Sunday, December 14, 2025
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ये योगासन कब्ज की कर देते हैं छुट्टी, रोज करें अभ्यास, पेट होगा तुरंत होगा साफ

Poonam Yadav Written By: Poonam Yadav @R154Poonam Published : Dec 14, 2025 06:53 pm IST, Updated : Dec 14, 2025 07:04 pm IST
  • कब्ज तब होता है जब पेट अच्छी तरह से साफ नहीं होता है। यानी जब मल पास करना मुश्किल हो जाता है। इसके पीछे सुस्त जीवनशैली, खराब खान-पान और तनाव जैसी स्थितियां ज़िम्मेदार होती हैं। ऐसे में योग कब्ज कंट्रोल करने के लिए प्रभावी उपाय माना जाता है। योगासन मल त्याग को नियमित करने में मदद कर सकते हैं, जिससे कब्ज से राहत मिल सकती है। चलिए जानते हैं वे कौन से योगासन हैं जो कब्ज की परेशानी को दूर करते हैं।
    Image Source : freepik
    कब्ज तब होता है जब पेट अच्छी तरह से साफ नहीं होता है। यानी जब मल पास करना मुश्किल हो जाता है। इसके पीछे सुस्त जीवनशैली, खराब खान-पान और तनाव जैसी स्थितियां ज़िम्मेदार होती हैं। ऐसे में योग कब्ज कंट्रोल करने के लिए प्रभावी उपाय माना जाता है। योगासन मल त्याग को नियमित करने में मदद कर सकते हैं, जिससे कब्ज से राहत मिल सकती है। चलिए जानते हैं वे कौन से योगासन हैं जो कब्ज की परेशानी को दूर करते हैं।
  • पवनमुक्तासन: पवनमुक्तासन का अर्थ है वायु-मुक्त करने वाला आसन।यह आसन पेट की गैस, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं, घुटनों को मोड़ें और उन्हें अपनी छाती की ओर लाएं। कुछ सेकंड के लिए इस पोज़ में रहें और फिर छोड़ दें।
    Image Source : YOUTUBE - @Ministry of Ayush
    पवनमुक्तासन: पवनमुक्तासन का अर्थ है वायु-मुक्त करने वाला आसन।यह आसन पेट की गैस, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। इसे करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं, घुटनों को मोड़ें और उन्हें अपनी छाती की ओर लाएं। कुछ सेकंड के लिए इस पोज़ में रहें और फिर छोड़ दें।
  • मालासन: मालासन में शौच वाली मुद्रा में बैठना होता है। यह पोजीशन पेल्विस को खोलने में मदद करती है और पाचन को बेहतर करती है। अपने पैरों को फर्श पर सपाट रखकर नीचे बैठें, और अपनी कोहनियों को अपने अंदरूनी घुटनों से दबाएं। इस पोजीशन में रहते हुए अपनी पीठ सीधी रखें।
    Image Source : FREEPIK
    मालासन: मालासन में शौच वाली मुद्रा में बैठना होता है। यह पोजीशन पेल्विस को खोलने में मदद करती है और पाचन को बेहतर करती है। अपने पैरों को फर्श पर सपाट रखकर नीचे बैठें, और अपनी कोहनियों को अपने अंदरूनी घुटनों से दबाएं। इस पोजीशन में रहते हुए अपनी पीठ सीधी रखें।
  • पश्चिमोत्तानासन: पश्चिमोत्तानासन में पैरों को सीधा फैलाकर बैठें और रीढ़ को सीधा रखते हुए धीरे-धीरे आगे झुककर अपने पैर की उंगलियों को छूने की कोशिश करे। यह आसन पीठ को स्ट्रेच करता है और पाचन को बेहतर करता है।
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    पश्चिमोत्तानासन: पश्चिमोत्तानासन में पैरों को सीधा फैलाकर बैठें और रीढ़ को सीधा रखते हुए धीरे-धीरे आगे झुककर अपने पैर की उंगलियों को छूने की कोशिश करे। यह आसन पीठ को स्ट्रेच करता है और पाचन को बेहतर करता है।
  • अर्ध मत्स्येन्द्रासन: अर्ध मत्स्येन्द्रासन आधा स्पाइनल ट्विस्ट योगासन है जिसमें रीढ़ को मोड़कर पेट के अंगों की मालिश होती है। यह आसन पाचन में मदद करता है और कब्ज से राहत देता है। अपने पैरों को फैलाकर बैठें, एक घुटना मोड़ें और अपने धड़ को दूसरी तरफ मोड़ें।
    Image Source : YOUTUBE - @Yoga & You
    अर्ध मत्स्येन्द्रासन: अर्ध मत्स्येन्द्रासन आधा स्पाइनल ट्विस्ट योगासन है जिसमें रीढ़ को मोड़कर पेट के अंगों की मालिश होती है। यह आसन पाचन में मदद करता है और कब्ज से राहत देता है। अपने पैरों को फैलाकर बैठें, एक घुटना मोड़ें और अपने धड़ को दूसरी तरफ मोड़ें।
  • धनुरासन: धनुरासन में पेट के बल लेटकर घुटनों को मोड़कर एड़ियों को हाथों से पकड़ा जाता है और साँस लेते हुए छाती व पैरों को ऊपर उठाया जाता है जिससे शरीर धनुष के समान दिखता है। यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है।
    Image Source : YOUTUBE - @Howcast
    धनुरासन: धनुरासन में पेट के बल लेटकर घुटनों को मोड़कर एड़ियों को हाथों से पकड़ा जाता है और साँस लेते हुए छाती व पैरों को ऊपर उठाया जाता है जिससे शरीर धनुष के समान दिखता है। यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है।