कोलकाता: पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में कालीगंज विधानसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी उम्मीदवार आशीष घोष ने गुरुवार को आरोप लगाया कि जब वह वोट डालने गए तो मतदान अधिकारियों ने उनकी तर्जनी उंगली की बजाय बीच वाली उंगली पर स्याही का निशान लगा दिया। घोष ने कहा कि देबग्राम के बूथ नंबर 173 पर मतदान अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के एजेंटों के इशारे पर जानबूझकर उनकी मध्यमा उंगली पर स्याही लगाई। वोट डालने के बाद घोष ने स्याही लगी बीच वाली उंगली दिखाते हुए तस्वीरें खिंचवाईं। बीजेपी उम्मीदवार के आरोपों के बाद एक निर्वाचन अधिकारी ने इस मामले में जिला मैजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मांगने की बात कही है।
'जानबूझकर मेरी मध्यमा उंगली पर स्याही लगा दी'
सियासी साजिश का आरोप लगाते हुए बीजेपी उम्मीदवार घोष ने कहा, 'पहले, जब मैं वोट डालने गया तो अधिकारी मेरी उंगली पर स्याही लगाना भूल गए। फिर, मैं वापस गया तो उन्होंने जानबूझकर मेरी मध्यमा उंगली पर स्याही लगा दी। यह पूर्व नियोजित था। यह कुछ और नहीं बल्कि टीएमसी की राजनीतिक साजिश है और उन्होंने ऐसा किया।' एक निर्वाचन अधिकारी ने कहा, 'ऐसा कोई सख्त नियम नहीं है कि स्याही तर्जनी उंगली पर ही लगाई जानी चाहिए। किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया। हम मामले की जांच करेंगे।' अधिकारी ने बताया कि उन्होंने इस मामले में जिला मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मांगी है।
कालीगंज सीट पर लगभग 70 फीसदी वोटिंग
चुनाव आयोग द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, मतदान खत्म होने तक कालीगंज विधानसभा सीट पर 69.85 फीसदी मतदान हुआ है। हालांकि ये आंकड़ें अंतिम नहीं हैं और इनमें थोड़ा-बहुत अंतर आ सकता है। कालीगंज विधानसभा क्षेत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय बलों की 14 कंपनियों को तैनात किया गया था। बता दें कि तृणमूल कांग्रेस के विधायक नसीरुद्दीन अहमद का फरवरी में अचानक निधन होने के कारण इस सीट पर उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी। उनकी बेटी अलीफा तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। BJP ने आशीष घोष को अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार काबिलुद्दीन शेख CPM के समर्थन के साथ मैदान में हैं। (भाषा)



