Saturday, April 20, 2024
Advertisement

असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा, 'मुझ पर ‘गुप्त हत्याएं’ जारी रखने का दबाव बनाया गया था'

असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने बुधवार को दावा किया कि केंद्र की पूर्ववर्ती राजग सरकार ने उन पर ‘‘गोपनीय हत्याएं’’ जारी रखने का दबाव बनाया था जो उनके पूर्ववर्ती प्रफुल्ल कुमार महंत के कार्यकाल के दौरान ‘‘जोरशोर’’ से जारी थीं।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: February 22, 2019 19:48 IST
Tarun Gagoi File Photo- India TV Hindi
Tarun Gagoi File Photo

गुवाहाटी: असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने बुधवार को दावा किया कि केंद्र की पूर्ववर्ती राजग सरकार ने उन पर ‘‘गोपनीय हत्याएं’’ जारी रखने का दबाव बनाया था जो उनके पूर्ववर्ती प्रफुल्ल कुमार महंत के कार्यकाल के दौरान ‘‘जोरशोर’’ से जारी थीं। भाजपा ने आरोपों को ‘‘आधारहीन’’ करार दिया और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पर ‘‘विभाजनकारी राजनीति’’ करने के आरोप लगाए। वहीं महंत ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासनकाल में राज्य में न्यायेतर हत्याओं का दौर शुरू हुआ था। 

वर्ष 2001 से 2016 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे गोगोई ने दावा किया कि तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी पूर्वोत्तर में उग्रवाद को मिटाने के लिए पंजाब पुलिस के पूर्व प्रमुख के पी एस गिल को असम का राज्यपाल बनाना चाहते थे। पंजाब में आतंकवाद को कुचलने का श्रेय गिल को दिया जाता है। गोगोई ने कहा, ‘‘हम पर गुप्त हत्याएं जारी रखने का दबाव था लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। जब मैं 2001 में मुख्यमंत्री बना तो भाजपा चाहती थी कि गुप्त हत्याएं जारी रहें और आडवाणी चाहते थे कि इसके लिए के पी एस गिल को राज्यपाल के तौर पर भेजा जाए।’’ 

उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार के दबाव के कारण गिल को पूर्वोत्तर राज्य में नहीं भेजा गया। गोगोई 1990 के दशक में नकाबपोश लोगों द्वारा संदिग्ध उल्फा उग्रवादियों और उनके परिजन की न्यायेतर हत्या का जिक्र कर रहे थे। गोगोई ने कहा, ‘‘महंत जब सत्ता में थे तो असम में गुप्त हत्याएं हुईं। तब केंद्र में भाजपा की सरकार थी। अब महंत कहते हैं कि उन्होंने केंद्र के निर्देश पर ऐसा किया।’’ असम भाजपा के महासचिव दिलीप सैकिया ने आरोपों को खारिज कर दिया। 

सैकिया ने कहा, ‘‘यह आधारहीन आरोप है। हमने हमेशा भारत की अखंडता में विश्वास किया है लेकिन निर्दोष लोगों की गुप्त हत्या की कीमत पर नहीं। अगर वह ईमानदार थे तो उन्होंने गुप्त हत्याओं की जांच के आदेश क्यों नहीं दिए? वह सस्ती, विभाजनकारी राजनीति कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उल्फा के साथ वार्ता तोड़ी। 

असम गण परिषद् (अगप) के प्रफुल्ल कुमार महंत ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती कांग्रेस नेता हितेश्वर सैकिया ने गुप्त हत्याओं का काम शुरू कराया। उन्होंने आरोप लगाए, ‘‘कांग्रेस ने गुप्त हत्याओं की शुरुआत की। हितेश्वर सैकिया ने ऐसा कराया... इसका पहला शिकार तेजपुर का भूपेन बोरा बना जिसका कांग्रेस सरकार ने अपहरण कराकर हत्या करा दी।’’ सैकिया 1991 से 1996 तक असम के मुख्यमंत्री रहे। 

यह पूछने पर कि क्या ऐसी हत्याएं उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल में भी जारी रहीं तो महंत ने कहा, ‘‘सुरक्षा संबंधी सभी मुद्दों के लिए एकीकृत कमान जवाबदेह था और यह केंद्र सरकार के मातहत काम करता था।’’ गोगोई ने कहा कि राजग एक की सरकार उन पर उल्फा के प्रति ‘‘नरमी’’ बरतने का आरोप लगाती थी क्योंकि उन्होंने निर्दोष लोगों की हत्या नहीं होने दी। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement