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जापान के प्रधानमंत्री ने संसद का निचला सदन भंग किया, अक्टूबर अंत में होंगे चुनाव

जापान के नये प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने संसद के निचले सदन को बृहस्पतिवार को भंग कर 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय चुनावों के आयोजन का रास्ता साफ कर दिया। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : Oct 14, 2021 11:16 am IST, Updated : Oct 14, 2021 11:16 am IST
जापान के प्रधानमंत्री ने संसद का निचला सदन भंग किया, अक्टूबर अंत में होंगे चुनाव - India TV Hindi
Image Source : AP/PTI जापान के प्रधानमंत्री ने संसद का निचला सदन भंग किया, अक्टूबर अंत में होंगे चुनाव 

टोक्यो:  जापान के नये प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने संसद के निचले सदन को बृहस्पतिवार को भंग कर 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय चुनावों के आयोजन का रास्ता साफ कर दिया। किशिदा ने कहा कि वह अपनी नीतियों के लिए जनादेश चाहते हैं। संसद ने महज 10 दिन पहले ही उन्हें योशिहिदे सुगा के स्थान पर प्रधानमंत्री निर्वाचित किया था। सदन के अध्यक्ष, टाडामोरी ओशिमा ने एक पूर्ण सत्र में दो संसदीय सदनों में से अधिक शक्तिशाली निचले सदन को भंग करने की घोषणा की। निचले सदन के लिए पिछला चुनाव पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के शासन काल में 2017 में हुआ था। 

फुमिओ किशिदा प्रधानमंत्री बनने से पहले जापान के विदेश मंत्री रह चुके हैं। किशिदा ने पीएम के तौर पर योशिहिदे सुगा का स्थान लिया था। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के तरीकों और संक्रमण के बाजवूद ओलंपिक खेलों के आयोजन पर अड़े रहने की वजह से लोकप्रियता में कमी आने के कारण योशिहिदे सुगा ने केवल एक साल पद पर रहने के बाद ही इस्तीफा दे दिया था।

जापान के पूर्व विदेश मंत्री किशिदा ने सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता पद का चुनाव पिछले सप्ताह जीत लिया था। उनका प्रधानमंत्री चुना जाना तय था, क्योंकि संसद में उनकी पार्टी और उसकी सहयोगी का दोनों सदनों में बहुमत है। किशिदा ने पार्टी के नेता पद के मुकाबले में लोकप्रिय टीकाकरण मंत्री तारो कोनो को हराया था। उन्होंने पहले चरण के चुनाव में दो महिला उम्मीदवारों सना तकाइची और सेइको नोडा को पराजित किया था।

किशिदा को एक शांत उदारवादी के रूप में जाना जाता था, लेकिन जाहिर तौर पर पार्टी में प्रभावशाली रूढ़िवादियों का समर्थन हासिल करने के लिए उन्होंने आक्रामक नेता की छवि बनाई। जानकारों का कहना है कि वह पहले चुनाव इसलिए कराना चाहते हैं ताकि वह समर्थन जुटाने के लिए अपनी सरकार की ताजा छवि का लाभ उठा सकें। (इनपुट-भाषा)

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