पटनाः बिहार में विधानसभा चुनाव 6 और 11 नवंबर को होगा। इसको लेकर चुनावी माहौल गरम है। सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के लोग चुनावी प्रचार में अभी से ही जुट गए हैं। जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र में भी संभावित उम्मीदवार जनता के बीच जा रहे हैं। आइए जानते हैं इस सीट के बारे में
जगदीशपुर के बारे में जानें
जगदीशपुर आरा जिले के अंतर्गत पड़ती है। जिला मुख्यालय से 35 किमी और राज्य की राजधानी पटना से लगभग 70 किमी दूर है। उत्तर प्रदेश का वाराणसी पश्चिम में लगभग 150 किमी दूर है। जगदीशपुर के उत्तर में गंगा नदी बहती है और सोन नदी भी पास में ही है। जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र का गठन 1951 में किया गया था। आरा लोकसभा सीट के अंतर्गत एक सामान्य सीट है। इसमें जगदीशपुर, बिहिया और शाहपुर प्रखंड शामिल हैं। वर्तमान में यह सीट आरजेडी के पास है।
जगदीशपुर का चुनावी इतिहास
जगदीशपुर के मतदाताओं ने 1952 से अब तक हुए सभी 16 विधानसभा चुनावों में वामपंथी दलों का दबदबा रहा है। कांग्रेस ने यह सीट चार बार जीती है, जबकि आरजेडी और जेडीयू, जिसमें उसका पूर्ववर्ती समता पार्टी भी शामिल है, ने तीन-तीन बार जीत हासिल की है। निर्दलीय उम्मीदवारों ने दो बार और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, लोकदल, इंडियन पीपुल्स फ्रंट और जनता दल ने एक-एक बार जीत हासिल की है। 2010, 2015 और 2020 में आरजेडी के जीतने से पहले, नीतीश कुमार की समता पार्टी और जद (यू) ने लगातार तीन बार इस सीट पर कब्ज़ा किया था।
चिराग पासवान ने जेडीयू को पहुंचाया था नुकसान
साल 2020 में इस सीट पर चिराग पासवान की पार्टी ने जेडीयू को काफी नुकसान पहुंचाया था। एनडीए गठबंधन में जेडीयू को यह सीट मिली थी। नीतीश कुमार की पार्टी ने यहां से अपना उम्मीदवार उतारा था लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी यहां पर दूसरे नंबर पर थी। अगर एलजेपी और जेडीयू मिलकर लड़े होते तो दोनों का संयुक्त वोट आरजेडी के कुल वोटों से अधिक होता। अब जब दोनों दल भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के तहत फिर से एक साथ आ गए हैं तो महागठबंधन के लिए चिंता का सबब हो सकता है। आरा संसदीय सीट के जगदीशपुर क्षेत्र में आरजेडी समर्थित भाकपा (माले) (एल) ने भाजपा पर 20,172 मतों से बढ़त बना ली थी।
इस बार होगा कड़ा मुकाबला
इस बार 2025 के विधानसभा चुनाव में जगदीशपुर सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। एनडीए की तरफ से एलजेपी अथवा जेडीयू के हिस्से में यह सीट जा सकती है। जबकि आरजेडी का यहां से सीटिंग विधायक है। इसलिए तेजस्वी यादव चाहेंगे उनकी पार्टी फिर से इस सीट पर चुनाव लड़े। ऐसे में दोनों गठबंधनों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।