Friday, March 29, 2024
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लोकसभा चुनाव: गुजरात मेंं मत प्रतिशत में तीसरे नंबर पर Nota, बसपा और एनसीपी को भी पछाड़ा

गुजरात में जितनी बड़ी संख्या में नोटा को वोट पड़े हैं वह भाजपा और कांग्रेस के लिए एक बड़ा सवाल पैदा करते हैं। दोहोद और छोटा उदयपुर जैसी लोकसभा सीटों पर नोटा में 30 हजार से ज्यादा वोट पड़े हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: May 24, 2019 12:04 IST
Nota- India TV Hindi
Nota
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज करते हुए दोबारा सरकार बना ली है। वहीं मोदी के गृह राज्‍य गुजरात में विपक्षी पार्टियों का सूपड़ा साफ करते हुए सभी 26 सीटें जीत ली। पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में सत्‍तारुढ़ भाजपा को कड़ी टक्‍कर देने वाली कांग्रेस यहां एक भी सीट नहीं जीत सकी। लेकिन इस प्रचंड जीत के पीछे भी एक बड़ा सवाल है जो भाजपा को परेशान कर सकता है। गुजरात में जितनी बड़ी संख्‍या में नोटा को वोट पड़े हैं वह भाजपा और कांग्रेस के लिए एक बड़ा सवाल पैदा करते हैं। दोहोद और छोटा उदयपुर जैसी लोकसभा सीटों पर नोटा में 30 हजार से ज्‍यादा वोट पड़े हैं। 
 

बसपा, एनसीपी और एनसीपी से भी बड़ा नोटा

 
राज्‍य में नोटा की ताकत की बात करें तो इसे भाजपा, कांग्रेस या और अन्‍य के बाद चौथा सबसे बड़ा वोट शेयर मिला है। नोटा का यहां 1.38 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि बसपा को 0.86, सीपीआई को 0.02 और एनसीपी को 0.09 प्रतिशत वोट मिले हैं। 
 
  लोकसभा सीट नोटा मेें वोट
1. दाहोद 31926
2.  छोटा उदयपुर 32868
3. अमरेली 17567
4. बारडोली 22914
5. भावनगर 16368
7. गांधीनगर 14216

सत्‍तारूढ़ भाजपा के लिए खतरे की घंटी

जिस राज्‍य में भाजपा दो दशकों से सत्‍ता में हो, प्रधानमंत्री खुद गुजरात से हैं, ऐसे में इतनी बड़ी संख्‍या में नोटा में लोगों का वोट डालना कहीं न कहीं लोगों के अविश्‍वास को दर्शाता है। पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा को जीत दर्ज करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा था। लोकसभा के नतीजे भी बता रहे हैं कि लोगों ने मोदी के नाम पर वोट दिया है। लेकिन वे राज्‍य की भाजपा सरकार के काम से खुश नहीं हैं। राज्‍य के छोटा नागपुर में सबसे ज्‍यादा 32868 लोगों ने न तो बीजेपी या कांग्रेस या फिर किसी अन्‍य पार्टी को वोट दिया। वे लंबी कतारों में लगे और नोटा में वोट देकर अपना विरोध दर्ज किया। 
 

कांग्रेस के लिए भी मुश्किल 

 
ये आंकड़े जितने भाजपा को परेशान करने वाले हैं उतने ही कांग्रेस के लिए भी चिंताजनक हैं। गुजरात में भाजपा का विकल्‍प बनने का प्रयास कर रही कांग्रेस के लिए सीधा संदेश है कि लोग कांग्रेस को अभी भी विकल्‍प के रूप में स्‍वीकार नहीं कर रहे हैं। 
 

बहुजन समाज पार्टी नोटा से भी हारी 

 
चुनाव आयोग से प्राप्‍त आंकड़ों पर गौर करें तो गुजरात में लगभग सभी सीटों पर नोटा तीसरे नंबर पर रहा है। यहां तक कि मायावती के नेतृत्‍व वाली बहुजन समाज पार्टी अधिकतर सीटों पर नोटा से पीछे रही है। राज्‍य की भड़ूच खेड़ा, अहमदाबाद पूर्व, पश्चिम और बनासकाठा लोकसभा सीटों पर मायावती की पार्टी नोटा से भी पीछे रही है। 

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