विदेश कार्यालय के पूर्व कर्मचारी राफेल मार्शल मेल पर आने वाले संदेशों की निगरानी करने के कार्य से जुड़ा था।
तालिबान ने यह कदम संभवत: इसलिए उठाया है क्योंकि विकसित राष्ट्रों से मान्यता हासिल करने और सहायता बहाल करने के लिए इन मानदंडों को पूरा किया जाना जरूरी है।
महिला अधिकारों पर आमिर अल मोमीन की तरफ से जारी किए गए फरमान में सभी संबंधित संगठनों, उलेमा-ए-करम और जनजातीय बुजुर्गों से यह अपील की गई है कि वे जमीनी स्तर पर इस फरमान की तामील कराएं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि मदद पहुंचाने के तौर तरीकों पर बातचीत चल रही है।
भारतीय राजदूत ने कहा कि अफगानिस्तान का निकट पड़ोसी होने और वहां के लोगों का लंबे समय से दोस्त होने की वजह से अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति का सीधा असर भारत पर पड़ेगा।
अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होते ही महिलाओं और लड़कियों का भविष्य गहरे अंधकार में चला गया है। अभी तक तो यहां लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों का ही मुद्दा उठाया जा रहा था, मगर अब यहां से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है।
यह पूछे जाने पर कि क्या विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने मदद के लिये भारत से औपचारिक मदद मांगी है, उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएफपी और भारत सरकार के बीच अफगानिस्तान सहित मानवीय आधार पर खाद्य सहायता को समर्थन देने के लिये ‘सकारात्मक चर्चा’ जारी है। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि यह (चर्चा) जल्द ही पूरी हो जाएगी।"
अफगानिस्तान के मौजूदा हालात बेहद खराब हैं, वहां के लोगों को आने वाले दिनों में अनाज की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। अफगानिस्तान में भूखमरी की स्थिति पैदा न हो और खाने को लेकर वहां गृह युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न न हो इसलिए भारत सरकार मानवीय आधार पर अफगानिस्तान के लोगों की मदद के लिए तैयार है लेकिन पूरी दुनिया में आतंक फैलाने वाले पाकिस्तान को ये रास नहीं आ था।
तालिबान शासकों का कहना है कि उन्होंने अभी यह तय नहीं किया है कि वे अफगानिस्तान में फिल्मों को प्रदर्शित करने की अनुमति देंगे या नहीं।
पाकिस्तान पड़ोसी देश अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा करने के लिए इस्लामाबाद में अमेरिका, चीन और रूस के वरिष्ठ राजनयिकों की मेजबानी कर रहा है।
बैठक में अधिकारियों ने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी द्विपक्षीय एजेंडे के चलते किसी को भी वार्ता प्रक्रिया का बहिष्कार नहीं करना चाहिए।
भारत, रूस, ईरान और पांच मध्य एशियाई देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने बुधवार को तालिबान नियंत्रित अफगानिस्तान से आतंकवादी गतिविधियों के संभावित प्रसार पर चिंता जताई और इस चुनौती से निपटने के लिए सामूहिक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। अफगानिस्तान को लेकर भारत की मेजबानी में चल रही दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि उस देश में हालिया घटनाओं का न केवल अफगान लोगों पर बल्कि क्षेत्र पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपने उद्घाटन भाषण में अजीत डोवल ने कहा कि यह अफगान स्थिति पर क्षेत्रीय देशों के बीच करीबी विचार-विमश, अधिक सहयोग और समन्वय का समय है।
India Hosts NSA-Level Meeting on Afghanistan: अफगानिस्तान पर आठ देशों की दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि हम सभी अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर गहरी नजर रख रहे हैं। यह समय, अफगानिस्तान पर हमारे करीबी विचार-विमर्श, अधिक सहयोग और समन्वय का है।
इस कॉन्फ्रेंस में रूस-ईरान सहित 8 मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शामिल हैं। इस कॉन्फ्रेंस में अफगानिस्तान और वहां पर सत्ता परिवर्तन के बाद बदला क्षेत्रिय समीकरण पर चर्चा की जाएगी। भारत द्वारा आयोजित की जा रही इस मीटिंग में पाकिस्तान और चीन को भी निमंत्रण भेजा गया था लेकिन उन्होंने बैठक से किनारा कर लिया है।
Delhi Regional Security Dialogue: इस हाई लेवल मीटिंग में न सिर्फ अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम से उत्पन्न क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की जाएगी बल्कि प्रासंगिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के उपायों पर भी विचार होगा।
आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के सुपर 12 में रविवार को न्यूजीलैंड ने अफगानिस्तान को छह विकेट से हरा दिया। इसी के साथ भारत की सेमीफाइनल में जाने की उम्मीद भी खत्म हो गई।
सूत्रों ने कहा कि इस मामले में भारत के खिलाफ पाकिस्तान की टिप्पणी अफगानिस्तान में अपनी ‘हानिकारक भूमिका’ से ध्यान हटाने का एक असफल प्रयास है।
ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के बीच में यह पहला टेस्ट होता जिसे 27 नवंबर से होबार्ट के ब्लंडस्टोन एरीना में खेला जाना था।
हमदुल्ला मुखलिस उर्फ कारी हमदुल्लाह तालिबान की बेहद अहम ‘बद्री ब्रिगेड’ का सर्वेसर्वा था, और संगठन में बड़ी दखल रखता था।
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