सीबीआई ने तकनीकी सहायता धोखाधड़ी योजना में शामिल होने के आरोप में छह निजी कंपनियों के खिलाफ एक शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। यह कंपनियां नई दिल्ली, जयपुर (राजस्थान), नोएडा (उत्तर प्रदेश), गुरुग्राम (हरियाणा) में रजिस्टर्ड है। सीबीआई ने धोखाधड़ी के इस मामले में कई अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि धोखाधड़ी से जुड़ी राशि का मतलब बैंक को इतने ही राशि के नुकसान से नहीं है। ये नुकसान बैंक ग्राहकों को हुआ है।
एसबीआई का कहना है कि इससे एटीएम धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी।
सरकार ने भी लोगों को सलाह दी है कि वह ऐसे किसी भी अनजान फोन कॉल, एसएमएस या ई-मेल का जवाब देने से बचें।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन फ्रॉड का एक मामला दर्ज किया गया है और इसकी अब जांच की जा रही है।
कोरोना संकट की वजह से वर्क फ्रॉम होम बढ़ने के बीच ऑनलाइन फ्रॉड के मामले बढ़े
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ऑनलाइन पॉन्जी धोखाधड़ी मामले में नोएडा की एक विपणन कंपनी की आठ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की है।
आरबीआई( RBI) के नए गाइडलाइंस के मुताबिक यदि ग्राहक किसी भी बैंक साइट या लिंक्ड मर्चेंट वेबसाइट से ऑनलाइन धोखा खाता है, तो ऐसी स्थिति में बैंक अपने ग्राहक को क्लेम किए गए पूरे पैसे लौटाएगा।
अपने पासवर्ड को हमेशा इतना मजबूत बनाएं कि उसके बारे में अनुमान लगाना किसी के लिए भी आसान न हो।
SBI ने ऑनलाइन फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए अपने 42 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को अलर्ट किया है।
अगर आपने भी ओएलएक्स जैसी वेबसाइट पर सीधे ग्राहकों से संपर्क कर अपना अकाउंट नंबर या यूपीआई आईडी दी है तो आप सावधान हो जाइए। नोएडा में एक ऐसा की गिराह एक्टिव है जो धोखाधड़ी से लोगों के अकाउंट से पैसे साफ कर रहा है।
पूर्व प्रधान न्यायाधीश (CJI) आर एम लोढ़ा को कथित तौर पर एक लाख रूपये का चूना लगाने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया आर एम लोधा ऑनलाइन ठगी के शिकार हुए हैं। लोधा ने 1 जून को मालवीय नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
भारतीय अब डिजिटल रूप से अधिक सक्रिय होते जो रहे हैं और इसके साथ ही उनके साथ फाइनेंशियल फ्रॉड का जोखिम भी बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चार में से एक भारतीय ग्राहक ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार बनता है। वैश्विक वित्तीय सूचना कंपनी एक्सपेरियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि 24 प्रतिशत भारतीय ऑनलाइन लेनदेन में सीधे धोखाधड़ी का शिकार बने हैं।
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक मालवेयर-रोधी विश्लेषण केंद्र शुरू किया जो देश में कंप्यूटरों और मोबाइल फोनों को एंटीवायरस की सुविधा देगा।
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