Thursday, December 12, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. हेल्थ
  4. मधुमेह के इलाज के क्षेत्र में ऐसी हैरान कर देने वाली खोज जो अभी तक नहीं हुई

मधुमेह के इलाज के क्षेत्र में ऐसी हैरान कर देने वाली खोज जो अभी तक नहीं हुई

मधुमेह के उपचार के क्षेत्र में भारतीय चिकित्सकों ने महत्वपूर्ण व प्रथप्रदर्शक खोज की है। चिकित्सकों के मुताबिक इस खोज से मधुमेह के प्रकार का पता कर उसका इलाज आसानी से किया जा सकता है।

Edited by: IANS
Published : February 23, 2018 10:55 IST
Novo pioneering diabetes- India TV Hindi
Novo pioneering diabetes

नई दिल्ली: मधुमेह के उपचार के क्षेत्र में भारतीय चिकित्सकों ने महत्वपूर्ण व प्रथप्रदर्शक खोज की है। चिकित्सकों के मुताबिक इस खोज से मधुमेह के प्रकार का पता कर उसका इलाज आसानी से किया जा सकता है। उनका कहना है कि अक्सर मधुमेह पीड़ितों को इंसुलिन लेना पड़ता है जबकि मधुमेह की टाइप-1 का उपचार बगैर इन्सुलिन का संभव है।

'बीएमसी मेडिकल जेनेटिक्स' जर्नल में मैच्योरिटी ऑनसेट डायबिटीज ऑफ द यंग (एमओडीवाई) नाम से प्रकाशित इस शोध में अनुसंधानकर्ताओं ने मुधमेह के प्रकार उल्लेख किया है। मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन (एमडीआरएफ) के डॉ. वी. मोहन और डॉ. राधा वेंकटेशन द्वारा जेनेनटेक, कैलिफोर्निया से डॉ. एंड्रयू एस. पीटरसन, डॉ. सोमशेखर शेशगिरी और डॉ. थॉन्ग टी. एनगुयेन और मेडजेनोम, भारत से डॉ. रामप्रसाद और सैम संतोश के सहयोग से यह शोध प्रकाशित हुआ। 

चिकित्सकों ने बताया कि सामान्य रूप से मधुमेह के दो प्रकार होते हैं। मधुमेह पकार-1 की शिकायत युवाओं या बच्चों को होती है है। एमओडीवाई के साथ मरीज आमतौर पर कमजोर होते हैं और उनकी कम उम्र के कारण उन्हें टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित बताया जाता है और उन्हें जीवनभर इंसुलिन इंजेक्शन लेने की सलाह दी जाती है।

मधुमेह प्रकार-2 डायबिटीज सामान्य तौर पर वयस्कों को प्रभावित करता है और बीमारी के अंतिम स्तरों को छोड़कर हाइपरग्लाइकेमिया को नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन की जरूरत नहीं होती है। डॉ. वी. मोहन, निदेशक, एमडीआरएफ ने कहा, "एमओडीवाई जैसे डायबिटीज के मोनोजेनिक प्रारूप का पता चलने का महत्व सही जांच तक है क्योंकि मरीजों को अक्सर गलत ढंग से टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित बता दिया जाता है और उन्हें गैर-जरूरी रूप से पूरी जिंदगी इंसुलिन इंजेक्षन लेने की सलाह दी जाती है।

एक बार एमओडीवाई का पता चलने पर एमओडीवाई के ज्यादातर प्रारूपों में इंसुलिन इंजेक्षन को पूरी तरह रोका जा सकता है और इन मरीजों का इलाज बहुत ही सस्ते सल्फोनिलयूरिया टैबलेट से किया जाता है जिनका इस्तेमाल दशकों से डायबिटीज के इलाज के लिए किया जाता है। जहां तक उपचार और इन मरीजों के जीवन और उनके परिवारों की बात है तो यह एक नाटकीय बदलाव है।"

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Health News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement