सोनू निगम भारतीय बॉलीवुड सिंगर हैं। सोनू चार साल की उम्र से गाने गाते आ रहे हैं। उन्होने सबसे पहले अपने पिताजी के साथ मंच पर मोहम्मद रफ़ी का गीत 'क्या हुआ तेरा वादा' गाया था। तभी से शादियों और पार्टियों में वे अपने पिताजी के साथ गाने लगे। कुछ और बड़े होने पर उन्होंने संगीत प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया। 19 साल की उम्र में वो पिता के साथ मुंबई आ गए। सोनू ने शास्त्रीय गायक उस्ताद ग़ुलाम मुस्तफ़ा ख़ान से शिक्षा ली। शुरुआत में सोनू निगम को अपना नाम बनाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। टी-सीरीज़ के लिए रफ़ी की यादें नाम के एल्बम के लिए सोनू ने मोहम्म्द रफ़ी के गाने गाना शुरु किया। टी-सीरीज़ के मालिक गुलशन कुमार ने उन्हें ज़्यादा लोगों तक पहुँचने का अवसर दिया। पार्श्व गायक के रूप में सोनू ने अपना पहला गीत फ़िल्म 'जनम' के लिए गाया, जो कि कभी औपचारिक तौर पर रिलीज़ नहीं हुआ। तभी उन्होने रेडियो पर विज्ञापन बनाना शुरु किया और साथ-साथ साल 1995 में ज़ी टी. वी. के प्रसिद्ध कार्यक्रम सा रे गा मा का संचालन शुरु किया। कुछ ही दिनों में यह कार्यक्रम बहुत प्रचलित हो गया। इसके बाद, सोनू ने फ़िल्म बेवफ़ा सनम के लिए 'अच्छा सिला दिया' नाम का गीत गाया। उनकी पहली मुख्य सफलता 1997 में बॉर्डर फ़िल्म के गीत 'संदेशे आते हैं' के रूप में आई। 1999 में उनकी पहली एल्बम 'दीवाना' आई, जिसमें उन्होने प्रेम-गीतों में अपना जौहर दिखाया और आज भी यह एल्बम भारत की सबसे सफल एल्बमों में से एक है। मोहम्म्द रफ़ी की परछाईं कहलाना उन्होने तब छोड़ दिया जब उसी साल उन्होने नदीम-श्रवण द्वारा संगीत-निर्देशित 'परदेस' फ़िल्म का गीत 'यह दिल दीवाना' गाया। तब से, उन्होने अपनी अलग पहचान बनाई है और आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बन गए हैं। तब से अब तक, सोनू भारतीय संगीत जगत में एक प्रमुख हस्ती बन चुके हैं। उन्होने कई फ़िल्मों में पार्श्वगायन किया है और कई पुरस्कार भी जीते हैं। हर तरह के गीत गाने के साथ-साथ उन्होने अनेक भाषाओं में गाने गाए हैं, जैसे कि कन्नड़, आसामीज़, बंगाली, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, अंग्रेज़ी, भोजपुरी, उर्दू, नेपाली, छत्तीसगढ़ी, मलयालम और मराठी।
सिंगर सोनू निगम आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। सोनू निगम अजान विवाद के बाद इंडिया टीवी के शो 'आप की अदालत' में मेहमान बनकर आए थे, जानिए उन्होंने यहां कौन-कौन सी बातें की।
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