दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक अभिभावकों का मानना है कि स्कूलों में अब अन्य छुट्टियों की तरह प्रदूषण से बचने के लिए भी अवकाश दिया जाए।
विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ और हवा की मंद गति के कारण प्रदूषण कणों का घेराव जस का तस बना रहता है। सफर ने कहा कि 14 नवंबर को पराली जलाने की केवल दो घटनाओं का पता चला।
दिल्ली-एनसीआर को स्मॉग की चादर ने ढक रखा है। नवंबर महीने में दिल्ली में हवा की क्वालिटी साल के सबसे खराब स्तर पर पहुंच चुकी है। स्कूल कॉलेज आज भी बंद हैं। हालात बेकाबू होता देख दिल्ली हाईकोर्ट को संज्ञान लेना पड़ा।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को सीधे शब्दों में बताएं तो यहां रहने वाला हर शख्स हर दिन औसतन 25 सिगरेट का धुंआ सांसों के जरिए ले रहा है। नवंबर का लगभग आधा महीना बीतने वाला है लेकिन एक दिन को छोड़कर दिल्ली के लोगों को अब तक किसी भी दिन साफ-सुथरी हवा सांस लेने को नहीं मिली है।
दिल्ली एनसीआर की हवा में सांस लेना एक बार फिर दुभर हो गया है। राजधानी और आसपास के शहरों में बीते दो दिनों से हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है।
श्रीनगर से लेकर मनाली तक भारी बर्फबारी हो रही है। भारी बर्फबारी की वजह से रास्ते ब्लॉक हैं, जिंदगी की रफ्तार थम गई है। वहीं देश के पश्चिम तट पर बुलबुल तूफान ने भयंकर तबाही मचाई है।
राष्ट्रीय राजधानी में चल रही हवाओं के कारण वायु गुणवत्ता में आंशिक रूप से सुधार दर्ज किया गया लेकिन इसके बावजूद रविवार सुबह भी प्रदूषण का स्तर ‘खराब’ श्रेणी में रहा।
नासा की उपग्रह से ली गई तस्वीर में पराली जलाने की संख्या में कमी दिखायी दी। विशेषज्ञों ने बताया कि शुक्रवार शाम के बाद से फिर हवा की गति बढ़ेगी जिससे प्रदूषक तत्वों का छितराव होगा।
पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस इंडिया ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली सरकार का यह दावा सही नहीं है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान वायु प्रदूषण में 25 प्रतिशत की कमी आई है।
जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने वायु प्रदूषण मामले की सुनवाई की। इस दौरान दिल्ली, पंजाब, हरियाणा के मुख्य सचिव न्यायालय में उपस्थित रहे।
दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में बुधवार की सुबह सुधार हुआ और यह 'अति गंभीर प्लस' से 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। इससे हफ्ते भर के बाद लोगों को राहत मिली।
दिल्ली और इससे लगे इलाकों में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए उच्चतम न्यायालय ने इस मुद्दे पर मंगलवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए खुद से एक नया मामला दर्ज किया, जिस पर बुधवार को सुनवाई होगी।
प्रदूषण के हानिकारक स्तर पर पहुंचने के बाद 4 दिन से बंद दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूल बुधवार से दौबारा खुल रहे है। दीवाली के बाद से प्रदूषण की वजह से दिल्ली गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद के सभी सरकारी एवं निजी स्कूल बंद कर दिए गए थे।
दिल्ली एनसीआर में आज पिछले दो दिन के मुकाबले थोड़ी राहत जरूर मिली है लेकिन लगातार तीसरे दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के पार पहुंचा हुआ है। इसका मतलब ये हुआ कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक को भी पार कर गया है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण के संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा की अध्यक्षता में सोमवार को पड़ोसी राज्यों के साथ हुई बैठक में स्थिति से निपटने के उपायों की समीक्षा की गयी।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि हर साल प्रदूषण से दिल्ली की हालत खराब हो रही है और किसी सभ्य देश में ऐसा नहीं हो सकता। न्यायालय ने कहा कि अपने घरों में भी कोई सुरक्षित नहीं है, यह अत्याचार है।
दिल्ली-NCR में प्रदूषण के चलते हालात ऐसे हैं कि कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो कई आंखों में जलन से परेशान हैं।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आज पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उच्च स्तरीय बैठक की।
दिल्ली-NCR में रविवार को प्रदूषण ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। दिल्ली में कई जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 900 के पार चला गया।
जहरीली हवा से दिल्ली के ‘गैस चैंबर’ में बदलने के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने राज्य में पराली जलाने से किसानों को नहीं रोक पाने के लिए कुछ हद तक जिम्मेदारी ली और केंद्र से किसानों को अलग से बोनस प्रदान करने का अनुरोध किया।
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