शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन (एससीओ) में चीनी विदेश मंत्री छिन कांग ने भारत-चीन सीमा पर मौजूदा हालात को लेकर सफेद झूठ बोला है। छिन कांग ने कहा था कि सीमा पर हालात सामान्य और स्थिर हैं, लेकिन भारत ने एससीओ के मंच पर चीन के झूठ का पुलिंदा खोल दिया है।
जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए भीषण संघर्ष में करीब 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं दुश्मन चीन के 40 जवान मारे गए थे। गलवान में शहीद हुए भारतीय जवानों में से एक सैनिक की पत्नी ने भी सेना ज्वाइन कर लिया है। शहीद जवान की पत्नी को बतौर लेफ्टिनेंट लद्दाख क्षेत्र में ही तैनाती दी गई है।
कैंपबेल ने कहा, ‘हम इसे प्रोत्साहित करना चाहते हैं और इसका समर्थन करना चाहते हैं। हम उस रिश्ते को और गहरा करना चाहते हैं, जो पहले से ही बहुत मजबूत है। दोनों देशों के लोगों के आपसी संबंध अमेरिकी लोगों के वैश्विक स्तर पर अन्य देशों के लोगों से संबंधों की तुलना में सबसे मजबूत हैं।
भारत चीन सीमा पर एक बार फिर तनाव बढ़ रहा है? भारत के द्वारा लगातार कई बार LAC विवाद को सुलझाने का प्रयास किया गया है लेकिन चीनी सेना व सरकार है जो अपनी हरकतों से बाज नहीं आती है।
व्हाइट हाउस में रोजाना आयोजित किए जाने वाले प्रेस ब्रीफिंग के दौरान नेशनल सेक्योरिटी काउंसलिंग कोऑर्डिनेटर फॉर स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशन जॉन किर्बी द्वारा इस न्यूज को ना ही खारिज किया गया और न ही इसकी पुष्टि की गई है। इस बाबत उन्होंने कहा कि मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता है।
चीन द्वारा सैन्य ताकत से एलएसी पर यथास्थिति बदलने की कोशिशों, विवादित स्थानों पर चीन द्वारा गांव बसाने और चीन के नक्शे में भारत के अरुणाचल प्रदेश को अपना बताने की भी अमेरिकी सांसदों ने आलोचना की।
भारत-चीन की सीमा पर हालात लगातार नाजुक बने हैं। इस दौरान जी-20 सम्मेलन में शरीक होने के लिए चीन के विदेश मंत्री किन कांग भारत आए हुए हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर की उनसे जी-20 से इतर मुलाकात और बातचीत भी हुई। इसके बावजूद सीमा पर बने मौजूदा हालात का कोई हल निकलने की गुंजाइश नहीं दिखी।
कुटिल चीन सीमा पर कायराना हरकतें करता रहता है। चीन की ऐसी कुत्सित मानसिकता और चुनौतियों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत की तैयारियां भी कम नहीं है। भारत अपनी सरहदों को तेजी से ताकतवर बना रहा है। सड़क, सुरंग, पुल सभी के कंस्ट्रक्शन पर तेजी से काम हो रहा है।
भारत-चीन सीमा के निकट सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने टनकपुर-तवाघाट सड़क पर दो और पुल बनाए हैं, ताकि अंतिम सीमा चौकियों तक परिवहन की सुविधा बढ़ाई जा सके। इससे सेना अब आखिरी चौकियों तक वाहनों के साथ पहुंच सकेगी। इस पुल के बनने से सेना चीन बॉर्डर पर अपने ठिकानों को और मजबूत कर सकेगी।
2020 में गलवान के बाद 9 दिसंबर 2022 को तवांग में फिर चीन और भारत के सैनिकों की झड़प हुई। भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर चीन कभी गलवान, कभी तवांग, कभी डोकलाम...आखिर भारत पर हमले के लिए क्यों आमादा है। इसके पीछे कई अहम कारण है, जिन्हें समझने के लिए पढ़िए पूरी डिटेल।
Congress संसद के अंदर चीन पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा कर रहा है तो Sonia Gandhi की अगुवाई में गांधी प्रतिमा के सामने विपक्ष के सांसदों ने प्रदर्शन किया। Mallikarujn Kharge ने कहा कि सरकार क्यों डर रही है। #ChinaControversy #TawangFaceoff #CongressProtest #MallikarjunKharge #SoniaGandhi
BJP ने Rahul Gandhi पर साधा निशाना, गौरव भाटिया ने राहुल गाँधी पर सेना का मनोबल तोड़ने का लगाया आरोप | यही नहीं बीजेपी ने बताया की कांग्रेस संसद में चर्चा होने देना नहीं चाहती इसलिए किया हंगामा #gauravbhatia #rahulgandhi #indianarmy #indiatv
आप सांसद संजय सिंह ने तवांग मुद्दे पर सरकार से किए सवाल, क्यों सरकार जवाब देने से बच रही है? #sanjaysingh #tawang #tawangclash #indiatv
भारत एलएसी पर चीन को उसी की भाषा में जवाब दे रहा है। चीनी सैनिक अगर उकसाते हैं तो सेना उसका जवाब ऑन द स्पॉट देती है। चीन जिस तरह सड़कों का जाल तैयार कर रहा है, उसी तरह भारत भी चीन से सटी सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रहा है। यही वजह है कि चीन चिढ़ा है।
खरगे ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, सरकार चीन पर चर्चा से भागती है। अरुणाचल प्रदेश में इतनी बड़ी घटना हुई, लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह महज एक पेज का बयान देते हैं। चीन पर सरकार क्या कर रही है, यह सरकार को हमें बताना चाहिए।
ओवैसी ने कहा सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए या संसद में बहस करनी चाहिए और हमें बताना चाहिए कि वे चीन पर क्या फैसला ले रहे हैं। यदि सरकार राजनीतिक नेतृत्व दिखाती है, तो पूरा देश उनका समर्थन करेगा।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह LAC पर स्थिति के बारे में संसद में ‘चर्चा करने से भाग रहे’ हैं। पार्टी ने सवाल किया कि क्या सरकार चीन के साथ अपने ‘नजदीकी संबंधों’ के कारण खामोश है।
India-China Clash: योगी ने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले डोकलाम में भी जब घुसपैठ हुई थी, उस समय भी भारत के जवानों के शौर्य और पराक्रम का सम्मान करने के बजाय कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी का चरित्र जाहिर था।
अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे तवांग क्षेत्र में 9 दिसंबर को भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद सेना और भी अधिक चौकस हो गई है। वहीं वायुसेना भी चीन सीमा के नजदीक युद्धाभ्यास कर रही है।
तवांग में जारी टेंशन के बीच एलएसी पर भारतीय सेना और वायुसेना पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। ड्रैगन को तवांग से खदेड़ने के बाद आज से ईस्टर्न सेक्टर में वायुसेना ने बड़ी एक्सरसाइज़ शुरू कर दी है। युद्धाभ्यास में वायुसेना के सभी घातक लड़ाकू विमान शामिल हैं।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़