Friday, March 29, 2024
Advertisement

गर्मियों में पनपने वाले इस मच्छर से हो सकता है जानलेवा West Nile Fever, इन लक्षणों को को न करें इग्नोर

गर्मियों में वेस्ट नाइल बुखार से मच्छर-जनित संक्रमणों का जोखिम बढ़ जाता है, इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए। डब्ल्यूएनवी पक्षियों और मच्छरों के बीच संचरण चक्र के जरिए प्रकृति में बना रहता है। इससे मनुष्य, घोड़े और अन्य स्तनधारी भी संक्रमित हो सकते हैं।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: May 27, 2019 10:35 IST
West nile fever- India TV Hindi
West nile fever

हेल्थ डेस्क: केरल के मलप्पुरम जिले में हाल ही में सात वर्षीय एक लड़के की मौत वेस्ट नाइल फीवर से हो गई। वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यूएनवी) ने स्पष्ट रूप से लड़के के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित किया, जिससे जटिलताएं हुईं और दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। वेस्ट नाइल वायरस क्यूलेक्स मच्छर फैलाता है, जो गर्मियों में अधिक सक्रिय रहता है।

भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल (एनएचपीआई) के अनुसार, मई 2011 में केरल में तीव्र एंसेफलाइटिस सिंड्रोम के प्रकोप के दौरान, नैदानिक नमूनों में डब्ल्यूएनवी की उपस्थिति की पुष्टि की गई थी। तब से केरल में डब्ल्यूएनवी इंसेफेलाइटिस के मामले नियमित रूप से सामने आते रहे हैं। डब्ल्यूएनवी फैलाने वाला क्यूलेक्स मच्छर गर्मियों में अधिक सक्रिय होता है।

ये भी पढ़ें- ऑफिस में ऑल टाइम रहना चाहते हैं फ्रेश तो जंक फूड को करें बाय और इन चीजों को करें हाय

 वेस्ट नाइल बुखार एक वायरल संक्रमण है जो आमतौर पर मच्छरों द्वारा फैलता है। लगभग 80% संक्रमणों में लोगों में इसके कुछ या कोई लक्षण प्रकट नहीं होते हैं। लगभग 20% लोग बुखार, सिरदर्द, उल्टी, या दाने उत्पन्न होते हैं। 1% से कम लोगों में, इंसेफेलाइटिस या मेनिन्जाइटिस, गर्दन की अकड़न, भ्रम या दौरे पड़ सकते है।

हेल्थ केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि गर्मियों में वेस्ट नाइल बुखार से मच्छर-जनित संक्रमणों का जोखिम बढ़ जाता है, इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए। डब्ल्यूएनवी पक्षियों और मच्छरों के बीच संचरण चक्र के जरिए प्रकृति में बना रहता है। इससे मनुष्य, घोड़े और अन्य स्तनधारी भी संक्रमित हो सकते हैं।

ये भी पढ़ें- दबंग गर्ल सोनाक्षी सिन्हा खुद को फिट रखने के लिए जिम में यूं बहाती हैं पसीना, सामने आया Video

उन्होंने बताया कि मनुष्य संक्रमित मच्छरों के काटने से इस संक्रमण का शिकार होता है। वायरस अन्य संक्रमित जानवरों, उनके रक्त या अन्य ऊतकों के संपर्क के माध्यम से भी फैल सकता है। यह अंग प्रत्यारोपण, रक्त आधान यानी ट्रांसफ्यूजन औरब्रेस्ट के दूध के माध्यम से भी हो सकता है। हालांकि आकस्मिक संपर्क के माध्यम से डब्ल्यूएनवी के किसी भी मानव से मानव संचरण का मामला सामने नहीं आया है। यह संक्रमण डेंगू या चिकनगुनिया जैसा हो सकता है।

क्या होता है वेस्ट नीइल बुखार?

यह एक तरह का दुर्लभ और खतरनाक वायरस है जो मच्छरों से इंसान, पक्षी, जानवर (घोड़े) और अन्य स्तनधारी जानवरों में फैलता है और उनको संक्रमित कर सकता है। यह एक तरह का पॉजिटिव स्टैण्डर्ड RNA फ्लेविवायरस (flevivirus) होता है और यह रोग, क्यूलेक्स (culex) मच्छर के काटने से होता है। यह वायरस पहली बार यूगांडा के वेस्ट नाइल जिले में 1937 में एक महिला में पाया गया था। इस मच्छर के काटने से मनुष्यों और जानवरों में कई प्रकार की गंभीर बीमारी उत्पन्न हो सकती है।

वेस्ट नाइल फीवर के लक्षण

  • शुरुआत में वेस्ट नाइल फीवर के कुछ सामान्य से लक्षण दिखाए देते है जैसे-
  • तेज बुखार आना
  • सिर दर्द होना
  • शरीर में दर्द और अकडन होना
  • उल्टी और दस्त
  • थकान लगना
  • शरीर पर लाल चिक्कते उठाना

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Health News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement