Interesting Facts: हम सभी जब अपनी फैमिली-फ्रेंड्स या क्रश के साथ होटल-रेस्तरां में खाते हैं तो वहां के वेटर मेहमानों की आवभगत में लगे होते हैं। मेहमानों के आने के बाद का मोर्चा तो जैसे यही वेटर्स संभाल लेते हैं। यदि आपने वहां पर खाना खाया होगा तो आपको पता है कि महंगे होटल-रेस्तरां में वेटर्स मेहमानों को खाना खुद सर्व करते हैं। इसमें एक चीज बड़ी कॉमन है जिस पर सबका ध्यान नहीं जाता है। दरअसल, खाना सर्व करते समय वेटर अपने सिर्फ एक हाथ का ही इस्तेमाल करता है। मगर क्यों ? आज हम लोग इसी पर बात करेंगे।
रेडिट पोस्ट वायरल
माइक्रोब्लॉगिंग साइट रेडिट पर एक यूजर notfromearh ने यही सवाल पूछा कि, 'रेस्टोरेंट में खाना परोसने वाले कर्मचारियों को हमेशा एक हाथ से ही खाना क्यों उठाना पड़ता है ? वे दोनों हाथों का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते?' इस पर कुछ यूजर्स की प्रतिक्रियाएं सामने आईं। एक यूजर ने लिखा कि, 'ट्रे पर प्लेटें वितरित करने के लिए एक हाथ खाली होने से आप इसे अधिक तेज़ी से कर सकते हैं।' दूसरे ने लिखा कि, 'एक हाथ से ट्रे पकड़ो, एक हाथ से परोसो। दो हाथ रखना तो और भी अजीब है।'

हॉस्पिटैलिटी ट्रेनिंग का हिस्सा
जिन वेटर्स को हम लोग होटल-रेस्तरां में देखते हैं वे हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके होते हैं। उनको इस बात की खास ट्रेनिंग मिलती है कि, वे दाहिने हाथ से खाना सर्व करें और बाएं हाथ से ट्रे या प्लेट पकड़ें। इस तरीके को अंतरराष्ट्रीय सर्विंग एटीकेट का एक भाग भी माना जाता है। माना जाता है कि, ऐसा करने से सर्विंग प्रक्रिया काफी व्यवस्थित, कम्फर्टेबल और आकर्षक दिखती है। यही नहीं वेटर्स के इस रवैये से कस्टमर के खुश होने पर वो जगह कस्टमर की फेवरेट बन जाती है और होटल की इमेज भी प्रोफेशनल हो जाती है।
गेस्ट्स को हो सुविधा
वेटर्स के एक हाथ से खाना सर्व करने के पीछे एक और वजह है। दरअसल, होटलों में आपने देखा होगा कि अधिकांश लोग दाहिने हाथ से खाना खाते हैं। ऐसे में उनको खाने कोई दिक्कत न हो इसलिए वेटर बाएं हाथ में प्लेट या ट्रे पकड़कर दाहिने हाथ से सर्व करता है। वेटर्स द्वारा ऐसा करने से टेबल पर पर्याप्त जगह बन जाती है और प्लेटों के टकराने की संभावना भी कम हो जाती है।

क्या दोनों हाथ से करते हैं काम
अब आप सोच रह होंगे कि, 'अगर वेटर्स एक हाथ से खाना परोसते हैं तो क्या उनका दूसरा हाथ खाली रहता है ?' तो बता दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। अगर अचानक कोई प्लेट फिसलने लगे तो प्लेट गिरने से बचाने में वेटर दूसरे हाथ का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, सर्विंग के दौरान ऐसा कम ही होता है। वेटर्स का एक हाथ से खाना परोसना प्रक्रिया को सुरक्षित, प्रोफेशनल और स्मूद बनाता है, ताकि मेहमान अपना फूड बेरोकटोक और परेशान हुए बिना खाएं।
हाइजीन का हिस्सा
वेटरों के द्वारा एक हाथ से खाना परोसने पर कई बार ऐसा होता है उसकी उंगलियां खाने के नजदीक आ जाती हैं और इससे हाइजीन पर असर पड़ता है। यही कारण है कि, हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में एक हाथ से खाना सर्व करने का नियम अनिवार्य बताया जाता है। ताकि कस्टमर की सेहत न बिगड़े और वो उसी होटल में आकर खाना खाते रहें। वेटरों के इस तरह भोजन परोसने से होटल का प्रोफेशनलिज्म और अनुशासन भी दिखाई पड़ता है। यह तरीका सिर्फ स्टाइल नहीं, बल्कि सुरक्षा, सुविधा और हाइजीन का हिस्सा है। इसलिए अब अगर आप होटल-रेस्तरां जाएं तो इस बार वेटरों के खाना परोसने के तरीके पर जरूर गौर कीजिएगा।
डिस्क्लेमर: इस खबर में दी गई जानकारी सोशल मीडिया पर किए गए दावों पर आधारित है। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
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