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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में रामलला को 5 साल का ही स्वरूप क्यों दिया गया? जानें इसकी वजह और महत्व

Ram Mandir: रामलला अपने राजमहल में विराजमान हो चुके हैं। भगवान राम का बाल स्वरूप हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं अयोध्या मंदिर में रामलला की मूर्ति को 5 साल के बालक का ही स्वरूप क्यों दिया गया है।

Written By: Vineeta Mandal
Published : Jan 24, 2024 12:36 IST, Updated : Jan 24, 2024 14:10 IST
Ram Mandir- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Ram Mandir

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। भव्य राम मंदिर और कौशल्या नंदन की मनमोहक मूर्ति देखकर भक्तगण भावविभोर हो गए हैं। वर्षों इंतजार के बाद आज पावन नगरी अयोध्या धाम में राजा राम का महल तैयार हुआ है। इस शुभ घड़ी को देखने के लिए राम भक्तों की आंखें तरस रहीं थीं। तप, त्याग और सब्र के बाद 22 जनवरी 2024 को इस पावन घड़ी का समय आया और राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। अयोध्या में 5 साल के ही रामलला की मूर्ति स्थापित की गई है, जो कि 51 इंच की है। तो आइए जानते हैं कि रामलला को 5 वर्ष का ही स्वरूप क्यों दिया गया है।

अयोध्या में 5 साल के ही रामलला की मूर्ति क्यों रखी गई है?

अयोध्या मंदिर में विराजित रामलला की मूर्ति हर किसी को आकर्षित और मोहित कर रही है। बाल स्वरूप राम भगवान को देखकर हर कोई भावुक नजर आ रहा है। वहीं बहुत से लोगों के मन में सवाल भी आ रहा है कि आखिर रामलला की मूर्ति को 5 साल का स्वरूप क्यों दिया गया है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, 5 साल की उम्र तक को ही बाल्यकाल का समय माना जाता है। इसके बाद बालकर बोधगम्य हो माना जाता है। 5 साल तक के बच्चे बोध होते हैं, इसलिए उनकी हर गलती माफ होती है।  हिंदू ग्रंथों के मुताबिक, पांच साल की उम्र तक भगवान और दिव्य पुरुषों की बाल लीलाओं का आनंद लिया गया है। इसका उदाहरण इस दोहे से समझा जा सकता है।

काकभुशुंडी के श्लोक के अनुसार- 

तब तब अवधपुरी मैं जाऊं। बालचरित बिलोकि हरषाऊं॥ 

जन्म महोत्सव देखउं जाई। बरष पांच तहं रहउं लोभाई॥

(श्लोक का अर्थ है- इस श्लोक के माध्यम से काकभुशुंडी कहते हैं कि तब-तब मैं अवधपुरी जाता हूं तो उनकी बाल लीला देखकर हर्षित (खुश) होता हूं।  वहां जाकर मैं जन्म महोत्सव देखता हूं और उनकी लीला के लोभ में 5 साल तक वहीं रहता हूं।)

अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति 51 इंच की क्यों है? 

अयोध्या में रामलला की मूर्ति 51 इंच की बताई जा रही है। आपको बता दें कि आमतौर पर 5 साल तक के बच्चे की लंबाई  43 से 45 इंच होती है। लेकिन भगवान राम ने जिस युग में जन्म लिया था उस समय बच्चों की लंबाई अधिक होती थी। इसके अलावा  51 शुभ नंबर को देखते हुए भी रामलला की मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच रखी गई है। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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