गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से संक्रमित 552 नए मामले सामने आए हैं। अब तक देश के 27 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना वायरस के इस वेरिएंट की दस्तक हो चुकी है। नए मामले सामने आने के बाद देश में ओमिक्रॉन के कुल 3,623 मामले हो गए हैं।
मुख्यमंत्री ने राजधानी लखनऊ में 15 से 18 साल तक के लोगों के टीकाकरण कार्यक्रम का निरीक्षण करने के बाद संवाददाताओं से कहा, “यह सच है कि ओमीक्रोन तेजी से फैलता है लेकिन यह भी सत्य है की दूसरी लहर की तुलना में Omicron स्वरूप काफी कमजोर है।"
देश अब तीसरी लहर के बीच है। कोरोना के मामले में अब हर रोज उछाल दर्ज किये जा रहे हैं। दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक समेत कई राज्यों में अब ओमिक्रॉन और कोरोना वायरस के नए मामलों में रिकॉर्ड केस दर्ज हो रहे हैं। 6 महीने बाद कई महानगरों में 40 फीसदी तक केस दर्ज हो रहे हैं।
ये बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बुलाई गई है। इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, मुख्य सचिव विजय देव, नीति आयोग के सदस्य वी.के. पॉल, राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त सचिव, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं एवं गृह विभागों के सचिव तथा विशेषज्ञ शामिल होंगे।
10 जून के बाद से सबसे ज्यादा कोरोना के मामले सामने आए हैं। 4 जून के बाद से सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट राजधानी में दर्ज किया गया है।
कई महामारी विज्ञानियों ने दुर्गा पूजा और दिवाली जैसे त्योहारों के मौसम में बड़ी भीड़ के कारण अक्टूबर और नवंबर में तीसरी लहर के चरम पर पहुंचने की भविष्यवाणी की थी।
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में हाल में प्रतिदिन धीमी गति से कमी होना एक चेतावनी है।
पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई वर्चुअल बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता बरतने की बात पर जोर दिया।
दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद में बाजार खरीदारी करने वालों की भीड़ से भरे पड़े हैं, और अधिकतर लोग कोरोना नियमों का पालन नहीं कर रहे।
ब्रिटेन में सार्वजनिक स्वास्थ्य आंकड़ों के व्यापक विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि बच्चों और किशोरों में कोविड-19 से गंभीर बीमार होने और मृत्यु होने का खतरा बहुत कम होता है।
देश के ऊपर तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है और अगर हम समय रहते सतर्क नहीं हुए तो हमारे यहां भी ऐसे हालात हो सकते हैं जैसे आजकल ऑस्ट्रेलिया में हैं।
बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने की वजह से उनमें कोरोना के लक्षण नहीं होते या फिर मामूली होते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बच्चे की भी इम्यूनिटी मजबूत बनाएं।
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