Friday, December 13, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. आरटीआई के दायरे में सीजेआई दफ्तर को लाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनाएगा फैसला

आरटीआई के दायरे में सीजेआई दफ्तर को लाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनाएगा फैसला

प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के कार्यालय को सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के दायरे में लाने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय बुधवार को फैसला सुनाएगा।

Reported by: Bhasha
Published : November 12, 2019 18:50 IST
Supreme Court- India TV Hindi
Supreme Court

नयी दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के कार्यालय को सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के दायरे में लाने संबंधी दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय बुधवार को फैसला सुनाएगा। सीजेआई रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ कल अपराह्न दो बजे निर्णय सुनाएगी। पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना हैं। 

फैसला सुनाए जाने का नोटिस आज अपराह्न उच्चतम न्यायालय की आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक किया गया। पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने उच्च न्यायालय और केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के आदेशों के खिलाफ 2010 में शीर्ष अदालत के महासचिव और केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी द्वारा दायर अपीलों पर गत चार अप्रैल को निर्णय सुरक्षित रख लिया था। 

प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पीठ ने सुनवाई पूरी करते हुए कहा था कि कोई भी ‘‘अपारदर्शिता की व्यवस्था’’ नहीं चाहता, लेकिन पारदर्शिता के नाम पर न्यायपालिका को नष्ट नहीं किया जा सकता। इसने कहा था, ‘‘कोई भी अंधेरे की स्थिति में नहीं रहना चाहता या किसी को अंधेरे की स्थिति में नहीं रखना चाहता। आप पारदर्शिता के नाम पर संस्था को नष्ट नहीं कर सकते।’’ 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 10 जनवरी 2010 को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि प्रधान न्यायाधीश का कार्यालय आरटीआई कानून के दायरे में आता है। इसने कहा था कि न्यायिक स्वतंत्रता न्यायाधीश का विशेषाधिकार नहीं है, बल्कि उस पर एक जिम्मेदारी है। इस 88 पृष्ठ के फैसले को तब तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन के लिए निजी झटके के रूप में देखा गया था जो आरटीआई कानून के तहत न्यायाधीशों से संबंधित सूचना का खुलासा किए जाने के विरोध में थे। उच्च न्यायालय ने शीर्ष अदालत की इस दलील को खारिज कर दिया था कि सीजेआई कार्यालय को आरटीआई के दायरे में लाए जाने से न्यायिक स्वतंत्रता ‘‘बाधित’’ होगी।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement