एक नवंबर तक दिल्ली में न्यूनतम तापमान गिरकर 13 डिग्री सेल्सियस होने की संभावना है। वहीं, अगले तीन दिनों में उत्तर भारत में खेतों में पराली जलाये जाने से दिल्ली का पीएम 2.5 प्रदूषण स्तर बढ़ जाएगा।
बता दें कि हर साल पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाने से दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। दिल्ली में हवा की खराब गुणवत्ता के लिए पराली जलाने को सबसे बड़ा कारक बताया जाता है।
पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं का दिल्ली के प्रदूषण में अहम योगदान होता है। आंकड़ों के मुताबिक छह अक्टूबर से अबतक पंजाब में पराली जलाने की 1,008 घटनाएं दर्ज की गई हैं जबकि हरियाणा में ऐसी घटनाओं की संख्या 463 है।
दिल्ली में एक बार फिर वायु गुणवत्ता खराब होनी शुरू हो गई है। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच पंजाब में किसानों ने पराली जलाना फिर से शुरू कर दिया है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को मध्यम श्रेणी में रही, लेकिन अगले 3 दिनों में इसके खराब श्रेणी में आने की संभावना है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड के अनुसार, रविवार को राजधानी का सामान्य वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 168 रहा।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि वाहनों से होने वाले प्रदूषणों को कम करने के लिए चिह्नित 64 मार्गों पर यातायात जाम की समस्या को दूर करने के प्रयास किए जाएंगे। केजरीवाल ने कहा कि शहर में कचरा जलाने पर पूरी तरह से रोक का पालन कराने के लिए 250 दल गठित किए गए हैं।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान नेताओं पर तंज कसते हुए कहा, चुनाव जीतने के बाद पटाखे जलाए जाते हैं, जिनकी जिम्मेदारी है आदेश लागू कराने की वही उल्लंघन कराते हैं।
बता दें कि दिल्ली में पिछले साल वायु प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों से 6 गुना अधिक रहा।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नोएडा में वायु गुणवत्ता शनिवार को ‘अत्यंत खराब’ रही। वायु प्रदूषण सूचकांक ऐप समीर के अनुसार दिल्ली में वायु गणुवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 342, नोएडा में एक्यूआई 336 , गाजियाबाद में एक्यूआई 322, ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई 320 रहा...
बारिश और तेज हवाओं के बाद सोमवार सुबह दिल्ली में वायु की गुणवत्ता सुधरकर ‘मध्यम’ श्रेणी में पहुंच गयी।
हवा की धीमी रफ्तार और कम तापमान के कारण दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बुधवार को बढ़ गया और गंभीर श्रेणी में आ गया, जिससे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने लोगों को बाहरी शारीरिक गतिविधियों से बचने और एन-95 या पी-100 रेस्पिरेटर्स पहनने की सलाह दी।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को ‘‘अत्यंत खराब’’ श्रेणी में दर्ज की गई, लेकिन इसमें वायु की गति बढ़ने के पूर्वानुमान के कारण आगामी दो दिन में सुधार होने की उम्मीद है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई और यहां हवा की गति धीमी होने की वजह से ‘स्थानीय जनित प्रदूषक तत्वों’ का जमाव हो रहा है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रही और आगामी दो दिन भी इसमें कोई सुधार होने की उम्मीद नहीं है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता मंगलवार को भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रही और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण इस हफ्ते वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ की श्रेणी में बने रहने की आशंका है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता मंगलवार को भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रही और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण इस हफ्ते वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ की श्रेणी में बने रहने की आशंका है।
राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता रविवार को ‘खराब’ श्रेणी में रही। तापमान में गिरावट आने तथा हवा की गति धीमी होने के बीच गुणवत्ता के और खराब होने की आशंका है।
बादल छंटने, हवा की रफ्तार बढ़ने और पराली का धुआं घटने से दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में खासा सुधार देखने को मिला है। शुक्रवार की सुबह दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुधरकर “मध्यम” श्रेणी में पहुंच गई और मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक इसमें और सुधार होने की उम्मीद है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार को “बेहद खराब” श्रेणी में दर्ज की गई और सरकारी एजेंसियों ने कहा कि हवा की गति बढ़ने के साथ इसमें सुधार की उम्मीद है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बुधवार सुबह ‘‘बहुत खराब’’ से ‘‘गंभीर’’ की श्रेणी में आ गई। राष्ट्रीय राजधानी का एक्यूआई 15 नवंबर तक ‘‘गंभीर’’ की श्रेणी में था लेकिन इसके बाद इसमें सुधार आया
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