चीन के राजदूत ने कहा कि उनके देश का मानना है कि आसियान को ‘महत्वपूर्ण भूमिका’ निभानी चाहिए।
साल 2021 में ऐसी कई बड़ी घटनाएं हुई जो वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बनी। एक देश में लोकतांत्रिक सरकार को हटाया गया तो दूसरे देश में लंबे समय से चले आ रहे विदेशी शासन का खात्मा हुआ और सबसे नया गणराज्य अस्तित्व में आया। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान ने वहां की सत्ता पर कब्जा हासिल कर लिया।
सोशल मीडिया अकाउंट्स को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका है लेकिन वायरल तस्वीरों में 3 वाहनों में 30 से अधिक जले शवों को देखा जा सकता है।
मंगलवार को हमले के बाद सोशल मीडिया पर आए वीडियो में 11 ग्रामीणों के जले हुए शव दिख रहे हैं।
भूकंप का केन्द्र चिन राज्य की राजधानी हखा शहर के पास 32.8 किलोमीटर (20.4 मील) की गहराई पर था, जिसके झटके सीमा पार भारत और बांग्लादेश के कस्बों तथा शहरों में भी महसूस किए गए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, म्यांमार से जान बचाकर भागे 11 लाख रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश ने अपने तटों के पास शिविरों में शरण दिया हुआ है।
दिल्ली जाने की तैयारी में लगे म्यांमार के 26 नागरिकों को रविवार को मिजोरम से गुवाहाटी पहुंचने पर गिरफ्तार किया गया। इनमें 10 महिलाएं शामिल हैं।
म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमान व्यापक भेदभाव का सामना करते हैं और अधिकांश को नागरिकता और अन्य बुनियादी अधिकारों से वंचित किया गया है।
म्यांमार के सबसे बड़े शहर यंगून में एक अपार्टमेंट की इमारत में सरकारी सुरक्षा बलों द्वारा की जा रही छापेमारी से बचने के लिए 5 लोग इमारत से कूद गए।
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद खूनी संघर्ष जारी है। म्यांमार की राज्य प्रशासन परिषद को 'म्यांमार की कार्यवाहक सरकार' के रूप में नया नाम दिया गया है।
कोरोना वायरस के प्रकोप ने दक्षिण एशिया के कई देशों में स्थिति को बहुत ही विकट बना दिया है जिसमें इंडोनेशिया ने अपना समूचा ऑक्सीजन उत्पादन चिकित्सा उपयोग में झोंक दिया है...
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक दुर्लभ कदम उठाते हुए म्यांमार की सैन्य सरकार के खिलाफ व्यापक वैश्विक विरोध प्रकट करते हुए एक प्रस्ताव पारित कर देश में सैन्य तख्तापलट की निंदा की है
यह पता चला है कि दिल्ली के खजूरी खास इलाके से संचालित एक वेंडर ने रोहिंग्याओं के अवैध प्रवास को सुगम बनाकर उन्हें उत्तर प्रदेश में बसाया था।
म्यांमार में 1 फरवरी को हुए तख्तापलट के विरोध में सड़क पर उतरे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को गोली मारने के आदेश से तंग आकर अब अधिक से अधिक संख्या में सैनिक देश में लोकतंत्र बहाल करने के आंदोलन में शामिल होते जा रहे हैं।
म्यांमार की सैन्य सरकार अपदस्थ नेता आंग सान सू की के खिलाफ अगले सप्ताह सोमवार को अदालत में अपना मामला पेश करेगी। सू की के वकीलों ने इस बारे में बताया।
भारत ने म्यांमार में जारी हिंसा को ‘‘तत्काल रोकने’’ और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील करने वाली आसियान समूह की पहल का स्वागत किया और हिरासत में बंद नेताओं को रिहा करने की फिर से अपील की।
मध्य म्यांमार में सुरक्षा बलों ने तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर शनिवार को गोली चला दी जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी।
म्यांमार की सेना ने देश के पूर्वी हिस्से पर मंगलवार को और हवाई हमले किए जिसके बाद हिंसा की स्थिति और गहरा गई।
मणिपुर सरकार ने म्यांमार की सीमा से सटे जिलों के उपायुक्तों को तख्तापलट के बाद पड़ोसी देश से भाग कर आ रहे शरणार्थियों को भोजन एवं आश्रय मुहैया कराने के लिए शिविर न लगाने का आदेश दिया था।
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