Saturday, April 20, 2024
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Nuclear Power: दुनिया पर मंडराते परमाणु हमले के बीच भारत ने खोजी रेडियो एक्टिव किरणों से बचने की नई तरकीब, जानें कैसे

Nuclear Power: रूस और यूक्रेन के बीच छह महीने से चल रहे भीषण युद्ध के दौरान जिस तरह से हालात बदल रहे हैं, इससे पूरी दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की ओर जाती दिख रही है। ऐसे में कई देशों पर परमाणु हमले की आशंका भी बढ़ती जा रही है। रूस से लेकर उत्तर कोरिया तक अलग-अलग देशों पर परमाणु हमला करने की धमकी भी दे रहे हैं।

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra
Updated on: September 12, 2022 13:12 IST
Nuclear Attack- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Nuclear Attack

Highlights

  • डीआरडीओ के वैज्ञानिकों के हाथ लगी बड़ी सफलता
  • रेमोकोन वाइप्स से रेडियो एक्टिव विकिरण को कम करना आसान
  • कम क्षमता के परमाणु हमलों से होने वाले रेडियो एक्टिव तत्वों को रोकने में सक्षम

Nuclear Power: रूस और यूक्रेन के बीच छह महीने से चल रहे भीषण युद्ध के दौरान जिस तरह से हालात बदल रहे हैं, इससे पूरी दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की ओर जाती दिख रही है। ऐसे में कई देशों पर परमाणु हमले की आशंका भी बढ़ती जा रही है। रूस से लेकर उत्तर कोरिया तक अलग-अलग देशों पर परमाणु हमला करने की धमकी भी दे रहे हैं। क्या वाकई दुनिया परमाणु हमले के  बेहद करीब पहुंच चुकी है, क्या वाकई एक बार फिर परमाणु हमले से होने वाला रेडियोएक्टिव विकिरण मानवों की आने वाली पीढ़ियों की नस्लें भी खराब कर देगा ?... इस बारे में अभी कुछ भी कहना संभव नहीं है।

 हालांकि समझदारी इसी में है कि या तो इसे पूरी दुनिया मिलकर रोकने का प्रयास करे या फिर इससे बचने का कोई उपाय खोजा जाए। मगर इस ओर अभी दुनिया के किसी भी देश का ध्यान नहीं है, लेकिन इसी बीच भारत दुनिया से एक कदम आगे बढ़ते हुए न्यूक्लियर बम के विस्फोट के बाद होने वाले घातक रेडियो एक्टिव विकिरण से बचने का रास्ता खोज निकाला है। विज्ञान और अनुसंधान की दुनिया में नित नये-नये आयाम गढ़ रहे भारत के लिए इस खोज को बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। आइए अब आपको बताते हैं कि किस तरह से देश के वैज्ञानिकों ने रेडियोएक्टिव विकिरण से बचने का यह नायाब तरीका खोजा है....

डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता

भारत के रक्षा एवं अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के दिल्ली स्थित नाभिकीय औषधि व संबद्ध विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने रेडियो एक्टिव किरणों से बचने का तरीका खोज निकाला है। वैज्ञानिकों ने इसके लिए एक रेमोकोन वाइप्स बनाया है, जो कि रेडियोएक्टिव तत्वों को प्राथमिक तौर पर निष्क्रिय कर सकती है। इस वाइप्स के जरिये त्वचा को साफ किया जाएगा। इससे रेडियो एक्टिव तत्व शरीर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाएंगे। वैज्ञानिकों ने मैसूर की एक कंपनी को यह वाइप्स बनाने की तकनीकि का स्थानांतरण भी कर दिया है। 

Radioactive rays

Image Source : INDIA TV
Radioactive rays

रेडियोएक्टिव तत्व पैदा करते हैं कैंसर जैसी घातक बीमारियां
रेडियो विकिरण से कैंसर जैसी घातक बीमारियां होने का खतरा रहता है। परमाणु हमला होने पर भी भारी मात्रा में रेडियो एक्टिव तत्व वातावरण में फैल जाते हैं, जो किसी शरीर के संपर्क में आते ही उसमें प्रवेश कर जाते हैं और कैंसर जैसी प्राण घातक बीमारियों को जन्म देते हैं। बाद में यह जीन पर चिपक जाते हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी ट्रांसफर हो सकते हैं। मगर रेमोकोन वाइप्स से त्वचा को पोछने पर सारे रेडियोएक्टिव तत्व लगभग समाप्त हो जाते हैं। इससे रेडियो एक्टिव किरणों से होने वाले दुष्परिणामों से लोगों को बचाया जा सकता है। इसलिए इसे बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। 

कम क्षमता के परमाणु हमले के विकिरण से संभलना आसान
वैज्ञानिकों के अनुसार रेमोकोन वाइप्स से कम क्षमता वाले परमाणु हमलों के बाद होने वाले रेडियो एक्टिव विकिरण के प्रभाव से बचा जा सकता है। रेमोकोन वाइप्स को सामान्य वाइप्स की तरह ही इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे सेना के जवानों, स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों के साथ आम जनों को रेडियो एक्टिव तत्वों के घातक प्रभाव से बचाया जा सकेगा। क्योंकि इससे पोछने पर रेडियो एक्टिव तत्व त्वचा से हट जाते हैं और निष्क्रिय हो जाते हैं। 

कैंसर रोकने में भी कारगर
यह रेमोकोन वाइप्स रेडियो एक्टिव विकिरण से राहत दिलाने के साथ ही साथ कैंसर होने से भी बचाने का काम करेगी। क्योंकि कैंसर में भी रेडियो एक्टिव
तत्व निकलते हैं, जो डाक्टरों स्वास्थ्य कर्मियों या अन्यके शरीर पर चिपक जाते हैं। फिर धीरे-धीरे वह अंदर प्रवेश कर जाते हैं। मगर रेमोकोन वाइप्स ऐसा नहीं होने देगी। 

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