झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायक दशरथ गगराई की पहचान को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इसे लेकर झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के. रविकुमार ने जांच के आदेश दिए हैं। रविवार को रविकुमार ने सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त (DC) नीतीश कुमार सिंह को इस मामले की औपचारिक शिकायत की जांच करने का निर्देश दिया।
पूर्व सैनिक ने लगाए गंभीर आरोप
यह मामला तब सामने आया, जब लालजी राम तियु नामक एक शख्स ने खरसावां से तीन बार विधायक रहे दशरथ गगराई की पहचान पर सवाल उठाते हुए एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। खुद को पूर्व सैनिक बताने वाले शिकायतकर्ता ने 18 सितंबर को दिए गए एक हस्ताक्षरित हलफनामे में दावा किया है, "दशरथ गगराई के नाम से वर्तमान में विधायक पद पर आसीन व्यक्ति वास्तव में रामकृष्ण गगराई हैं, जो असली दशरथ गगराई के बड़े भाई हैं।"
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के. रविकुमार ने शिकायत की गंभीरता को देखते हुए कहा, "मैंने शिकायतकर्ता के हलफनामे के साथ शिकायत को सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह को जांच के लिए भेज दिया है।"
विधायक ने आरोपों को किया खारिज
वहीं, विधायक दशरथ गगराई ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने संपर्क किए जाने पर बताया कि यह आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। दशरथ गगराई ने अपनी सफाई में कहा, "मैंने हलफनामे और दस्तावेज जमा किए हैं, जिनकी विधानसभा चुनावों में तीन बार जांच की जा चुकी है। आरोप बेबुनियाद हैं।"
विधायक ने पलटवार करते हुए शिकायतकर्ता की मंशा पर भी सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया, "दरअसल, नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी शिकायतकर्ता अब जमानत पर बाहर हैं और सत्ता में बैठे लोगों पर ऐसे आरोप लगाने की उनकी आदत है।" (इनपुट- भाषा)
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