प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हुई हिंसा से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट से दो आरोपियों को अंतरिम राहत मिली है। आरोपी नदीम खान और बबलू खान को इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच ने गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाकर राहत दी है।
चार्जशीट दाखिल होने तक गिरफ्तारी पर रोक
जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की डबल बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों भाइयों की गिरफ्तारी पर चार्जशीट दाखिल होने तक रोक लगा दी है।
बरेली हिंसा के आरोपी नदीम खान और बबलू खान गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार थे और उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अपनी याचिका में दोनों ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने और उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की मांग की थी।
यह मामला 26 सितंबर को बरेली हिंसा से जुड़ा है। दोनों भाई इस हिंसा में आरोपी हैं। उनके खिलाफ बरेली के बारादरी थाने में FIR दर्ज हुई है। पुलिस ने दोनों पर बरेली हिंसा में साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया है।
'आई लव मोहम्मद' कैंपेन के दौरान भड़की थी हिंसा
गौरतलब है कि बरेली में 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद 'आई लव मोहम्मद' कैंपेन से जुड़े एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। यह घटना तब हुई जब इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान के आह्वान पर बड़ी संख्या में लोग इस्लामिया ग्राउंड में जमा हुए थे।
पुलिस के अनुसार, मौलाना तौकीर रजा ने जुमे की नमाज के बाद 'आई लव मोहम्मद' मुद्दे पर इस्लामिया ग्राउंड में लोगों को इकट्ठा होने के लिए कहा था। जब पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, तो टकराव हो गया। भीड़ उग्र हो गई और कई स्थानों पर पथराव, फायरिंग और पेट्रोल बम फेंके गए। पुलिस को स्थिति को काबू करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। इस हिंसा में कई लोग घायल हुए और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा।
मौलाना तौकीर रजा खान को इस हिंसा का मुख्य आरोपी बनाया गया, जिन पर दंगा भड़काने, उकसाने और हत्या की साजिश जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए। उन्हें बाद में गिरफ्तार कर फतेहगढ़ जेल भेज दिया गया। पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा और उनकी पार्टी के कई करीबियों समेत 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया। इस मामले में 10 से अधिक FIR दर्ज की गई हैं।
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