पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भारत के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने और चेतावनी दी है कि इस कदम से नई दिल्ली को वाशिंगटन के करीब लाने के वर्षों के प्रयासों पर पानी फिर सकता है। इससे नई दिल्ली को बीजिंग के साथ जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चीन की विश्वसनीयता बढ़ रही है जबकि हमारा अमेरिकी ब्रांड टॉयलेट में नजर आता है।
यूएस विघटनकारी, चीन भरोसेमंद
द बुलवार्क पॉडकास्ट पर टिम मिलर के साथ बात करते हुए, सुलिवन ने ट्रंप पर अमेरिका को उसके सहयोगियों की नज़र में एक "बड़ा विघटनकारी" बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज हमारे सहयोगी देश हमें एक विघटनकारी देश के रूप में देखते हैं, आज चीन लोकप्रियता और स्थायी नीतियों के मामले में हमसे आगे निकल गया है। उन्होंने कहा कि जहाँ एक ओर वाशिंगटन को एक स्थिर शक्ति माना जाता था, वहीं अब उसे अविश्वसनीय माना जाता है, जबकि चीन की विश्वसनीयता बढ़ रही है।
अमेरिकी ब्रांड टॉयलेट में नजर आता है
उन्होंने कहा, "जब मैं अब इन जगहों पर जाता हूं और नेताओं से बात करता हूं, तो वे अमेरिका से जोखिम कम करने की बात कर रहे होते हैं। वह अब अमेरिका को एक विघटनकारी देश के रूप में देखते हैं, जिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। आज हालात यह हैं कि चीन वैश्विक स्तर पर एक लोकप्रिय खिलाड़ी है, जबकि हमारा अमेरिकी ब्रांड टॉयलेट में नजर आता है।"
वर्षों की मेहनत पर ट्रंप ने पानी फेरा?
उन्होंने भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों से भारत के साथ गहरे और टिकाऊ संबंध बनाने को लेकर काम किया जा रहा था। लेकिन ट्रंप ने भारत पर भारी टैरिफ लगा दिया जिससे भारत को मजबूरन चीन के साथ बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा। हमारे लिए चीन भी एक चुनौती के तौर पर सामने खड़ा है। लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के खिलाफ ही अभियान छेड़ दिया है। ऐसे में भारतीयों का मानना यह है कि उन्हें चीन के साथ अपने संबंधों को सुधारना चाहिए, जो कि वह कर रहे है।
संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंचे
पूर्व अमेरिकी अधिकारी का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के संबंध सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। अमेरिका ने भारत के ऊपर 25 फीसदी का व्यापार टैरिफ और रूसी तेल खरीदने के लिए 25 फीसदी का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया गया है। ट्रंप प्रशासन की तरफ से लगातार भारत को निशाना बनाया जा रहा है। भारत ने इसका भरपूर विरोध किया है। और अपने किसानों के हितों और संप्रभुता को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने की बात कही है।





