Friday, April 26, 2024
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'एडटेक का सबसे बड़ा उद्येश्य तकनीक नहीं बल्कि इसके प्रयोग के लिये प्रेरित करना' - पीयूष सिंह चौहान

प्रौद्योगिकी लोगों के लिये दुनियांभर के अवसर प्रदान करता है। यह अमीर और गरीब के बीच की खाई कम करने का सबसे बड़ा साधन है।

Sudhanshu Gaur Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: January 14, 2023 18:05 IST
एडटेक - India TV Hindi
Image Source : FILE एडटेक

साफतौर से भारत में अमीर-गरीब, शिक्षित और अशिक्षित के बीच असमानता देखा जाना बड़ा दुर्भाग्य रहा है। समाज में लंबे समय से व्याप्त इस व्यवस्था के कई कारण रहे हैं। इसके अलावा, परिस्थिति में बदलाव के लिये यह देश में प्रतिभावान व्यक्तियों के संघर्ष को भी दर्शाता है, जब वह, पेशेवर एवं सामाजिक वर्ग की साख तक पहुंचने के पागलपन की दौड़ में शामिल होते हैं। ऐसी स्थिति में शिक्षा प्रौद्योगिकी (एडटेक) की शुरूआत राहत प्रदान करता है, जिसके होने से अंततः हम इस असमानता को खत्म होते हुए देख सकते हैं। यह एक उद्यमी, एसआर ग्रुप के वाइस चेयरमेन पीयूष सिंह चौहान की सोच थी, जिन्होंने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में  एडटेक के प्रयोग की वकालत की। 

लखनऊ में एसआर ग्रुप के अन्तर्गत स्कूल एवं कॉलेज का संचालन कर रहे पीयूष चौहान कहते हैं कि “वास्तव में एडटेक समानता लाने में अहम भूमिका निभाता है। अगर हम आधुनिक निर्देशात्मक प्रौद्योगिकी के बारे में बात करते हैं तो अब तक एकमात्र सबसे बड़ा संसाधन इंटरनेट है, जो बहुत ही लागत प्रभावी सीमा में समान रूप से देता सेवाएं देता है।   यह सही भी है। एडटेक केवल छात्रों को कनेक्टिविटी बढ़ाने और तकनीकी जानकारी की ही नहीं, बल्कि यह शिक्षकों को भी स्वयं में सुधार लाते हुए अधिक प्रभावी शिक्षण दृष्टिकोण अपनाने की बात करता है।” 

पीयूष सिंह चौहान

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पीयूष सिंह चौहान

पीयूष सिंह चौहान आगे कहते हैं कि प्रौद्योगिकी लोगों के लिये दुनियांभर के अवसर प्रदान करता है। यह अमीर और गरीब के बीच की खाई कम करने का सबसे बड़ा साधन है। प्रौद्योगिकी के संबंध में कई आश्चर्यजनक कहानियां हैं, जिनमें एक व्यक्ति जिसके पास कुछ नहीं था, लेकिन एक कम्पूटर के साथ उसने ऑनलाइन बिजनेस करते हुए सफलता हासिल किया। ज्यादातर, दसवीं, बारहवीं या बारहवीं के बाद छात्रों को किस तरह आगे के जीवन के लिये तैयार किया जाना है, इस बात पर जोर दिया जाता है। सिंगापुर सहित कई देशों में बिना किसी नाम दिये, व्यक्तिगत शिक्षा को महत्व दिया जाता है। एडटेक का सबसे बड़ा उद्येश्य तकनीक नहीं बल्कि इसके प्रयोग के लिये प्रेरित करना है।”

प्रौद्योगिकी, शिक्षा में असमानता को कम कर देती है। अगर शिक्षकों को  शिक्षण में एडटेक के प्रयोग के सही तरीके से प्रशिक्षित किया जाता है तो एक बुनियादी डिजिटल कक्षा में शैक्षिक असमानता प्रभावी रूप से खत्म होने लगेगी और इस तरह भौतिक संसाधन की कमी का असर किसी छात्र पर नहीं दिखेगा।

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