Friday, May 17, 2024
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पेट की गंभीर बीमारियों से हैं परेशान तो स्वामी रामदेव से जानें इसका अद्भुद समाधान

स्वीडन की एक यूनिवर्सिटी ने हाल ही में दुनिया के 33 देशों के 73 हजार लोगों पर स्टडी की है, जिसके मुताबिक 37 परसेंट पुरुष और 49 परसेंट महिलाएं पेट की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।

Written by: India TV Health Desk
Published on: February 23, 2022 9:05 IST
 yoga poses for stomach diseases - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV  yoga poses for stomach diseases 

पेट को हेल्दी बॉडी का पावरहाउस कहा जाता है। पेट सेट ना हो तो लाइफ अपसेट हो जाती है। वैसे अक्सर पेट से जुड़ी परेशानी को लोग छोटा समझकर नजरअंदाज करते हैं, लेकिन मामूली लगने वाली कब्ज और गैस्ट्रो प्रॉब्लम कब गंभीर बीमारी की शक्ल ले ले। पता ही नहीं चलता।  एक स्टडी के मुताबिक 'फंक्शनल गॅस्ट्रो-इंटेस्टाइनल डिसॉर्डर्स' तेजी से बढ़ रहे हैं। स्वीडन की एक यूनिवर्सिटी ने हाल ही में दुनिया के 33 देशों के 73 हजार लोगों पर स्टडी की है, जिसके मुताबिक 37 परसेंट पुरुष और 49 परसेंट महिलाएं पेट की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।

सिचुएशन क्रिटिकल होने से पहले कुछ लोगों की आंते ठीक से काम नहीं कर रही थी, तो वहीं कुछ लोग कॉन्स्टिपेशन पेट में भारीपन, जलन, डायरिया और थकान जैसी मामूली दिक्कतें महसूस कर रहे थे। कोरोना की थर्ड वेव में रिकवरी के बाद 30 परसेंट लोग पेट अपसेट होने की शिकायत कर रहे हैं। इनमें से बहुत से लोग हेल्दी डाइट के बावजूद थकान-कमजोरी महसूस कर रहे हैं। डॉक्टर्स इसकी वजह भी खराब डाइजेशन बता रहे हैं।

इनडाइजेशन की मामूली प्रॉब्लम को वक्त रहते अटेंशन ना दी जाए तो बाद में वो क्रोनिक अल्सरेटिव कोलाइटिस (IBS ) और यहां तक कि कोलन कैंसर में भी तब्दील हो सकती है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है, इससे योगासन की मदद से ठीक किया जा सकता है।

पाचन की परेशानी के कारण होने वाली बीमारियां

एसिडिटी
गैस्ट्रिक
कब्ज                                  
लूज मोशन
कोलाइटिस
अल्सर
ब्लोटिंग

शंख प्रक्षालन पेट के लिए फायदेमंद-
सुबह उठकर गुनगुना पानी पीएं
1-2 लीटर पानी एकबार में पीएं
पानी में सेंधा नमक और नींबू मिलाएं
पानी पीने के बाद 5 मिनट स्ट्रेचिंग करें

पेट को फिट रखने के लिए योगासन-
ताड़ासन

शरीर को लचीला बनाता है। 
थकान, तनाव और चिंता दूर करता है। 
पाचन को ठीक रखता है।

तिर्यक ताड़ासन-
रोज करने से शरीर काफी लचीला होता है। 
कमर की चर्बी पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
वजन घटाने में मदद मिलती है। 
मन को शांत रखने में सहायक है। 
लंग्स को मजबूत बनाता है।

कटिचक्रासन-
कमर, रीढ़ की मसल्स मजबूत बनती हैं। 
त्वचा में चमक आती है। 
सीने को चौड़ा करता है। 
डायबिटीज कंट्रोल होती है। 
पेट की चर्बी कम करता है। 
मोटापा कम करने में मददगार है। 
बच्चों का दिमाग तेज करता है। 

तिर्यक भुजंगासन-
किडनी को स्वस्थ बनाता है
लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है 
तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है
कमर का निचला हिस्सा मजबूत होता है
फेफड़ों, कंधों, सीने को स्ट्रेच करता है
रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
छाती चौड़ी होती है
कब्ज की समस्या में कारगर

उद्राकर आसन-
कब्ज में कारगर
पेट संबंधी समस्याओं से दिलाए निजात 
रीढ़ की हड्डी के लिए कारगर
शरीर को लचीला बनाए

मंडूकासन-
डायजेशन से जुड़े साइड इफेक्ट दूर करता है। 
फैटी लिवर की समस्या दूर करता है। 
ब्लड शुगर को कम करने में कारगर। 
लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है।
पैन्क्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है।
गैस और कब्ज की समस्या दूर होती है।
 
शशकासन-

माइग्रेन के रोग में फायदेमंद। 
तनाव और चिंता दूर होती है।
क्रोध और चिड़चिड़ापन दूर होता है।
मोटापा कम करने में मददगार है।
लिवर और किडनी के रोग दूर होते हैं। 

योगमुद्रासन-
कब्ज की समस्या दूर होती है
गैस से छुटकारा मिलता है
पाचन की परेशानी दूर होती है
छोटी-बड़ी आंते सक्रिय होती हैं

वक्रासन-
पेट पर पड़ने वाला दबाव फायदेमंद
कैंसर की रोकथाम में कारगर
पेट की कई समस्याओं में राहत
पाचन क्रिया ठीक रहती है
कब्ज ठीक होती है

गोमुखासन-
फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है
पीठ, बांहों को मजबूत बनाता है
रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
शरीर को लचकदार बनाता है
सीने को चौड़ा करने में सहायक
शरीर के पॉश्चर को सुधारता है

पवनमुक्तासन-
फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं
अस्थमा, साइनस में लाभकारी
किडनी को स्वस्थ रखता है
ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है
पेट की चर्बी को दूर करता है
मोटापा कम करने में मददगार
हृदय को सेहतमंद रखता है
ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है
रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है

उत्तानपादासन-
डायबिटीज कंट्रोल होती है।
एसिडिटी ठीक होती है। 
कमर दर्द में आराम मिलता है। 
हार्ट को मजबूत बनाता है। 
वजन कम करने में मददगार है। 
पैरों की मसल्स मजबूत होती है।
पेट से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं। 

इन प्राणायाम द्वारा कब्ज से मिलेगी राहत-
अनुलोम विलोम
कपालभाति 
भस्त्रिका
भ्रामरी
उज्जायी
उद्गीथ

कब्ज में एक्यूप्रेशर प्वाइंट-
पिंडलियों को 10 मिनट दबाएं। इससे कब्ज में राहत  मिलेगी।

कब्ज में फायदेमंद हैं ये आयुर्वेदिक औषधियां-
त्रिफला का नियमित सेवन करें। कब्ज दूर करने वाली चूर्ण हमेशा ना खाएं।
आंवला,एलोवेरा का जूस सुबह-शाम लें।
लौकी का जूस और सूप रोज पीएं।
कब्ज में गोधन अर्क बेहद कारगर है।
अभयारिष्ट के सेवन से कब्ज दूर होता है।
हरितकी से भी कब्ज में फायदा होता है।
अतिबला का पत्ता कब्ज ठीक करता है।
रात में मुनक्का-अंजीर भिगोकर रोज खाली पेट खाएं
सोने से पहले दो चम्मच ईसबगोल दूध या पानी से लें

कब्ज की समस्या से कैसे बचें?
खाना चबा-चबा कर खाएं।
खाना न ज्यादा खाएं और न कम
खाने के एक घंटे के बाद पानी पीएं।
सुबह में दही और दोपहर में छाछ पीएं।
रात में खाने के 1 घंटे बाद दूध पीएं।
दूध के साथ नमकीन चीजें ना खाएं।
रात में दही और छाछ ना लें ।
पहले सलाद और फल फिर भोजन करें।
हरी चीजों का सेवन बिना पकाएं करें।
आंवला का रस ताजा निकालकर पीएं
आंवला,एलोवेरा, व्हीटग्रास का रस पीएं
खाने में  नियमित अंकुरित अनाज लें

कोलाइटिस की समस्या से निजात पाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय-
अनार का रोजाना सेवन करे
दूधि का जूस, संजीवनी घास खाली पेट पिएं
बेल का मुरब्बा
बेल का पाउडर छाछ के साथ लें।
उर्जारिष्ट
कुटजारिष्ट
कुटजघन वटी
चित्रकादि वटी

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