूछी गई थी। उसकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई। उसके पास मास्क पहने दो गार्ड भी खड़े दिख रहे हैं। जिसके बाद वह सैनिकों को अपनी अंतिम इच्छा के बारे में बताता है। कैमरे के सामने वह बोलता है कि मैं चाहता हूं कि मेरी मौत के बाद कोई भी कुरान न पढ़े। मैं नहीं चाहता है कि कोई मेरी मौत पर दुखी हो। कोई भी किसी भी तरह की दुआ न करे। सभी लोग मेरी मौत का जश्न मनाएं, गानें बजाएं, खुश रहें। 

सोशल मीडिया पर बेल्जियम की सांसद ने पोस्ट की वीडियो

ट्विटर पर बेल्जियम संसद की सांसद और महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली दारया साफई ने शेयर किया है। उन्होंने पोस्ट कर लिखा कि उसके आखिरी शब्द थे- कुरान न पढ़ें, दुखी न हों, जश्न मनाएं। शरिया कानून की वजह से उसकी जान गई। उसने सिर्फ अपने हक के लिए आवाज उठाई थी। शरिया कानून में अल्लाह के हवाले से कई कानूनों के लिए सजा का प्रावधान हैं।

इसलिए सुनाई गई थी युवक को सजा

ईरान की तेहरान कोर्ट ने मजीदरेजा को मौत की सजा सुनाई थी। उस पर विरोध प्रदर्शन के दौरान चाकू से दो पुलिस अफसरों को मारने और 4 सुरक्षाकर्मियों को घायल करने का आरोप था। 12 दिसंबर को मजीदरेजा को सरेआम लोगों के बीच फांसी पर लटका दिया गया। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार ईरानी मानवाधिकार संगठन के संचालक मोहम्मद अमीरी मोगाधम ने इस खबर की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, " 23 साल के युवक को गिरफ्तारी के बाद सरेआम फांसी देकर इस्लामिक रिपब्लिक के नेताओं ने एक और संगीन जुर्म किया है"।

  

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