भारत ने शुक्रवार को कहा कि पिछले छह महीने में पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध चीन की कार्रवाइयों का परिणाम है क्योंकि चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति को ‘एकतरफा ढंग से बदलने’ की कोशिश की है।
चीन विश्व शांति के लिए बड़े खतरे के तौर पर उभर रहा है। उसकी नापाक मंशा को भांप ताकतवर देश गोलबंद हो गए हैं। इसी का नतीजा है कि हिंद महासागर क्षेत्र में अभी 120 से ज्यादा युद्धपोत तैनात हैं।
भारत और चीन के बीच बीते कुछ महीनों से LAC पर गतिरोध बना हुआ है। इस बीच एक वरिष्ठ चीनी अधिकारी ने मंगलवार को कहा है कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को और अधिक घटाने के लिए चीन और भारत काम कर रहे हैं।
भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र के विशाल हिस्से की निगरानी के लिए प्रसिद्ध सशस्त्र ड्रोन सी गार्डियन मिला है।
भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी गतिरोध पर बड़ी खबर आई है। सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ दिनों में भारत-चीन गतिरोध खत्म करने पर राजी हो सकते है।6 नवंबर को हुई चुशूल में कोर कमांडर स्तर की बैठक में यह सहमति बनी है।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सीडीएस रावत ने कहा कि चीन की पीएलए लद्दाख में अपने दुस्साहस को लेकर भारतीय बलों की मजबूत प्रतिक्रिया के कारण अप्रत्याशित परिणाम का सामना कर रही है।
जयशंकर ने कहा कि सीमा क्षेत्रों में शांतिपूर्ण माहौल ने भारत और चीन के बीच अन्य क्षेत्रों में समन्वय के विस्तार के लिए आधार उपलब्ध कराया लेकिन महामारी सामने आने के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।
भारतीय सेना के शीर्ष सैन्य कमांडरों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मौजूदा सुरक्षा माहौल को संभालने के अंदाज के लिये सेना की तारीफ की। राजनाथ के बयान को पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध के सीधे संदर्भ में देखा जा रहा है।
दशहरा के मौके पर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन सीमा से सटे नाथुला दर्रे में सैनिकों के साथ शस्त्र पूजन करेंगे। इस दौरान सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने भी उनका साथ देंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विजयदश्मी के दिन शस्त्रपूजा भी करते हैं, इसबार वो सीमा के नजदीक सुरक्षाबलों की किसी यूनिट में 'शस्त्रपूजा' करेंगे। अपने इस दौरे पर राजनाथ सिंह बीआरओ द्वारा बनाए जा रहे कई इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन भी करेंगे।
लद्दाख सीमा पर भारतीय सैनिकों ने एक चीनी सैनिक को पकड़ा है। डेमचॉक इलाके में पकड़े गए इस चीनी सैनिक के पास से कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं। चीनी सैनिक के पकड़े जाने के बाद बार-बाद युद्ध की धमकी देने वाली चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने एक बड़ा बयान दिया है।
भारत और चीन की सेना के बीच एलएसी पर कल बैठक होने जा रही है। यह मीटिंग कल सुबह 9:30 बजे कोर कमांडर स्तर के अधिकारियों के बीच शुरु होगी। भारत की तरफ चुशूल में यह बैठक होने वाली है। इस बैठक का एजेंडा चाइना स्टडी ग्रुप ने तैयार किया है।
क्या चीन ने तिब्बत में भारतीय वायुसेना का फाइटर जेट सुखोई-30 एमकेआई मार गिराया है। जानिए इसकी पूरी सच्चाई।
चीन से तनाव के बीच भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में चुमार-डेमचोक क्षेत्र में LAC के पास BMP-2 इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स के साथ T-90 और T-72 टैंकों को तैनात कर दिया है। यह टैंक माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में काम कर सकते हैं।
एलएसी की तरफ हथियारों के मूवमेंट का सिलसिला बंद नहीं हुआ है। इसीलिए हमारी तरफ से चीन को साफ-साफ कहा गया है कि पहले चीन पीछे हटे, जवानों की, टैंकों और अन्य हथियारों की तैनाती को कम करे और इसके सबूत दे।
भारत-चीन सीमा विवाद के बीच भारतीय वायुसेना में हाल ही में शामिल हुए राफेल फाइटर जेट ने LAC के पास फॉर्वर्ड एयरबेस से पर उड़ान भरी।
लद्दाख में सीमा पर तनाव कम करने को लेकर भारत और चीन के बीच हुई कमांडर स्तर की छठे दौर की बात में तय हुआ है कि दोनों देश सीमा पर अतिरिक्त सैनिकों का जमावड़ा नहीं करेंगे। मंगलवार को भारतीय सेना की तरफ से जारी किए गए बयान में यह जानकारी दी गई है। सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच 21 सितंबर को हुई कमांडर स्तर की बातचीत में तय हुआ है कि दोनों तरफ से सीमा पर और सैनिक भेजना रोका जाएगा।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र में अपने संबोधन में कहा है कि उनका देश किसी भी देश के साथ किसी भी तरह का युद्ध नहीं लड़ना चाहता।
इंडिया टीवी को मिली जानकारी के मुताबिक हम आपको बता दें कि भारत और चीन दोनों यह चाहते है कि डिसएंगेजमेंट हो लेकिन चीन अपनी रट पर लगा हुआ है। चीन पेंगोंग सो के फिंगर चार को छोड़ना नहीं चाहता और वो केवल चुशूल से लेकर मुखपारी, Hunan coast , Rechen La की बात कर रहा है।
चीन से वास्तविक नियंत्रण रेखा के इलाकों में लद्दाख के बर्फीले हिस्सों और पहाड़ी इलाकों में गश्त करने में भारतीय सेना अब खास बैक्ट्रियन कैमल का इस्तेमाल करेगी।
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