उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के लिए डिटेंशन सेंटर बनाया जा रहा है, ताकि उन्हें चिह्नित कर यहां रखा जाए। इसी क्रम में गोरखपुर में भी एक डिटेंशन सेंटर तैयार किया गया है, जिसके लिए एक पुराने रैन बसेरा को परिवर्तित किया गया है।
रैन बसेरा बना डिटेंशन सेंटर
गोरखपुर का यह डिटेंशन सेंटर शाहपुर थाना क्षेत्र के गीता वाटिका के पास बनाया गया है। अपर नगर आयुक्त दुर्गेश सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया, "डिटेंशन सेंटर का निर्माण किया जा रहा है और यहां पर सभी जरूरी सुविधाएं होंगी।" उन्होंने बताया, "यह डिटेंशन सेंटर तीन फ्लोर का है, जिसमें 16 कमरे और 50 बेड है।"
उन्होंने कहा, "अगर कोई भी अवैध घुसपैठिया चिन्हित किया जाता है, तो उसे इसी डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा।" उन्होंने कहा कि फिलहाल गोरखपुर में ऐसी कोई बात नहीं है, लेकिन सर्वे और जांच लगातार जारी है।
सेंटर में होगी सभी सुविधा
डिटेंशन सेंटर के केयर टेकर, सुजीत सिंह ने बताया कि घुसपैठियों को रखे जाने की स्थिति में यहां पर उन्हें मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि यहां सारी सुविधा है, तीन फ्लोर का है, अगर कोई आता है तो उन्हें यहां रखा जाएगा।
सबसे पहले डिटेंशन सेंटर कहां बनाया गया?
बता दें कि सबसे पहले देश में असम राज्य में डिटेंशन सेंटर बनाया गया था। गुवाहाटी हाई कोर्ट के आदेशों के बाद, राज्य में अवैध प्रवासियों को रखने के लिए 2008 में जेलों के अंदर ही अस्थायी डिटेंशन सेंटर बनाए गए थे।
(रिपोर्ट- राजेंद्र श्रीवास्तव)
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