दिल्ली में हवा की गति में वृद्धि से वायु गुणवत्ता में सुधार आने के बाद भी यह ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में बृहस्पतिवार को हल्का सा सुधार देखा गया और वह ‘खराब’ श्रेणी में आ गई। अधिकारियों ने बताया कि हवा की गति तेज होने के बाद यह सुधार हुआ है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को प्रदूषण का स्तर 'बेहद खराब' दर्ज किया गया। हवा की खराब स्थिति को देखते हुए मौसम विभाग ने कहा है कि यह सुबह की सैर और जॉगिंग के लिए ठीक नहीं है।
सीओपीडी फेफड़ों के रोगों का समूह है, जैसे एम्फीसेमा, क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस और रीफ्रैक्टरी (नॉन-रिवर्सिबल) अस्थमा, जिसमें सांस लेने में कठिनाई होती है और सांस गहरी हो जाती है।
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत इस समय दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित देश है। उससे ऊपर केवल नेपाल है। इसमें कहा गया कि एशिया में जीवन प्रत्याशा की कमी सबसे ज्यादा हुई है जो भारत और चीन के अनेक हिस्सों में छह साल से ज्यादा कम हो गयी।
पर्यावरण मंत्रालय एयर फोर्स की मदद ले रहा है, जो विमान मुफ्त देगा। उपकरण आइआइटी कानपुर देगा। पर्यावरण मंत्रालय को सिर्फ केमिकल उपलब्ध कराना होगा, जो बादलों के बीच रासायनिक क्रिया कर उन्हें बारिश के बूंदों में बदल देता है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बारिश के बाद प्रदूषण से मिली कुछ राहत के बाद शहर की वायु गणवत्ता फिर से बिगड़कर खराब और अत्यंत खराब श्रेणी के बीच झूल रही है।
वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान व अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार, शहर में वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार के साथ गुरुवार को 'खराब' स्तर दर्ज होने के बाद शनिवार को यह 'बेहद खराब' स्तर पर पहुंच गया।
वायु गुणवत्ता व मौसम पूर्वानुमान व अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार, बीती रात हुई बूंदा-बादी से प्रदूषण स्तर में गिरावट आई है और वायु गुणवत्ता की श्रेणी 'खराब' दर्ज की गई।
दिल्ली के प्रदूषण लेवल को देखते हुए शुद्ध हवा का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है ये ताजी तो नहीं है लेकिन शुद्ध होने का दावा जरूर किया जा रहा है।
बारिश ने हवा में घुले सूक्ष्म कणों को कम करने में मदद की। दिल्ली के कुछ इलाकों में सुबह से हल्की बारिश होने के कारण इसमें और कमी जारी रह सकती है।
मंगलवार को हुई बारिश के कारण विजिबिलिटी साफ हो गई। मौसम साफ हो जाने से लोगों ने राहत की सांस ली। मंगलवार को दिल्ली की हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर पर थी।
दिल्ली के 21 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ और 12 इलाकों में ‘बहुत खराब’ दर्ज की गई। गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ जबकि गुरूग्राम में वायु की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई।
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 'बेहद खराब' वायु गुणवत्ता देखने को मिली और पूर्वानुमान में दिन में हल्की बारिश होने की बात कही गई थी।
दिल्ली एयर पोल्यूशन दिवाली के बाद हर साल की तरह इस बार भी तबाही मचाती नजर आ रही है।
कृषि मंत्रालय के राष्ट्रीय जैविक केन्द्र ने वेस्ट डी. कम्पोजर बनाया है। अगर 200 लीटर पानी में दो किलो गुड़ घोलकर उसमें वेस्ट डी. कम्पोजर मिलाकर खेत की सिंचाई कर दी जाए तो 15 दिन के अंदर पराली गलकर खाद बन जाएगी।
गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में हवा की गुणवत्ता गंभीर रही जबकि गुड़गांव में स्थिति में थोड़ा सुधार देखने को मिला है। वहां पर गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गयी।
शहर और उसके आस-पास के सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता 'अति खराब' बनी हुई है, जिसमें आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, बुराड़ी और द्वारका शामिल हैं। वहीं मेजर ध्यानचंद स्टेडियम, आईटीओ, जवाहर लाल नेहरू और लोधी कॉलोनी में वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को गंभीर श्रेणी में बनी रही जबकि प्रदूषण के स्तर में धीमा लेकिन महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला है।
प्रदूषण कम करने के लिए जगह-जगह पानी का छिड़काव किया जा रहा है। बकायदा टैंकर से दिल्ली के तमाम इलाकों में छिड़काव हो रहे हैं, फिर भी प्रदूषण है कि कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
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