जाफना: श्रीलंका में आए विनाशकारी साइक्लोन ‘दित्वा’ के बाद भारत ने तुरंत मदद का हाथ बढ़ाया है। ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत भारतीय सेना के इंजीनियर और वायुसेना दिन-रात राहत कार्य में जुटे हैं। शुक्रवार को श्रीलंका की आर्मी के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीकेजीएम लसांथा रॉड्रिगो ने चिलाव पुल स्थल का दौरा किया। वहां भारतीय सेना के इंजीनियर टास्क फोर्स के काम को देखकर बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने खराब मौसम में भी कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे भारतीय और श्रीलंकाई इंजीनियरों की जमकर तारीफ की।
भारत ने श्रीलंका में भेजी है एक्सपर्ट्स की टीम
बता दें कि भारतीय सेना के 48 जवानों की विशेष इंजीनियर टास्क फोर्स को युद्धस्तर पर हवाई मार्ग से श्रीलंका भेजा गया है। ये जवान जाफना के किलिनोच्ची में क्षतिग्रस्त पुल को जल्द से जल्द ठीक करने और सड़क संपर्क बहाल करने में श्रीलंकाई सेना के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। टीम में पुल बनाने के एक्सपर्ट, सर्वेयर, पानी में काम करने वाले एक्सपर्ट और भारी मशीनें चलाने वाले जवान शामिल हैं। साथ ही ड्रोन और ऑटोमैटिक सिस्टम भी हैं, जिससे काम तेजी और सटीकता से हो रहा है। भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान 4 सेट बेली पुल लेकर आए हैं। इन पुलों से जल्द ही टूटे हुए संपर्क को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा टीम के पास नावें, आउटबोर्ड मोटर, हेस्को बैग, भारी पेलोड ड्रोन और रिमोट से चलने वाली नावें भी हैं।
भारतीय सेना ने हजारों लोगों को दी मेडिकल हेल्प
‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत भारतीय सेना ने अब तक श्रीलंका के 5000 से ज्यादा प्रभावित लोगों को मेडिकल मदद दी है। इसी कड़ी में शुक्रवार को विदेश सचिव विक्रम मिसरी श्रीलंका की हाई कमिश्नर महिषिणी कोलोन्ने से मिले और जरूरी जीवनरक्षक दवाइयों की पहली खेप सौंपी। पूरी खेप को भारतीय वायुसेना का सी-17 विमान कोलंबो ले जाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर लिखा, 'विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने श्रीलंका की हाई कमिश्नर से मुलाकात कर साइक्लोन दित्वा से हुए नुकसान के बाद श्रीलंका की जल्दी रिकवरी और पुनर्निर्माण में भारत की अटूट प्रतिबद्धता दोहराई।' भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के तहत शुरू किए गए इस ऑपरेशन से श्रीलंका के लोगों को बड़ी राहत मिल रही है।


