Friday, April 19, 2024
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भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता, यूरोपीय संसद में गुरुवार को नहीं होगी सीएए विरोधी प्रस्ताव पर वोटिंग

यूरोपीय संसद के इस कदम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्च में ब्रसेल्स में होने वाले द्विपक्षीय सम्मेलन में शिरकत करने की योजना में किसी तरह की बाधा खड़ी नहीं होने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 30, 2020 7:14 IST
भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता, यूरोपीय संसद में गुरुवार को नहीं होगी सीएए विरोधी प्रस्ताव पर वोटिंग- India TV Hindi
भारत की बड़ी कूटनीतिक सफलता, यूरोपीय संसद में गुरुवार को नहीं होगी सीएए विरोधी प्रस्ताव पर वोटिंग

नयी दिल्ली: यूरोपीय संसद ने भारत के संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ पेश एक प्रस्ताव पर गुरुवार को मतदान नहीं कराने का निर्णय लिया है। यूरोपीय संसद के इस कदम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्च में ब्रसेल्स में होने वाले द्विपक्षीय सम्मेलन में शिरकत करने की योजना में किसी तरह की बाधा खड़ी नहीं होने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। यूरोपीय संसद ने बुधवार को निर्णय किया कि सीएए पर मतदान दो मार्च से शुरू हो रहे उसके नए सत्र पर कराया जाएगा। 

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सरकारी सूत्र मतदान टालने को कूटनीतिक सफलता बता रहे हैं। उनका कहना है कि बुधवार को भारत के मित्र अपने प्रयासों से पाकिस्तान के मित्र पर हावी रहे। सूत्रों ने बताया कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मार्च के मध्य में मोदी की ब्रसेल्स की यात्रा का आधार तैयार करने के वास्ते ब्रसेल्स जाने वाले हैं और यूरोपीय सांसद सीएए पर उनसे देश का नजरिया जानने तक मतदान टालने के लिए राजी हो गए हैं। 

कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि प्रस्ताव पर चर्चा तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगी लेकिन इस पर मतदान 30 और 31 मार्च को हो सकता है। यूरोपीय संसद के छह राजनीतिक दलों के सदस्यों ने भारत के सीएए के खिलाफ एक संयुक्त प्रस्ताव पेश किया और इसे भेदभाव करने वाला करार दिया। सूत्रों ने कहा कि बुधवार को फ्रेंड्स ऑफ पाकिस्तान पर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया हावी रहे। 

एक सूत्र ने कहा,‘‘ब्रेक्जिट से ठीक पहले भारत के खिलाफ यूरोपीय संसद में प्रस्ताव पारित कराने के निवर्तमान ब्रिटिश एमईपी शफ्फाक मोहम्मद के प्रयास असफल रहे।’’ सरकार कहती आ रही है कि सीएए भारत का आंतरिक मामला है और इसे समुचित प्रक्रिया का पालन कर अपनाया गया है। 

सूत्रों ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सीएए पर हमारे नजरिये को यूरोपीय संघ के सांसदों द्वारा निष्पक्ष और खुले मन से समझा जाएगा। उधर, यूरोपीय संघ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह प्रस्ताव भारत के प्रति उसका रुख जाहिर नहीं करता। ईयू के अधिकारियों ने कहा कि यह कुछ सांसदों की राय है और इसका ईयू के रुख से कोई लेना देना नहीं है।

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