बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 4 किसान, 3 बीजेपी कार्यकर्ता और 1 बीजेपी नेता का ड्राइवर शामिल है।
उन्होंने कहा, "जिन परिवारों को लग रहा है कि दबाया जा रहा है और उनकी बातें आगे नहीं पहुंचती हैं, ऐसे में अगर प्रियंका वहां जाकर लोगों से मिलती है और उन्हें समर्थन करती है तो जरूर लोगों को लगेगा कि कोई तो उनसे मिलने के लिए आया है।"
लखीमपुर में हुई हिंसा में प्रशासन और किसानों को बीच समझौता हो गया है। प्रशासन मृतक किसानों के परिवार को 45-45 लाख रुपये का मुआवजा देगा, साथ ही मामले की न्यायिक जांच होगी।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में कल हुई घटना के बाद तनाव है। प्रशासन ने पूरे जिले में धारा 144 लगा रखी है, वहां किसी को जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है। प्रशासन की मनाही के बावजूद लखीमपुर खीरी जाने के निकलीं प्रियंका गांधी को यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। प्रियंका गांधी को लखीमपुर खीरी जाते वक्त हरगांव से हिरासत में लिया गया।
किसानों की नाराजगी की वजह केन्द्र सरकार का वह फैसला है जिसमें हरियाणा और पंजाब सरकार से कहा गया है कि सितंबर में हुई भारी बारिश की वजह से धान खरीदी फिलहाल रोक दे। इस फैसले के मुताबिक भारी बारिश की वजह से धान में नमी है इसलिए धान की खरीद 11 अक्टूबर से शुरू की जाए।
पिछले 10 महीने से धरने पर बैठे पंजाब हरियाणा के किसान आज सड़कों पर उतर गए हैं। दोनों राज्यों के किसान धान खरीदी की तारीख बढ़ाए जाने से नाराज हैं। किसान संगठन आज हरियाणा और पंजाब में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा के किसानों ने करनाल में सीएम मनोहर लाल खट्टर के आवास का घेराव किया है।
हरियाणा के किसानों ने ऐलान किया है कि वे प्रदर्शन के दौरान करनाल सीएम मनोहर लाल खट्टर के आवास का घेराव करेंगे। किसानों ने हरियाणा सरकार के सभी मंत्रियों और बीजेपी सांसदों का भी घेराव करने का ऐलान किया है।
हरियाणा के किसानों ने करनाल में सीएम मनोहर लाल खट्टर के आवास का घेराव किया है। किसानों ने हरियाणा सरकार के सभी मंत्रियों और बीजेपी सांसदों का भी घेराव करने का ऐलान किया है।
किसान नेता Rakesh Tikait ने India TV से ख़ास बातचीत की। अपने बयान में उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों से बातचीत करनी चाहिए और साथ ही यह भी कहा कि पुलिस बैरि॑केड् हटाकर उन्हें दिल्ली जाने का रास्ता दे।
टिकैत ने कहा, हमने तो सुप्रीम कोर्ट में अर्जी नहीं डाली है, जिसने याचिका डाली है वो बताए, हम नहीं जानते कि कोर्ट में याचिका डालने वाले कौन हैं।
देश के कई हिस्सों में किसानों द्वारा आज बुलाए गए 'भारत बंद' का असर दिखाई दिया। देश के कई हिस्सों में किसानों ने यातायात को अवरुद्ध करने के लिए सड़कों पर कब्जा कर लिया, वहीं कुछ प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर भी कब्जा जमा कर बैठे हुए नजर आए। इस दौरान जालंधर में आर्मी का रास्ता रोका गया, पूरी खबर के लिए देखिए आज की बात रजत शर्मा के साथ।
पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत के अमेरिका राष्ट्रपति जो बायडेन को ट्वीट पर टैग करते हुए जब इंडिया टीवी ने राकेश टिकैत से सवाल पूछा कि देश के आंतरिक मामलों का हल क्या वे अमेरिका से करवाएं तो राकेश टिकैत गोलमोल जबाव देने लगे और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बात करने लगे।
देश के कई हिस्सों में किसानों द्वारा बुलाए गए 'भारत बंद' का असर का असर दिखाई दे रहा है। देश के कई हिस्सों में किसानों ने यातायात को अवरुद्ध करने के लिए सड़कों पर कब्जा कर लिया है, वहीं कुछ प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर भी कब्जा जमाए बैठे हुए हैं।
नोएडा विकास प्राधिकरण के खिलाफ 27 दिन से चल रहा किसानों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है। किसानों ने सोमवार को एकबार फिर जोरदार प्रदर्शन किया और बैरियर तोड़कर प्राधिकरण के कार्यालय में घुसकर तालाबंदी करने की कोशिश की। इस दौरान किसानों की पुलिस के साथ तीखी झड़प हुई।
कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा की सरकार किसानों को नजरअंदाज कर रही, सरकार को अपनी जिद छोड़ कर किसानों से खुले मन से बात करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा की इस मामले में अब तक सरकार का रवैया निराशाजनक और अलोकतांत्रिक रहा है।
लोगों को हो रही परेशानी पर राकेश टिकैत ने कहा कि बंद या लॉकडाउन होता है तो लोग परेशान तो होते ही हैं, पहले जब लॉकडाउन हुआ तो लोग हजारों किलोमीटर पैदल गए। सबको पता था आज भारत बंद है, सबको लंच के बाद घर से निकलने को कहा था।
कृषि कानूनों के विरोध में पिछले साल से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने आज 'भारत बंद' की अपील की है। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बुलाए गए इस भारत बंद का सबसे असर पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा भाजपा के विरोधी दलों द्वारा शासित कई अन्य राज्यों में दिखाई दे सकता है।
राकेश टिकैत ने पानीपत में ‘‘किसान महापंचायत’’ में कहा, ‘‘आंदोलन को दस महीने हो गए। सरकार को कान खोलकर सुनना चाहिए कि अगर हमें दस वर्षों तक आंदोलन करना पड़े तो हम तैयार हैं।’’
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेतृत्व में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले किसानों द्वारा सोमवार को आहूत 10 घंटे के राष्ट्रव्यापी बंद को कई गैर-राजग दलों ने समर्थन दिया है। एसकेएम ने रविवार को बंद के दौरान पूर्ण शांति की अपील की और सभी भारतीयों से हड़ताल में शामिल होने का आग्रह किया।
किसान आंदोलन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में एक अहम सुनवाई होनी है। किसान दिल्ली की सीमाओं पर कई समय से आंदोलन कर रहे हैं जिसमें उन्होंने सड़कें जाम कर रखी हैं। लिहाजा अब सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर सुनवाई कर रहा है।
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