Friday, April 19, 2024
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पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में WHO की चिकित्सकीय सामग्री की खेप भेजी

अफगानिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर अहमद खान ने पुष्टि की है कि पीआईए के विमान ने डब्ल्यूएचओ की चिकित्सकीय सामग्री की खेप की आपूर्ति की है। खान ने एक ट्वीट में कहा, 'डब्ल्यूएचओे की चिकित्सकीय सामग्री की खेप लेकर पीआईए का पहला मालवाहक विमान सोमवार को इस्लामाबाद से मजार-ए-शरीफ गया।' 

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 30, 2021 20:25 IST
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में डब्ल्यूएचओ की चिकित्सकीय सामग्री की खेप भेजी- India TV Hindi
Image Source : TWITTER पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में डब्ल्यूएचओ की चिकित्सकीय सामग्री की खेप भेजी

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने सोमवार को अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चिकित्सकीय सामग्री की खेप भेजी है। सरकारी समाचार एजेंसी 'एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान' के मुताबिक पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) का विमान विश्व स्वास्थ्य संगठन की चिकित्सकीय सामग्री की खेप लेकर मजार-ए-शरीफ पहुंचा। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद मजार-ए-शरीफ के लिए यह पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान थी। डब्ल्यूएचओ विभिन्न सामग्रियों की व्यवस्था कर रहा है और पीआईए इसे विमान से पहुंचाने का काम कर रहा है। 

अफगानिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर अहमद खान ने पुष्टि की है कि पीआईए के विमान ने डब्ल्यूएचओ की चिकित्सकीय सामग्री की खेप की आपूर्ति की है। खान ने एक ट्वीट में कहा, 'डब्ल्यूएचओे की चिकित्सकीय सामग्री की खेप लेकर पीआईए का पहला मालवाहक विमान सोमवार को इस्लामाबाद से मजार-ए-शरीफ गया। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के समन्वय से अफगानिस्तान में आवश्यक सामानों की आपूर्ति के लिए उड़ान का प्रबंध किया गया है।' 

डब्ल्यूएचओ के एक अधिकारी ने कहा कि इस खेप में अस्पतालों के लिए जरूरी चिकित्सकीय सामग्री के साथ अफगानिस्तान में कुपोषण से पीड़ित बच्चों के लिए दवाइयां हैं जहां 1.8 करोड़ लोग राहत सामग्री पर निर्भर हैं। बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ पर 14 अगस्त को तालिबान ने कब्जा कर लिया था। अमेरिकी सेना की पूर्ण वापसी की निर्धारित तारीख से दो हफ्ते पहले 15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। 

बता दें कि, तालिबान के कब्जे के कारण अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़कर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में शरण ली। तालिबान के डर से हजारों अफगान नागरिक दूसरे देशों में जाने का प्रयास कर रहे हैं। जबरदस्त भीड़ इकट्ठा हो जाने के कारण काबुल हवाई अड्डे पर अराजकता फैल गयी और अलग-अलग घटनाओं में कई लोग मारे गए।

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