8 दिसंबर को भारत बंद: 400 कृषि संगठनों ने चक्का जाम का आह्वान किया, ताकि फलों, सब्जियों और दूध की आपूर्ति बाधित हो सके।
किसान नेता बलदेव सिंह ने कहा कि अब ये आंदोलन सिर्फ पंजाब का न होकर पूरे देश में बढ़ चुका है, भारत बंद के आह्वान को लेकर सरकार तिलमिलाई हुई है। किसान नेताओं ने कहा कि 8 दिसंबर को सुबह से शाम तक बंद होगा। चक्का जाम 3 बजे तक होगा। एम्बुलेंस और शादियों के लिए रास्ता खुला रहेगा, शांतिपूर्ण प्रदर्शन रहेगा।
किसान नेताओं ने कहा कि 8 दिसंबर को सुबह से शाम तक बंद होगा। चक्का जाम 3 बजे तक होगा। एम्बुलेंस और शादियों के लिए रास्ता खुला रहेगा, शांतिपूर्ण प्रदर्शन रहेगा।
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज शुक्रवार (4 दिसंबर) को 9वां दिन है। नए कृषि कानूनों पर सरकार के साथ जारी बातचीत के बीच किसान अपनी मांगों को लेकर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार होते नजर नहीं आ रहे हैं।
सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों ने शुक्रवार शाम को प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो 5 दिसंबर यानि कल शनिवार को देशभर में पीएम मोदी के पुतले जलाएंगे और 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया जाएगा।
प्रेस कॉन्फेंस के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि हम क़ानून हटाना चाहते हैं जबकि सरकार क़ानून में बदलाव करने के लिए तैयार है। MSP पर कानून बनाने के लिए तैयार हैं लेकिन हम क़ानून वापस करवाकर ही दम लेंगे। सर्वसम्मति से कुछ फ़ैसले लिए गए हैं। 8 दिसंबर को भारत बंद होगा।
भाजपा शासित हरियाणा ने भी किसानों की “दिल्ली चलो” के आह्वान के कारण अपनी परिवहन बस सेवा को बुधवार को तत्काल प्रभाव से पंजाब में स्थगित कर दिया।
सुरक्षाकर्मीयों ने कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए हरियाणा और पंजाब के बीच शंभू सीमा पर एकत्र किसानों की भीड़ को रोकने के लिए टियर गैस के गोले का उपयोग किया।
पंजाब से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं। इन किसानों को रोकने के लिए पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिसबल तैनात है।
फरीदाबाद पुलिस का कहना है, "हमारे पास स्पष्ट निर्देश हैं कि भारतीय किसान यूनियन के किसी भी सदस्य को आज और कल दिल्ली में प्रवेश न करने दें। सभी महत्वपूर्ण प्रवेश बिंदुओं पर पुलिस की टीमें तैनात हैं।"
सरकार के द्वारा श्रम और कृषि क्षेत्र में सुधारों के विरोध में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने सरकार 26 नवंबर (गुरुवार) को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। आप भी जानिए इस बंद में कौन-कौन शामिल होगा और कहां कितना पड़ेगा असर।
कृषि बिल के विरोध में शुक्रवार को किसानों ने 'भारत बंद' बुलाया है। वहीं किसानो को कांग्रेस पार्टी के नेता भी समर्थन दे रहें हैं। दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया हैं वहीं पैरा मिल्रिटी फोर्सेज भी तैनात है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी इन बिल के विरोध में सड़क पर उतरे। पटना में ट्रैक्टर चलाकर उन्होंने प्रदर्शन किया। तेजस्वी यादव ने कहा कि एनडीए की सरकार जो किसान विरोधी कानून लेकर आई है उसका आरजेडी लगातार विरोध कर रही है।
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को दो दर्जन से अधिक किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के मद्देनजर सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी है।
संसद में केंद्र सरकार द्वारा कृषि से जुड़े तीन विधेयक पास करने का लगातार विरोध हो रहा है। विरोधी राजनीति दलों समेत कई किसान संगठन इसका विरोध कर रहे है। 25 सितंबर को इसी सिलसिले में किसान संगठनों द्वारा पूरे देश में बंद का आह्वान किया गया है। किसान संगठन विभिन्न राज्यों में सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चक्का जाम करेंगे। किसानों के आह्वान को देखते हुए राजधानी दिल्ली की सीमा पर अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है।
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ बुधवार को विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद के दौरान गुजरात में सड़क बाधित करने और पथराव की घटनाएं हुईं, जिनमें एक पुलिस अधिकारी घायल हो गए।
पश्चिम बंगाल में बुधवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की 24 घंटे की हडताल के दौरान हिंसा और आगजनी की कई घटनाएं हुईं। बंद कराने के लिए प्रदर्शनकारियों ने सड़क और रेल मार्ग को अवरूद्ध कर दिया।
रेलवे प्रवक्ता ने बताया कि हड़ताल समर्थकों द्वारा रेल पटरियों पर बाधा खड़ी करने के कारण पूर्वी रेलवे जोन के सियालदह और हावड़ा मंडल में कम से कम 175 लोकल ट्रेन रद्द कर दी गयीं।
वामदलों और कांग्रेस पर हमला करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि राज्य में जिनका कोई राजनीतिक आधार नहीं है, वे बंद जैसी सस्ती राजनीति करके यहां की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं।
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ केंद्रीय मजदूर संघों के राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान का बुधवार को बिहार और झारखंड में मिलाजुला असर देखा गया। झारखंड में अन्य क्षेत्रों में बंद का कोई खास असर नहीं दिख रहा है, परंतु कोयलांचल में बंद का प्रभाव दिख रहा है।
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