Thursday, December 12, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. दिल्ली
  3. तो दिल्ली में गिरा दिया जाएगा ये शिव मंदिर! सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को रखा बरकरार; जानें पूरा मामला

तो दिल्ली में गिरा दिया जाएगा ये शिव मंदिर! सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को रखा बरकरार; जानें पूरा मामला

राजधानी दिल्ली में यमुना के डूब क्षेत्र के पास स्थित एक शिव मंदिर को गिराने पर सुप्रीम कोर्ट में मामला गया। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के पुराने आदेश को ही बरकरार रखा है।

Edited By: Amar Deep
Published : Jun 14, 2024 18:17 IST, Updated : Jun 14, 2024 18:17 IST
शिव मंदिर पर हाई कोर्ट का आदेश बरकरार।- India TV Hindi
Image Source : PTI शिव मंदिर पर हाई कोर्ट का आदेश बरकरार।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यमुना के डूब क्षेत्र के पास गीता कॉलोनी स्थित प्राचीन शिव मंदिर को गिराने के आदेश को बरकरार रखा। न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की अवकाशकालीन पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा, ‘‘प्राचीन मंदिर के निर्माण की शुरुआत का प्रमाण कहां है? प्राचीन मंदिर पत्थरों से बनाए जाते थे, न कि सीमेंट से और उस पर रंग-रोगन भी नहीं किया जाता था।’’ 

हाई कोर्ट ने क्या कहा था?

दरअसल, हाई कोर्ट ने 29 मई को कहा था कि भगवान शिव को किसी के संरक्षण की आवश्यकता नहीं है और इसने यमुना नदी के किनारे अनधिकृत तरीके से बनाए गए मंदिर को हटाने से संबंधित याचिका में उन्हें (भगवान शिव को) पक्षकार बनाने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट ने गीता कॉलोनी में डूब क्षेत्र के पास स्थित प्राचीन शिव मंदिर को लेकर कहा था कि अगर यमुना नदी के किनारे और डूब क्षेत्र से सभी अतिक्रमण और अनधिकृत निर्माण हटा दिए जाएं तो भगवान शिव अधिक खुश होंगे। 

याचिकाकर्ता का क्या है दावा?

बता दें कि याचिकाकर्ता ‘‘प्राचीन शिव मंदिर एवं अखाड़ा समिति’’ ने दावा किया था कि मंदिर आध्यात्मिक गतिविधियों का केंद्र है और यहां नियमित रूप से 300 से 400 श्रद्धालु आते हैं। याचिका में दावा किया गया था कि मंदिर की संपत्ति की पारदर्शिता, जवाबदेही और जिम्मेदार प्रबंधन को बनाए रखने के लिए 2018 में सोसाइटी का पंजीकरण किया गया था। 

मंदिर के ऐतिहासिक महत्व का नहीं मिला सबूत

इस पर हाई कोर्ट ने कहा था कि विवादित भूमि व्यापक सार्वजनिक हित के लिए है और समिति (याचिकाकर्ता) इस पर कब्जा करने और इसका उपयोग जारी रखने के लिए किसी निहित अधिकार का दावा नहीं कर सकती है। अदालत ने कहा था कि यह जमीन शहरी विकास मंत्रालय द्वारा अनुमोदित जोन-'ओ' के लिए क्षेत्रीय विकास योजना के अंतर्गत आती है। हाई कोर्ट ने कहा था कि समिति भूमि पर अपने स्वामित्व, अधिकार या हित से संबंधित कोई भी दस्तावेज दिखाने में बुरी तरह विफल रही है और इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मंदिर का कोई ऐतिहासिक महत्व है। (इनपुट- भाषा)

यह भी पढ़ें- 

फिर बोरवेल में फंसी मासूम की जिंदगी, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी; देखें Video

दिल्ली में गहराया जल संकट, पानी के लिए टैंकरों पर उमड़ रही भीड़; जमकर हो रही मनमानी

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें दिल्ली सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement