आज नेता जी की जयंती है। नेता जी ने अपना सारा जीवन देश के नाम कर रखा था। नेता जी ने देश की आजादी के लिए काफी संघर्ष किया। आइए नेता जी के जीवन से जुड़े कुछ इतिहास पर नजर डालें।
CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश में नेताजी के योगदान को याद करने का सबसे अच्छा तरीका कड़ी मेहनत करना और छुट्टियों में शामिल नहीं होना है। उन्होंने कहा कि यह सवाल पूरी तरह से सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है।
Netaji Subhas Chandra Bose Statue: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली के इंडिया गेट के पास स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया।
Netaji Statue India Gate: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनिता बोस फाफ ने देश में राजनीतिक दलों से उनके पिता की अस्थियां टोक्यो के रेनकोजी मंदिर से भारत लाने की दिशा में काम करने का अनुरोध किया।
Netaji Subhash Chandra Bose: नेताजी की बेटी अनीता बोस फाक ने कहा कि वह चाहती हैं कि ताइपे में हुई विमान दुर्घटना में बोस की मौत के बाद से अब तक जापान के रेनकोजी टेंपल में रखे उनके अवशेषों को उचित सम्मान के साथ वापस लाया जाए।
Subhas Chandra Bose: कई इतिहासकारों का मानना है कि नेताजी की मौत 18 अगस्त, 1945 को ताइवान में प्लेन क्रैश में हुई थी। विमान में बम धमाका हुआ था। नेताजी के निधन के वक्त कई जापानी लोग भी उनके साथ थे। इस मामले में 1956 में जापान में एक विस्तृत रिपोर्ट आई थी।
नेताजी ने देश की आजादी के लिए विश्वभर का भ्रमण किया और ब्रिटेन के विरोधी देशों का साथ पाने के लिए उन्होंने अथक प्रयास किए। इसी बीच जर्मनी में वह ऑस्ट्रियन मूल की महिला एमिली शेंकल से मिले और दोनों ने सन् 1942 में बाड गास्टिन में हिन्दू पद्धति से विवाह रचा लिया। उनकी एक बेटी अनीता बोस है। अनीता की उम्र 80 साल है और वे ऑस्ट्रियन अर्थशास्त्री हैं।
देश भारतमाता के वीर सपूत नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है। उनके जन्मदिन को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पराक्रम दिवस के रूप में मना रही है। अब गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत उनके जन्मदिन से प्रारंभ होगी। जानिए नेताजी कैसे राजनीति में आए, क्यों आईसीएस की परीक्षा से त्यागपत्र दे डाला और भी बहुत कुछ।
नेता के पड़पोते सीके बोस ने आगे कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने दिसंबर 1965 में पीएम के रूप में कोलकाता के रेड रोड पर नेताजी की प्रतिमा का अनावरण किया था। तब से, 23 जनवरी को किसी अन्य पीएम ने राज्य का दौरा नहीं किया।
पदयात्रा शुरू करने से पहले ममता बनर्जी ने कहा कि आजादी से पहले ही नेताजी ने योजना आयोग और भारतीय राष्ट्रीय सेना की कल्पना नेताजी की दूरदर्शिता थी। वो (भाजपा) उन्हें अपना नायक मानने की बात करते हैं लेकिन योजना आयोग समाप्त कर देते हैं। हम उनकी 125 वीं जयंती को भव्य रूप में मना रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जनवरी को कोलकाता जाएंगे जहां वो नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर पराक्रम दिवस समारोह में हिस्सा लेंगे। बता दें कि मोदी सरकार ने नेताजी की जयंती को हर साल पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया है।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस की पुण्यतिथि 18 अगस्त को मनाई जाएगी। ऐसा माना जाता है कि उनकी अस्थियों को जापान के एक मंदिर में सुरक्षित रखा गया है जिनका डीएनए टेस्ट कराने और भारत वापस लाए जाने की बात पर चर्चा जोरों पर है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा की गई अपनी आलोचना पर अब हिंदू महासभा ने भी पलटवार किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत सुभाष चंद्र बोस के साहस और उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ाई में उनके अमिट योगदान का हमेशा आभारी रहेगा।
बोस और आजाद हिंद फौज पर संग्रहालय में सुभाष चंद्र बोस और आईएनए से संबंधित विभिन्न वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है। इसमें नेताजी द्वारा इस्तेमाल की गई लकड़ी की कुर्सी और तलवार के अलावा आईएनए से संबंधित पदक, बैज, वर्दी और अन्य वस्तुएं शामिल हैं।
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