Sunday, May 05, 2024
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उत्तरकाशी हादसा: 7 दिन से टनल में फंसी 40 जिंदगियां, 2 मजदूरों की तबीयत बिगड़ी... कहां तक पहुंचा रेस्क्यू ऑपरेशन?

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल में फंसे 40 मजदूरों को निकालने का काम आज सातवें दिन भी जारी है जहां ड्रिलिंग में चट्टान परेशानी बन रही है। इस बीच टनल के अंदर 2 मजदूरों की तबीयत खराब हो गई है जिसके बाद से टेंशन और ज्यादा बढ़ रही है।

Reported By : Manish Prasad Edited By : Khushbu Rawal Updated on: November 18, 2023 11:46 IST
tunnel rescue operation- India TV Hindi
Image Source : PTI सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल में फंसे 40 मजदूरों की जान बचाने का ऑपरेशन चल रहा है, युद्ध स्तर पर कोशिशें की जा रही हैं और हर रोज ये आस लगाई जाती है कि आज खुशखबरी आएगी। आज 7वां दिन है लेकिन उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे एक भी मजदूर को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है।

मिल गया जान बचाने का रास्ता?

मलबे के बीच मजदूरों की वापसी का रास्ता बनाया जा रहा है लेकिन ड्रिलिंग के काम में लगी अमेरिकन हैवी ऑगर्स मशीन के रास्ते में चट्टान लगातार मुसीबत बन रही है जिस वजह से रेस्क्यू की स्पीड धीमी पड़ती जा रही है। रेस्क्यू के लिए मशीन के सहारे जिस पाइप को डाला जा रहा है वो बहुत धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। शुक्रवार को ड्रिलिंग के काम में लगी अमेरिकन हैवी ऑगर्स मशीन के रास्ते में चट्टान आने से कई बार रेस्क्यू बंद करना पड़ा। करीब 3 घंटे की ड्रिलिंग के बाद ऑगर्स मशीन को रेस्ट दिया गया। हालांकि सिल्क्यारा टनल में अबकर 24 मीटर के करीब पाइप जा चुका है और मशीन को कुल 60-70 मीटर तक ड्रिलिंग करनी है। जिसे लेकर इंदौर से एक और आधुनिक मशीन मंगाई गई है। नई ऑगर्स मशीन कल देर रात देहरादून के जौलीग्रांट पहुंची जहां से उत्तरकाशी तक सड़क के रास्ते लाने में करीब 12 घंटे का समय लगेगा तो वहीं इन सबके बीच टनल के अंदर 2 मजदूरों की तबीयत खराब हो गई है जिसके बाद से टेंशन और ज्यादा बढ़ रही है।

इंदौर से नई ऑगर्स मशीन आज आएगी उत्तरकाशी

रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए इंदौर से नई ऑगर्स मशीन उत्तरकाशी लाई जा रही है। वहीं पहले लाई गई अमेरिकी ऑगर्स मशीन ने 24 मीटर ड्रिलिंग की गई है जिसमें 6-6 मीटर के 4 पाइप मलबे के अंदर डाले गए हैं। मशीन को कुल 60-70 मीटर तक ड्रिलिंग करनी है। 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुए हादसे में टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर दूर मिट्टी धंसी जिसमें मजदूर अंदर फंस गए हैं। 2340 मीटर की लंबाई वाले टनल में मलबा 60-70 मीटर तक फैला गया है।

uttarkashi tunnel

Image Source : PTI
रेस्क्यू में मुसीबत बनी चट्टान

मजदूरों के परिवार की बढ़ी चिंता

टनल में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू के लिए सरकार की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। पहले ही दिन से सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद एक्शन मोड में हैं और रेस्क्यू से जुड़ी हर जानकारी पर धामी की नजर है। पीएम मोदी भी स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है वैसे-वैसे मजदूरों के परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है और अब जब 2 मजदूरों की तबीयत बिगड़ने की खबर आई है तब उनका गुस्सा फूटने लगा है।

  • जिन 2 मजदूरों की तबीयत खराब हुई है, उनमें एक को अस्थमा जबकि दूसरे को डायबिटीज है।
  • खाना-पानी भेजने वाले पाइप से इनकी दवाई नियमित भेजी जा रही हैं
  • अंदर फंसे लोगों की बात उनके परिजन और रेस्क्यू में लगे अफसरों से सुबह-शाम करवाई जा रही है
  • टनल के अंदर मजदूरों को खाने के लिए भुने और अंकुरित चने बिस्किट, ड्राई फ्रूट्स और चिप्स भेजे जा रहे हैं
  • इसके साथ ही ग्लूकोज और पानी की सप्लाई भी की जा रही है

परिजन लगातार कर रहे संवाद

सुरंग में फंसे 40 मजदूरों में से कई लोगों के परिजन साइट पर ही हैं। प्रशासन की टीमें और परिजन मजदूरों से लगातार संवाद कर रहे हैं। वहीं, मजदूर भी एक दूसरे का हौसला बढ़ा रहे हैं। ड्रिलिंग मशीन से मलबे के बीच से रास्ता बनाकर मजदूरों को निकालने की कोशिश हो रही है लेकिन 60 से 70 मीटर की खुदाई का ये काम कब तक पूरा होगा, इस पर दावे के साथ कोई भी बोलने को तैयार नहीं है।

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