दिल्ली की जहरीली हवा में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी शुक्रवार के 44 प्रतिशत (इस मौसम में सबसे अधिक) से घटकर शनिवार को 17 फीसदी पर आ गई।
दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि सरकार ने स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है।
देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके पिछले कुछ दिनों से ‘गैस चैम्बर’ में तब्दील हो चुके हैं।
दिल्ली के मख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कहा कि दिल्ली का आस्मां धुए से भर पड़ा है। केजरीवाल ने तुलना करते हुए 30 सितंबर और आज की तस्वीरें दिखाई।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के कारण दिल्ली में सभी स्कूल 5 नवंबर तक बंद रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के एक पैनल ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण के स्तर को देखते हुए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है। दिल्ली एनसीआर में 5 नवंबर तक निर्माण गतिविधि पर प्रतिबंध लगा दिया है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दिवाली के बाद से ही दिन-ब-दिन प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। राजधानी दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो चुका है। दिल्ली में आज भी प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर है।
दीपावली से दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को इस मौसम के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई। हवा की गति धीमी होने की वजह से प्रदूषकों का जमाव आसान हो गया है।
राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता बुधवार को बिगड़ गई और यह ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। बहरहाल, अधिकारी ने कहा कि इस दिवाली के दौरान वायु की गुणवत्ता पिछले साल के मुकाबले बेहतर रहने की संभावना है...
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता ‘‘खराब’’ और ‘‘बहुत खराब’’ के बीच रही और बदलते मौसम एवं बड़े स्तर पर पराली जलाने के सप्ताहांत तक इसमें भारी गिरावट की आशंका है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए आज से क्रमिक कार्रवाई कार्ययोजना (जीआरएपी) प्रभाव में आ गई और स्थिति के हिसाब से निजी वाहनों को निरुत्साहित करने, डीजल जेनरेटरों के इस्तेमाल पर रोक, ईंट के भट्टे और स्टोन क्रशर बंद करने जैसे कठोर कदम उठाये गए हैं।
सरकार का कहना है कि पराली के डिस्पोज़ल के लिए मशीनें लगाई गई हैं लेकिन किसान इसके लिए तैयार नहीं है। कुछ जगहों पर विशेष तरह के उपकरण लगाकर पराली जलाने वाली जगहों की पहचान की जा रही है।
लोग तंबाकू छोड़ सकते हैं, सिरगेट से तौबा कर सकते हैं, शुद्ध पानी का इंतजाम भी कर सकते हैं। लेकिन अगर हवा ही जहरीली है..तो लोग भी क्या करें? साफ हवा कहां से लाएं? सांस लेना तो बंद नहीं कर सकते।
डॉक्टर्स का दावा है कि दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि अब दिल्ली में सांस लेने वालों को कैंसर का खतरा है। दिल्ली की हवा में कैंसर पैदा करने वाले कैमिकल्स मौजूद हैं।
राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के अनेक शहर ‘ नाइट्रोजन ऑक्साइड’ के बढ़ते स्तरों के प्रमुख हॉटस्पॉट्स हैं। नाइट्रोजन ऑक्साइड एक खतरनाक प्रदूषक है जो ओजोन निर्माण के लिए जिम्मेदार है।
सफर ने कहा कि पूरा उत्तर पश्चिम भारत धूल भरी आंधी की चपेट में है और गुरुवार तथा शुक्रवार को वाणु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर से बेहद खराब की श्रेणी में रह सकता है। 10 मई के बाद वायु गुणवत्ता में सुधार के आसार हैं।
वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान व अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुधवार को 341 पर था जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
दिल्ली में हल्की बारिश के बाद प्रदूषक कणों के छंटने की प्रक्रिया मंद पड़ने और प्रदूषण के हालात बिगड़ने से वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण और ट्रैफिक जाम पर लगाम कसने में नाकामी पर निराशा जताते हुए कहा कि दिल्ली में नहीं रहना बेहतर है क्योंकि यह ‘‘गैस चैंबर’’ की तरह हो गई है।
दिल्ली में हवा की गति कम होने के कारण गुरुवार को वायु गुणवत्ता और खराब होकर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।
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