कंगाल पाकिस्तान में क्राइम का ग्राफ भी बढ़ने लगा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब अपराधी लूट के लिए दर्जी की दुकान तक को नहीं छोड़ रहे हैं। लुटेरों ने दर्जी की दुकान से 25 सूट लूट लिए।
विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने सेना को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है लेकिन अगर वे आतंकी अभियान में व्यस्त रहेंगे तो चुनाव के लिए सुरक्षाकर्मी मुहैया नहीं करा पाएंगे। इससे न चाहकर भी चुनाव को टालना होगा जिसकी चाहत पीएम शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ जनरल मुनीर रखते हैं।
पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में संघीय कैबिनेट की बैठक लाहौर में होगी। उन्होंने कहा ‘मौजूदा मुद्दों पर यह एक अहम बैठक है। हालांकि, इसका एजेंडा अब तक जाहिर नहीं किया गया है। बैठक में कुछ अहम फैसले लिए जा सकते हैं।‘
पाकिस्तानी हिंदू सांसद दानिश कुमार जो कि बलूचिस्तान के नेता हैं, उन्होंने संसद में अपने वक्तव्य के दौरान आक्रोश में कहा कि मुझ पर मुस्लिम बनने का दबाव है। मुझे इस्लाम के उपदेश न दिए जाएं। उन्होंने कहा कि ‘पहले अपराधी मुसलमानों को इस्लाम सिखाओ फिर मुझसे मेरा धर्म बदलने के लिए कहना।‘
इमरान खान ने यह भी चेतावनी दी कि पंजाब इलेक्शन में देरी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नहीं स्वीकार किया जा रहा है, इससे विदेशी निवेशकों में पाकिस्तान की गलत छवि जाएगी और इन विदेशी निवेशकों को गलत संदेश मिल सकता है।
पाकिस्तान पर जब गरीबी, कंगाली की तलवार लटकी, तो उसे आतंकवाद पर लगाम लगाने की याद आई। टेरर फंडिंग करने वाले पाकिस्तान के पीएम ने आतंकवाद पर शिकंजा कसने के लिए अहम बैठक बुलाई। हालांकि पाकिस्तान खुद तालिबानी आतंकियों से परेशान है। लेकिन आतंकियों की पनाहगाह भी यहीं है। जानिए आतंक पर लगाम के पीछे चीन का क्या कनेक्शन है।
''पाकिस्तान का रूल ऑफ लॉ 140 देशों में 129वें नंबर पर है। जब हम 129वें नंबर पर होंगे तो यहां कोई निवेश नहीं करेगा। वही पाकिस्तानी दुबई जाकर प्रॉपर्टी खरीदते हैं।''
इमरान खान ने कहा कि ‘जनरल बाजवा चाहते थे कि मैं भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित करूं। उन्होंने इसके लिए मुझ पर दबाव बनाया और हमारे रिश्ते खराब होने की एक वजह यह भी थी।‘
फैक्ट शीट से पता चला है कि 23 प्रतिशत लड़कियां 14 साल से कम उम्र की थीं, उनमें से 36 प्रतिशत की उम्र 14 से 18 साल के बीच थी और पीड़ितों में से केवल 12 प्रतिशत वयस्क थीं, जबकि पीड़ितों में से 28 प्रतिशत की उम्र की रिपोर्ट नहीं की गई है।
पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कटोरा लेकर कर्ज की भीख मांगने पर मजबूर होना पड़ा है। कई दोस्त देश ही उसे अब ठेंगा दिखाने लगे हैं। इसी बीच पाकिस्तान अपना देश चलाने के लिए तीन सबसे खास एअरपोर्ट को दूसरे देश के हाथों में सौंपने पर मजबूर हो गया है।
लोग रमजान में भी मुफ्त आटा पाने के लिए लंबी लाइनें लगा रहे हैं।वहां आटा इंसान की जान से भी ज्यादा कीमती हो गया है।शहबाज सरकार ने गरीबों के कल्याण के लिए मुफ्त आटे की योजना चलाई है। इसी मुफ्त आटे को पाने के लिए कोशिश के दौरान भगदड़ मच गई और इसमें नौ लोगों की मौत हो गई।
पाकिस्तान ने कई विदेशी एयरलाइन कंपनियों के डॉलर बंद कर दिए हैं, इसलिए अब ये कंपनियां पाकिस्तानी ग्राहकों से डॉलर में भुगतान कर टिकट खरीदने को कह रही हैं।
कराची के गार्डन ल्यारी एक्सप्रेसवे पर अज्ञात हमलावरों द्वारा किए गए हमले में एक नेत्र सर्जन डॉ. बीरबल जेनानी की मौत हो गई है। वहीं एक महिला चिकिस्त्सक घायल हो गई है। डॉक्टर बीरबल कराची मेट्रोपॉलिटन कॉर्पोरेशन के पूर्व निदेशक और स्पेंसर आई अस्पताल के प्रमुख थे।
आर्थिक संकट की वजह से पाकिस्तान देश में आने वाली फ्लाइट्स भी पूरी तरह से खाली हैं। दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान से तुर्की जाने वाली फ्लाइट भरी हुई जाती है। यानी कि लोग पाकिस्तान से बाहर तो जाना चाहते हैं, लेकिन यहां नहीं आना चाहते।
डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी मुद्रा के अत्यधिक मूल्यह्रास और पाकिस्तान की ड्रग रेगुलरिटी अथॉरिटी (डीआरएपी) की विवादास्पद दवा मूल्य निर्धारण नीति के कारण, उनकी कीमतें कई गुना बढ़ गई हैं।
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ ‘पीटीआई‘ के अध्यक्ष खान ने गोलरा, बारा काहू, रमना, खन्ना और सीटीडी थानों में उनके खिलाफ दर्ज सात मामलों में अंतरिम जमानत की मांग की। खान की ओर से याचिकाएं दायर करने वाले अधिवक्ता सलमान सफदर ने कहा कि यदि पूर्व प्रधानमंत्री गिरफ्तार हो जाते हैं, तो उन्हें ‘अपूरणीय क्षति‘ होगी।
खबर के मुताबिक, निलंबित अधिकारी पर रमजान महीने के दौरान सार्वजनिक तौर पर खाने-पीने पर प्रतिबंध से संबंधित कानून का ‘उल्लंघन‘ करने के आरोप में हिंदुओं को परेशान करने, उनके साथ मारपीट करने और उन्हें गिरफ्तार करने का आरोप है।
पाकिस्तान की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। जिन्ना के इस देश में आम अवाम की सुध लेने वाला कोई नहीं है। रमजान के पाक महीने में भी गरीब पाकिस्तानियों को एक किलोग्राम आटे के लिए आधा किलोमीटर लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है। कई जगह तो आटे के सरकारी विक्रय केंद्रों पर भगदड़ भी मची है।
जेई सिंध मुत्तहिदा महाज जेएसएमएम नाम के संगठन के कार्यकर्ता सज्जाद शर ने कहा कि पाकिस्तान 75 सालों से सिंध का एक उपनिवेश के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। वह सिंध के लोगों को उनकी मातृभूमि, संस्कृति, भाषा और राजनीतिक स्वतंत्रता से वंचित कर रहा है।
पाकिस्तान ने कहा था कि आईएमएफ की शर्तों के कारण ही पंजाब प्रांत में चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं। पाकिस्तान के इस दावे को आईएमएफ ने सिरे से खारिज करते हुए गुरुवार को कहा है कि पाकिस्तान के संवैधानिक मामले उसकी शर्तों में शामिल नहीं हैं।
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