"भारत बंद" का मध्यप्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में कुछ भी असर नजर नहीं आया
देश भर में पेट्रोल डीजल की महंगाई और वस्तु एवं सेवा कर यानि जीएसटी के प्रावधानों का विरोध कर रहे कारोबारियों ने शुक्रवार को ‘भारत बंद’ (Bharat Bandh) का आयोजन किया है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा ई-कॉमर्स के मुद्दे पर शुक्रवार के ‘भारत व्यापार बंद’ को लेकर व्यापारी संगठन बंटे दिखाई दे रहे हैं। व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है।
AITWA और CAIT जीएसटी को सरल बनाने और नए ई-वे बिल को पूरी तरह से खत्म करने या इसके कुछ नियमों में संशोधन की मांग को लेकर शुक्रवार को भारत बंद कर रहे हैं।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAITIndia) ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी/GST) में आने वाली जटिलताओं को लेकर आगामी 26 फरवरी (शुक्रवार) को 'भारत व्यापार बंद' (Bharat Band) की घोषणा की है।
80 साल के सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने गुरुवार को कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में केंद्र सरकार को चेतावनी दी है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कृषि कानूनों पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए सरकार के छठे दौर की बातचीत से एक दिन पहले मंगलवार को किसानों को बातचीत के लिए बुलाया।
कृषि कानून के विरोध में किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को किए गए भारत बंद का जिलेभर में मिला-जुला असर रहा। कई क्षेत्रों में रोजमर्रा की तरह बाजार खुले तो कई क्षेत्रों में कुछ घंटे बाजार बंद रखे गए।
नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान संगठनों के ‘भारत बंद’ का ज्यादा असर देखने को नही मिला। भारत बंद को 22 विपक्षी दलों ने अपना समर्थन दिया था।
किसानों के भारत बंद का देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग असर पड़ा है। कहीं यातायात बाधित हुई तो कहीं प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच छोटी-छोटी झड़पें भी हुईं।
किसान नेताओं ने मंगलवार को ‘भारत बंद’ सफल होने का दावा करते हुए कहा कि जब वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे तो अपनी मांगों पर केवल ‘हां’ या ‘नहीं’ में जवाब मांगेंगे।
नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर आज पूरे देश में किसान संगठनों ने चक्का जाम किया। दोपहर 3 बजे किसानों का चक्का जाम खत्म हो गया है लेकिन किसानों के आंदोलन का एपी सेंटर दिल्ली में भारत बंद पूरी तरह बेअसर दिखा।
वाम नेताओं ने किसानों के ‘भारत बंद’ को समर्थन देते हुए मंगलवार को कहा कि विपक्षी नेताओं ने सोच-समझकर प्रदर्शन स्थलों से दूर रहने का निर्णय किया है। सरकार ने विपक्षी दलों पर राजनीतिक लाभ के लिए किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने का आरोप लगाया है।
किसानों द्वारा किये गए और विपक्षियों द्वारा समर्थित भारत बंद लखनऊ में कुछ ख़ास असर नहीं दिखा पाया। लोगो ने टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार लोकतंत्र में विश्वास करती है इसलिए किसानों से बात कर रही है, और आगे भी करती रहेगी और उनकी शंकाओं का हल करेगी।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा मंगलवार को आहूत ‘भारत बंद’ का उत्तर प्रदेश में मिलाजुला असर दिखा। भारत बंद का विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दल समर्थन कर रहे हैं। प्रशासन किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद नजर आ रहा है।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा किये गए भारत बंद के मद्देनजर पटना में पुलिस की भारी टुकड़ी तैनात की गयी है।
कांग्रेस और वाम दलों के समर्थकों ने मंगलवार को किसानों द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ के समर्थन में राज्य में कई स्थानों पर रेल पटरियों को जाम किया और सड़कों पर धरना दिया।
पश्चिम बंगाल: वामपंथी राजनीतिक दलों ने आज भारत बंद के समर्थन में किसान यूनियनों के समर्थन में, कोलकाता के जादाबपुर रेलवे स्टेशन पर रेलवे पटरियों पर विरोध प्रदर्शन किया और एक ट्रेन को रोक दिया।
किसानों के संगठन नए कृषि कानूनों के विरोध में आज भारत बंद (राष्ट्रव्यापी बंद) का समर्थन कर रहे हैं, जिसमें कई ट्रेड और ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने समर्थन प्रदान किया है और लगभग सभी विपक्षी दल भी अपनी मांगों के समर्थन में हैं।
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