दिल्ली में बुधवार की सुबह प्रदूषण का स्तर “बहुत खराब” श्रेणी में पहुंच गया। एक सरकारी एजेंसी की ओर से यह जानकारी दी गई।
राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सोमवार सुबह ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई, वहीं सरकारी एजेंसियों ने कहा कि अगले कुछ दिन में हवा की दिशा में बदलाव और गति में कमी की वजह से इसमें और गिरावट से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ सकता है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए जनरेटरों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। दिल्ली समेत नोएडा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में जरूरी व आपात सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटरों के इस्तेमाल पर पूर्ण पाबंदी रहेगी।
राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता में गिरावट आ गई है। दिल्ली में वायु की गुणवत्ता सोमवार को ‘खराब' श्रेणी में दर्ज की गई लेकिन हवा की गति ठीक होने से इसमें आंशिक सुधार होने की संभावना है।
राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार को आठ महीनों में सबसे निचले स्तर पर रही। शहर के पीएम 2.5 स्तर में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी केवल छह प्रतिशत रही।
राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में सोमवार सुबह वायु की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई और अतिसुक्ष्म कणों - पीएम 2.5 और पीएम10 - का स्तर इस मौसम में अब तक का अधिकतम रहा।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता बुधवार सुबह थोड़ी देर के लिए ‘‘खराब’’ की श्रेणी में पहुंच गई थी। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में पीएम10 सुबह 10 बजे 225 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया।
वर्तमान में दिल्ली में वायु गुणवत्ता हालांकि मध्यम श्रेणी में है, लेकिन आने वाले दिनों में राजधानी की हवा और दूषित हो सकती है। इसका कारण पराली जलाने की घटनाओं का बढ़ना है। यह जानकारी सोमवार को सफर ने दी।
राष्ट्रीय राजधानी से मॉनसून वापसी में हुई देरी से दिल्ली में हवा की क्वॉलिटी पर आने वाले दिनों में बहुत ही खराब असर हो सकता है।
दिल्ली में शनिवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में रही वहीं सोमवार को इसके ‘खराब’ की श्रेणी में आने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। दिल्ली में सुबह साढ़े नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 168 रहा जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रही। केंद्रीय एजेंसी, सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग (सफर) के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह नौ बजकर 46 मिनट पर 428 रहा।
दिल्ली में बुधवार सुबह न्यूनतम तापमान 7.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि इस मौसम के औसत तापमान से एक डिग्री सेल्सियस कम है। सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता 92 फीसदी दर्ज की गई।
दिल्ली में सोमवार को वायु गुणवत्ता एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गई। वायु गुणवत्ता सूचकांक 582 पर दर्ज किया गया।
राष्ट्रीय राजधानी में बारिश और तेज हवाओं के कारण चंद दिनों के लिए प्रदूषण से थोड़ी राहत मिलने के बाद रविवार को वायु गुणवत्ता फिर खराब हो गई और आगामी दिनों में इसके और खराब होने की आशंका है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लगातार दूसरे दिन हल्की बारिश के कारण बृहस्पतिवार को वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
कृषि राज्य मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी मात्र तीन प्रतिशत होने के बावजूद दिल्ली सरकार प्रदूषण के मुद्दे को सियासी वजहों से तूल दे रही है।
उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीपी वत्स ने जब पूरक प्रश्न पूछते समय यह बात कही तो सदन में बैठे सदस्यों के चेहरे पर मुस्कान उभर आयी।
राज्यसभा में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने दो केंद्रीय मंत्रियों के ट्वीट को लेकर उन पर निशाना साधा और कहा कि वे प्रदूषण से बचने के लिए ‘‘ गाजर खाने और संगीत सुनने’’ जैसी दिलचस्प सलाह दे रहे हैं।
आज दिल्ली में प्रदूषण एक बार फिर बढ़ गया है। हवा की गति कम होने और आर्द्रता का स्तर अधिक होने के कारण दिल्ली और एनसीआर के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है।
दिल्ली में प्रदूषण की डराने वाली तस्वीर पर कल लोकसभा में जबरदस्त चर्चा हुई। लोकसभा में हुई चर्चा इस बात के संकेत हैं कि ये समस्या बड़ी है और इस पर नियंत्रण पाना भी बेहद जरूरी है।
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