Tuesday, April 16, 2024
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कितना असरदार रहा 'रेल रोको' आंदोलन? रेलवे ने दी जानकारी

दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों, विशेष रूप से ट्रेन की पटरियों के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ट्रेन की पटरियों के पास कई जगहों पर अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया गया है और गश्त भी बढ़ा दी गई है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 18, 2021 16:19 IST
कितना असरदार रहा 'रेल रोको' आंदोलन? रेलवे ने दी जानकारी- India TV Hindi
Image Source : PTI कितना असरदार रहा 'रेल रोको' आंदोलन? रेलवे ने दी जानकारी

नई दिल्ली: केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के ‘रेल रोको’ आह्वान के बाद इसका रेलवे पर कितना असर हुआ इसपर उत्तर रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने बताया कि हम लोग समीक्षा कर रहे हैं, इस आंदोलन के कारण हमने एक भी रेल को कैंसिल नहीं किया है, एक भी रेल को डायवर्ट नहीं किया है। कुछ जगह इसका असर है। अगर पूरे उत्तर रेलवे को देखें तो बहुत ज्यादा असर नहीं है।

दिल्ली पुलिस ने पटरियों के पास सुरक्षा बढ़ाई

दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों, विशेष रूप से ट्रेन की पटरियों के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ट्रेन की पटरियों के पास कई जगहों पर अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया गया है और गश्त भी बढ़ा दी गई है। 

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हालांकि, इस संबंध में अभी तक कोई सूचना नहीं है कि रेल अवरोधक राष्ट्रीय राजधानी के अंदर लगाए जाएंगे। लेकिन पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। प्रदर्शन कर रहे किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए पिछले सप्ताह ‘रेल नाकाबंदी’ की घोषणा की थी। 

मोर्चा ने कहा था कि पूरे देश में दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक रेलें रोकी जाएंगी। रेलवे ने रेलवे संरक्षा विशेष बल की 20 अतिरिक्त कंपनियों को सुरक्षा में तैनात किया है, खास तौर से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल को ध्यान में रखा गया है।

किसानों ने चार घंटे के ‘रेल रोको’ अभियान की घोषणा की थी

कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों ने 18 फरवरी को चार घंटे के राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ अभियान की बुधवार को घोषणा की। किसानों ने 2019 में पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों की याद में 14 फरवरी को एक मोमबत्ती मार्च निकालने का भी फैसला किया है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बयान में यह भी घोषणा की कि अपनी एक सप्ताह लंबी विरोध रणनीति के तहत राजस्थान में 12 फरवरी से टोल संग्रह नहीं करने दिया जायेगा। 

बयान में कहा गया था, ‘‘पूरे देश में 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ‘रेल रोको’ अभियान चलाया जायेगा।’’ तीन कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर इस महीने के शुरू में उन्होंने तीन घंटे के लिए सड़कों को अवरुद्ध किया था। गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। एसकेएम के नेता दर्शन पाल ने कहा कि 14 फरवरी को शहीद जवानों की याद में पूरे देश में मोमबत्ती मार्च, ‘मशाल जुलूस’ और अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जायेगे। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को एक आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। 

उन्होंने कहा था कि किसान सर छोटू राम की जयंती पर एकजुटता दिखाते हुए कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि आंदोलनकारी किसान केंद्र में कोई सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसान नेता आंदोलन के प्रसार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा करेंगे।

टिकैत ने सिंघू बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा था कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि केंद्र कृषकों के मुद्दों का समाधान नहीं कर देता। उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता परिवर्तन (केंद्र में) का हमारा कोई उद्देश्य नहीं है। सरकार को अपना काम करना चाहिए। हम कृषि कानूनों को निरस्त कराना और एमएसपी पर कानून चाहते हैं।’’ टिकैत ने यह भी कहा कि संयुक्त किसान मोर्चे की एकता अक्षुण्ण है और सरकार को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए। 

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