देश में हालांकि एटीएम मशीनें अभी भी काम कर रही हैं, लेकिन निकासी को 24 घंटे में लगभग 200 डॉलर तक सीमित कर दिया गया है।
विदेश मंत्री जीन येस ली ड्रिआन और रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने घोषणा की कि निकासी अभियान में अफगानिस्तान से करीब तीन हजार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन की अफगान नीति की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका को जितनी बुरी स्थिति में डाला जा सकता था, वह उतनी खराब स्थिति में है।
इस्लामिक स्टेट के अफगानिस्तान में संबद्ध, जिन्हें इस्लामिक स्टेट खुरासान या आईएसआईएस-के कहा जाता है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
ब्रिटेन के लिए ‘प्रत्यक्ष खतरा’ पेश करने वाले लोग अफगानिस्तान से निकलकर अन्य देशों में शरण के लिए जा रहे लोगों के बीच पाए गए थे।
तालिबान के हाथ छह लाख हथियार, 75 हजार बख्तरबंद गाड़िया और 200 से ज्यादा एयरोप्लेन और चौपड़ लगे हैं जिसकी कीमत लगभग 85 अरब है। दरअसल 15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान के 34 में से 33 प्रांतों पर कब्जा कर लिया।
काबुल पर तालिबान के कब्जा करने के बाद करीब एक लाख लोगों को देश से बाहर निकाला गया है जिनमें से अधिकतर को तालिबान की कई जांच चौकियों से गुजरना पड़ा।
काबुल के निवासियों ने बताया कि शुक्रवार सुबह से कई विमान उड़ान भर चुके हैं। हवाई अड्डे के बाहर पहले जितनी ही भीड़ दिख रही है।
काबुल में कल हुए धमाकों के तार पाकिस्तान से जुड़ते दिख रहे हैं। अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने काबुल अटैक को लेकर पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा किया है।
उन्होंने कहा कि हम अपने मिशन को पूरा कर सकते हैं और हम आतंकियों से डरनेवाले नहीं है। हम आतंकियों को अपने मिशन में रुकावट नहीं बनने देंगे। अफगानिस्तान से लोगों को सुरक्षित निकालेंगे।
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया है कि कई अमेरिकी भी काबुल हमले में हताहत हुए हैं। हमले के बाद का खौफनाक मंजर सामने आया है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं।
इससे पहले दिन में कई देशों ने लोगों से एयरपोर्ट से दूर रहने की अपील की थी क्योंकि वहां आत्मघाती हमले की आशंका जताई गई थी।
बता दें कि ब्रिटिश सरकार ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी थी कि इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे पर जमा लोगों को निशाना बनाकर हमला किए जाने की बहुत विश्वसनीय खुफिया रिपोर्ट है।
सूत्रों ने जानकारी दी है कि फिलहाल हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला पूरी तरह से तालिबान की दया पर निर्भर हैं।
काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद ने खुद मुल्ला बरादर से मुलाकात की थी।
अफगानिस्तान में सरकार गठन की अटकलों के बीच तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि वे ऐसी सरकार चाहते हैं जो मजबूत हो और इस्लाम पर आधारित हो और जिसमें सभी अफगान शामिल हों।
जिन दलों के नेता अफगानिस्तान को लेकर स्पष्टता चाहते थे उन्हें सही स्थिति से अवगत कराया गया। जयशंकर ने कहा कि मौजूदा स्थिति पर पूरा देश एकजुट है इसी को ध्यान में रखते हुए यह आयोजन किया गया था।
इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार की तरफ से सर्वदलीय बैठक में कहा गया है कि अफगानिस्तान के मामले पर पूरी दुनिया फिलहाल Wait and Watch की नीति पर चल रही है और भारत भी इसी नीति पर आगे बढ़ रहा है।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारतीय एयरफोर्स का विमान काबुल से 24 भारतीय और 11 नेपाली नागरिकों को लेकर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतर गया है।
अफगानिस्तान के पूर्व गृहमंत्री मसूद अंदाराबी ने तालिबान द्वारा कथित तौर पर मारे जा रहे छोटे बच्चों की चौंकाने वाली तस्वीरें पोस्ट की हैं।
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