कोरोना संकट के पहले से जारी आर्थिक दबाव से MSME की मुश्किलें और बढ़ीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वित्त मंत्री द्वारा कोषित किए गए आर्थिक पैकेज पर कह का इन कदमों का स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी प्रभाव होगा। उन्होनें कहा कि नए उपायों से उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को मदद मिलेगी और गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
संघीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों ने कोरोनावायरस संकट से यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान की पहली झलक पेश की है, जिसे सरकार बचाव कार्यक्रमों की एक सीमा के साथ सीमित करने की कोशिश कर रही है।
सरकार ने MSME के लिए 6 सूत्रीय पैकेज का ऐलान किया है
वित्तमंत्री ने आज अर्थव्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को घोषित किए 10 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबसे देश में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है, तभी से इस बात की चर्चा है कि किस सेक्टर को क्या मिलने जा रहा है।
आर्थिक पैकेज का खुलासा आने वाले दिनों में वित्त मंत्री करेंगी
आगामी 17 मई को लॉकडाउन का तीसरा चरण खत्म हो रहा है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ लॉकडाउन को बढ़ना चाहिए या नहीं इस पर भी गहन मंथन किया जा रहा है।
पिछले दो महीनों में 3.3 करोड़ से अधिक अमेरिकियों ने अपनी नौकरी खो दी है। वहां पूरा यात्रा और पर्यटन उद्योग ध्वस्त हो गया है।
दोनों नेता वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता की महत्ता पर राजी हुए और उन्होंने अमेरिका एवं सऊदी अरब की रक्षा साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।
कांत के मुताबिक चीन से कंपनियों के मोह भंग का भारत पूरा फायदा उठाने की योजना बना रहा है
S&P का अनुमान है कि महामारी पर जल्द नियंत्रण से भारत में अगले साल तेज ग्रोथ संभव
उन्होंने जोर देकर कहा कि आप दोनों को संतुष्ट कर सकते हैं- राज्यों को देखें, जो धीरे-धीरे लॉकडाउन को खोल कर रहे हैं और साथ ही कोरोना वायरस की महामारी से लोगों की रक्षा भी कर रहे हैं। अमेरिका में इस महामारी से अबतक 67 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
सेवाओं के निर्यात में 38% की और उपभोक्ता खर्च में 10.2% की गिरावट दर्ज
शिवसेना ने कोरोना वायरस रोकने के लिए लगे लॉकडाउन का देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले दीर्घकालिक असर पर चिंता व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि सभी राजनीतिक दलों को सांप्रदायिक राजनीति छोड़ कर अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए काम करना चाहिए।
अर्थशास्त्रियों के मुताबिक बढ़ती जनसंख्या और घटते रोजगार की स्थिति आने वाले समय में गंभीर हो सकती है
पूर्व रिजर्व बैंक गवर्नर के मुताबिक गरीबों के खाते में सीधे वित्तीय मदद दी जानी चाहिये
फिच के मुताबिक रेटिंग का आकलन संकट के बाद के हालातों को देखकर किया जाएगा
जिंदल ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि अर्थव्यवस्था मंदी में न फंसे इसके लिए हमें बहुत अधिक उपाय करने होंगे। अर्थव्यवस्था में सुस्ती भी इस देश के लिए एक चुनौती है।
रिपोर्ट के मुताबिक अगर लॉकडाउन 15 मई के बाद भी जारी रहता है तो ग्रोथ निगेटिव हो सकती है
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