भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समीक्षा, वृहद आर्थिक आंकड़ों और वैश्विक संकेतों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी।
दुन एंड ब्रैडस्ट्रीट (डीएंडबी) के हालिया आर्थिक पूर्वानुमान के अनुसार, अमेरिका और अन्य देशों के बीच जारी आर्थिक तनाव का भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर असर पड़ेगा।
पिछले सप्ताह 6 अरब डॉलर के कर्ज को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के साथ प्रारंभिक समझौते के बाद यह कदम उठाया गया है।
अधिकतर अर्थशास्त्रियों ने चार अप्रैल को पेश होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती का सुझाव दिया। वहीं कुछ ने 0.50 प्रतिशत की कटौती का समर्थन किया।
उद्योग और विशेषज्ञों को यह उम्मीद है कि बैंक नियामक आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए मुख्य नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को छठी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की। इसकी मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:
आरबीआई ने अभी मौद्रिक नीति के बारे में नाप-तोल कर सख्ती करने का रुख अपना रखा है।
बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान GDP ग्रोथ 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जबकि दूसरी छमाही के दौरान महंगाई दर 2.7-3.2 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान जारी किया है
रिजर्व बैंक के अनुसार, महानगरों में अब 35 लाख रुपए तक के होम लोन को प्रायरिटी सेक्टर लेंडिंग की श्रेणी में रखा जाएगा और इस पर वह सारे लाभ मिलेंगे जो प्रायरिटी सेक्टर लेंडिंग श्रेणी के तहत दिए जाते हैं। आपको बता दें कि पहले इसकी सीमा 35 लाख रुपए थी। इस संदर्भ में RBI 30 जून को एक सर्कुलर जारी करेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की नए वित्त वर्ष 2018-19 की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक 4 और 5 अप्रैल को होगी।
भारत अपने लोगों के जीवनयापन का स्तर सुधार कर तथा निवेश को प्रोत्साहित कर अगले दो दशक तक आठ प्रतिशत की दर से वृद्धि कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ आर्थिक अधिकारी ने यह बात कही।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखने के बीच बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज 205 अंक टूटकर 32,597.18 अंक पर आ गया।
MPC की दो दिन की बैठक के नतीजे कल आएंगे। सभी अंशधारकों मसलन उद्योग और शेयर बाजारों की निगाह बैठक पर है।
रिजर्व बैंक (RBI) इस बुधवार को अपनी मुख्य नीतिगत ब्याज दर वर्तमान स्तर पर ही बनाए रख सकता है तथा उसका ध्यान महंगाई नियंत्रण पर केंद्रित रहने की संभावना है
देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की नजर RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा ब्याज दरों पर किए जाने वाले फैसले पर रहेगी।
विश्लेषकों का मानना है कि बढ़ती महंगाई दर को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति अगली समीक्षा बैठक में नीतिगत दर को शायद ही कम करे।
मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम और बहाय एवं वित्तीय मोर्चे पर अनिश्चितता की वजह से मौद्रिक नीति की समीक्षा में RBI ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं कर सका।
RBI की तरफ से ब्याज दरों में कटौती होती है तो त्योहारी सीजन को देखते हुए बैंक, होम लोन और ऑटो लोन की दरों को घटाने में देर नहीं करेंगे
सरकार ने लघु बचत योजनाओं जैसे पीपीएफ, किसान विकास पत्र और सुकन्या समृद्धि योजना के लिए अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
RBI की ब्याज दरों में कटौती के बाद आपकी कार और होम लोन की EMI घटने की पूरी संभावना है।
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