अफगानिस्तान, भारतीय चीनी निर्यात के लिए शीर्ष तीन गंतव्यों में से एक है। वहां हर वर्ष लगभग छह-सात लाख टन चीनी का निर्यात किया जाता है।
इस मुलाकात के दौरान उन्होंने भारत की उन चिंताओं को उठाया था कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
अमेरिका को अफगानिस्तान से एक न एक दिन जाना था, लेकिन वे इस तरह से जाएंगे, इतने बेगैरत होकर जाएंगे, ये किसी ने नहीं सोचा था।
बायडेन ने कहा कि अमेरिकी ने जो काम किया वह कोई नहीं कर सकता था। उन्होंनेदावा किया कि उन्होंने अफगानिस्तान से 1.25 लाख लोगों को बाहर निकाला।
भारत अफगानिस्तान को लेकर एक पतली रेखा पर चल रहा है, एक ऐसे रास्ते पर चल रहा है, जो तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार को मान्यता दिए बिना, परियोजनाओं और लोगों से लोगों के संपर्क को जारी रखने की अनुमति दे सकता है...
सरकारी कर्मचारियों को महीनों से भुगतान नहीं किया गया है और स्थानीय मुद्रा का अवमूल्यन हो रहा है। अफगानिस्तान के अधिकांश विदेशी मुद्रा भंडार विदेशों में हैं और वर्तमान में उनके लेनदेन पर रोक है।
ब्रिटेन के वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल सर माइक विगस्टन ने ‘द डेली टेलिग्राफ’ अखबार से सोमवार को कहा कि ब्रिटेन इस्लामिक स्टेट-खुरसान के खिलाफ हमले में शामिल हो सकता है।
अफगानों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि अमेरिका उन्हें 20 साल तक इस्तेमाल करने के बाद यूं बेसहारा और बेबस छोड़कर भाग जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक इस ग्रुप में विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और सीनियर अधिकारी शामिल हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों की वापसी की समय-सीमा तय की थी, लेकिन तालिबान ने इससे करीब दो सप्ताह पहले ही अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया और इससे वहां स्थिति काफी खराब हो गई। हालांकि यह अभियान सोमवार देर रात सम्पन्न हो गया।
अमरुल्ला सालेह ने कहा है कि अफगानिस्तान को अंतिम अमेरिकी सैनिक के बैग में भरकर कहीं ले जाया गया नहीं है, बल्कि अफगानिस्तान वहीं है जहां था।
तालिबान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ये हम सबकी जीत है। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान अमेरिका के साथ अच्छ संबंध चाहता है।
जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा कि हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहले से मौजूद 73 विमानों को अमेरिकी सैनिकों ने वहां से रवाना होने से पहले ही तकनीकी तौर पर बेकार कर दिया
तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में ले लिया है। इस मौके पर तालिबान ने फायरिंग कर जश्न मनाया।
अमेरिका ने अफगानिस्तान पर आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए सभी मित्र देशों और नाटो के सदस्य देशों के साथ बैठक करने जा रहा है। ये वर्चुअल मीटिंग अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने बुलाई है...
न्यूज एजेंसी AFP के अनुसार, आज सुबह काबुल शहर में कई रॉकेट उड़ते सुनाई दिए, जिसके बाद करीब चार जगहों पर अमेरिका द्वारा हमला किया गया।
तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण किये जाने के बाद, भारत अपने नागरिकों को वहां से निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जबकि काबुल में होने वाली घटनाओं पर सावधानीपूर्वक नजर बनाये हुए है।
अफगानिस्तान के काबुल में एक अमेरिकी हवाई हमले में उस वाहन को निशाना बनाया गया, जिसमें इस्लामिक स्टेट के एक सहयोगी संगठन के कई आत्मघाती हमलावर सवार थे।
तालिबान बलों ने शनिवार को काबुल के हवाई अड्डे को बंद कर दिया है।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सैकड़ों अफगान नागरिकों ने एक बैंक के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और एटीएम मशीनों से नकदी निकालने के लिए लोगों की लंबी कतारें लग गईं।
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