कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने गैंगस्टर के मुकदमे में इरफान सोलंकी की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। कोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर करते हुए जेल से रिहा करने का भी आदेश दिया है। इसके अलावा इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी और इजरायल आटेवाला की भी जमानत अर्जियों को मंजूर कर लिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 2 सितंबर को जजमेंट सुरक्षित कर लिया था। जस्टिस समीर जैन के सिंगल बेंच ने तीनों की जमानत अर्जियों पर यह फैसला सुनाया है।
सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और इजरायल आटेवाला की जमानत अर्जियों पर अधिवक्ता इमरान उल्ला और अधिवक्ता विनीत विक्रम ने दलीलें पेश की थी। वहीं राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया था।
इस मामले में दर्ज हुए थे मामले
सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के अधिवक्ता इमरान उल्ला के मुताबिक इरफान सोलंकी खिलाफ पहले एक मुकदमा 7 नवंबर 2022 को कानपुर के डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली एक महिला नजीर फातिमा की झोपड़ी जलाने का दर्ज हुआ। इसके बाद फर्जी आधार कार्ड बनवाने का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद 2 दिसंबर 2022 को इरफान सोलंकी ने अदालत में सरेंडर कर दिया था। इसी महीने में 26 दिसंबर 2022 को कानपुर के जाजमऊ थाने में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया।
यह मुकदमा तत्कालीन इंस्पेक्टर अशोक कुमार दुबे की ओर से दर्ज कराया गया था। इस मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि इरफान सोलंकी गैंग बनाकर आर्थिक लाभ के लिए जनता को भयभीत करता है। इसी मुकदमे में भाई रिजवान सोलंकी और इजरायल आटेवाला को भी अभियुक्त बनाया गया था।
इरफान सोलंकी ने इस आधार पर कोर्ट में दी थी चुनौती
अधिवक्ता इमरान उल्ला के मुताबिक सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के खिलाफ गैंगस्टर के मुकदमे को इलाहाबाद हाईकोर्ट में तीन आधारों पर चुनौती दी गई थी। डीएम या कमिश्नर ने गैंग चार्ट का जो अनुमोदन दिया था, उसमें नियमों का पालन नहीं किया गया था। दूसरा यह था कि गैंगस्टर एक्ट में कम से कम 2 साल की सजा का प्रावधान है और अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है। जबकि पूर्व विधायक इरफान सोलंकी इस केस में 2 साल 7 माह से जेल में बंद है। तीसरा ग्राउंड यह था कि गैंगस्टर एक्ट लगाने में महिला के घर जलाने के मुकदमे को आधार बनाया गया था। लेकिन इस केस में डिवीजन बेंच ने यह लिख दिया था कि अभियोजन आरोप साबित करने में विफल रहा है।
अधिवक्ता इमरान उल्ला के मुताबिक अदालत में उनकी दलीलों से सहमत होते हुए तीनों की जमानत मंजूर कर ली है। उन्होंने कहा है की जमानत मिलने के बाद 2 साल 7 माह से महाराजगंज जेल में बंद इरफान सोलंकी बाहर आ जाएंगे।
सभी मामलों में मिली जमानत, जेल से रिहा होंगे सोलंकी
इमरान उल्ला के मुताबिक इस बीच इरफान सोलंकी के ऊपर 6 और मुकदमे दर्ज कराए गए थे। उनके मुताबिक सभी मुकदमों में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अलग-अलग तारीखों में जमानत दे दी है। गैंगस्टर के आखिरी बचे मुकदमे में भी जमानत मिलने के बाद अब इरफान सोलंकी के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने बताया है कि इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी और इसी मामले में आरोपी बनाए गए इजरायल आटेवाला की भी जमानत अर्जियां मंजूर हुई हैं। वह दोनों भी अब जेल से बाहर आ जाएंगे। उनके मुताबिक इरफान सोलंकी के खिलाफ 2022 से अब तक कुल 10 मुकदमे दर्ज हुए थे। इसमें से कुछ मुकदमे पहले के थे। कुछ मुकदमे आचार संहिता उल्लंघन के थे। जेल जाने के बाद छह गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज कराए गए थे। जिनमें सभी में अब इरफान सोलंकी को जमानत मिल चुकी है।
सजा पर रोक लगाने की मांग को खारिज
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में इरफान को जमानत याचिका पर राहत प्रदान की, हालांकि सजा पर रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया। जमानत मिलने के बाद पूर्व विधायक की मां खुर्शीदा बेगम बेहद उत्साहित नजर आ रही हैं, जबकि जाजमऊ इलाके में समर्थकों के बीच जश्न का माहौल है। सोशल मीडिया पर इरफान का एक पुराना वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें वे कहते दिख रहे हैं, "मेरे साथ फैसला नहीं, इंसाफ होगा।" ये वीडियो उस वक़्त का बताया जा रहा है जब इरफ़ान महाराजगंज जेल से पेशी पर कानपुर कोर्ट आये थे।
मां खुर्शीदा बेगम का बयान: "बेटे की रिहाई से परिवार को नई उम्मीद"
पूर्व सपा विधायक की मां खुर्शीदा बेगम ने बेटे की जमानत मिलने पर भावुक होकर कहा, "मेरा बेटा निर्दोष है। दो साल की जेल ने हमें बहुत दुख दिया, लेकिन आज खुशी का दिन है। कोर्ट ने इंसाफ किया है।" उन्होंने समर्थकों से अपील की कि वे शांतिपूर्ण तरीके से जश्न मनाएं। खुर्शीदा बेगम ने बताया कि इरफान की रिहाई के बाद परिवार सुप्रीम कोर्ट में सजा पर स्टे के लिए अपील करेगा। "हमारी लड़ाई अभी जारी है, लेकिन यह फैसला हमें ताकत देता है।
(कानपुर से अनुराग श्रीवास्तव की रिपोर्ट के साथ)



