Monday, May 06, 2024
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हिमाचल प्रदेश: एक साथ उठी 23 मासूमों की अर्थियां, अंतिम विदाई देख हर आंख हुई नम

इस हादसे ने खुआड़ा गांव के एक ही परिवार के चार बच्चों को लील गया। दो भाइयों के चार बच्चों की मौत हो गई है। जिस आंगन में रोज बच्चों का शोर होता था वहां चार बच्चों की अर्थियां सज रही थीं। गांव के राजेश जंबाल व नरेश सिंह के चार बच्चों की मौत हुई है। पोस्टमार्टम के बाद जब शव आंगन में पहुंचे तो हर ओर चीखो पुकार थी।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 11, 2018 13:30 IST
Himachal Pradesh: Nurpur village bears burden of loss as it cremates 16 kids- India TV Hindi
हिमाचल प्रदेश: एक साथ उठी 23 मासूमों की अर्थियां, अंतिम विदाई देख हर आंख हुई नम  

नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के नूरपुर में स्कूल बस हादसे में मारे गए 23 बच्चों और चार अन्य लोगों का अंतिम संस्कार मंगलवार को कर दिया गया। अधिकतर बच्चे ठेहड़ पंचायत के थे। इस पंचायत के खुआड़ा गांव के 16 बच्चों की मौत हुई थी। इनमें से 15 मासूमों की चिताएं एक साथ जलीं। वहीं एक मासूम को दफनाया गया। बच्चों के परिजन रोते-बिलखते अपनी आंखों के सामने अपने जिगर के टुकड़ों की चिताएं जलते देख रहे थे। इस स्कूल बस हादसे में अकेले खुआड़ा गांव के 16 चिराग बुझ गए।

उत्तर भारत में स्कूली बस में इतनी तादाद में मरने वाले मासूम बच्चे, जिनकी आयु 15 वर्ष से कम थी, शायद ही ऐसा कोई हादसा हुआ हो। इस हादसे में मारे गए कुछ बच्चे तो अपनी होश संभालने के बाद पहली बार स्कूली बस्ता उठाकर तथा मां द्वारा टिफिन में डाले गए खाने को लेकर स्कूल गए थे, किंतु उनके मां बाप को यह पता नहीं था कि अपने मासूम बच्चे के टिफिन में दोबारा रोटी डालना नसीब नहीं होगा।

इस हादसे ने खुआड़ा गांव के एक ही परिवार के चार बच्चों को लील गया। दो भाइयों के चार बच्चों की मौत हो गई है। जिस आंगन में रोज बच्चों का शोर होता था वहां चार बच्चों की अर्थियां सज रही थीं। गांव के राजेश जंबाल व नरेश सिंह के चार बच्चों की मौत हुई है। पोस्टमार्टम के बाद जब शव आंगन में पहुंचे तो हर ओर चीखो पुकार थी।

वहीं प्रदेश हाईकोर्ट ने नूरपुर स्कूल बस हादसे पर संज्ञान लेते हुए सरकार और वजीर राम सिंह पठानिया मेमोरियल स्कूल को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने के आदेश भी दिए। इसी स्कूल की बस हादसे का शिकार हुई थी, जिसमें दो दर्जन से ज्यादा बच्चे काल का ग्रास बने। मामले पर सुनवाई 20 अप्रैल को होगी।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने इस मामले में पूर्व महाधिवक्ता श्रवण डोगरा को एमिक्स क्यूरी नियुक्त किया और उनसे सुझाव देने को कहा कि ऐसे दर्दनाक हादसे फिर कभी न हों।

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