Thursday, May 09, 2024
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इस साल सुर्खियों में छाई रहीं दुनिया की ये 5 बड़ी घटनाएं, कहीं जले देश, तो कहीं बेची जा रहीं बेटियां

Year Ender 2022: इस साल दुनिया भर में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जो काफी सुर्खियों में रहीं। पाकिस्तान और ईरान समेत कई देशों में विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं।

Shilpa Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: December 21, 2022 11:06 IST
इस साल सुर्खियों में छाई रहीं कई घटनाएं- India TV Hindi
Image Source : AP इस साल सुर्खियों में छाई रहीं कई घटनाएं

साल 2022 खत्म होने में अब बस कुछ ही दिनों का वक्त बचा है। ये साल पूरी दुनिया के लिए एक रोलर कोस्टर राइड जैसा रहा। कहीं विरोध प्रदर्शन देखने को मिले, तो कहीं आर्थिक संकट नियंत्रण से बाहर हो गया। जिसके कारण इन देशों में काफी हिंसा और आगजनी भी देखने को मिली है। चलिए ऐसी ही बड़ी घटनाओं के बारे में बात कर लेते हैं।

रूस-यूक्रेन का युद्ध

रूस और यूक्रेन में जंग को दस महीने हुए

Image Source : AP
रूस और यूक्रेन में जंग को दस महीने हुए

इस साल 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर पहला हमला किया था। जिसके बाद से ये लड़ाई अभी तक जारी है। इसमें हजारों की संख्या में दोनों तरफ के सैनिकों की मौत हुई है। यूक्रेन के हजारों नागरिक भी रूसी हमलों में मारे गए हैं। हमलों से बचने और अपने तबाह हुए घरों को छोड़कर लाखों यूक्रेनी लोगों को दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर होना पड़ा है। रूस ने बम, रॉकेट और मिसाइल हमलों से पूरे के पूरे यूक्रेन को तबाह कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र समेत दुनिया भर के देशों में इसे लेकर रूस की निंदा हुई है। उस पर अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध भी लगा दिए। हालांकि भारत ने इस मामले में दोनों पक्षों से शांति से बातचीत कर युद्ध खत्म करने का आह्वान किया है।

ईरान में हिजाब का विरोध

ईरान में विरोध प्रदर्शन हुए

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ईरान में विरोध प्रदर्शन हुए

मुस्लिम देश ईरान में महिलाएं हिजाब की अनिवार्यता के खिलाफ सड़कों पर उतर आईं। पुरुषों ने भी उनका काफी साथ दिया। इस देश में 22 साल की कुर्द महिला महासा अमीनी की 13 सितंबर को मोरैलिटी पुलिस की हिरासत में मौत हो गई थी। पुलिस ने उसे ढंग से हिजाब नहीं पहनने की वजह से हिरासत में लिया गया था। जिसके बाद लोगों ने हिजाब का विरोध करना शुरू कर दिया। बहुत सी महिलाओं ने अपने बाल काटे और हिजाब जलाए। सरकार को आखिरकार मोरैलिटी पुलिस की इकाइयों को भंग करना पड़ा है। सरकार लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद डरी हुई नजर आई। क्योंकि ये प्रदर्शन देश के लगभग सभी शहरों और कस्बों में फैल गए थे। सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनों को शांत कराने के लिए लोगों पर कार्रवाई की। हजारों की संख्या में लोगों को हिरासत में लिया गया। सैकड़ों की मौत हो गई। और हाल में ही करीब दो लोगों को फांसी की सजा दी गई है।

पाकिस्तान में हकीकी आजादी रैली और प्रदर्शन

पाकिस्तान में हकीकी आजादी रैली निकली

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पाकिस्तान में हकीकी आजादी रैली निकली

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी कुर्सी जाने का आरोप अमेरिका पर लगा दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने विपक्ष को पैसा देकर उनके खिलाफ साजिश रची है। इसके बाद उन्होंने जल्दी चुनाव कराने की मांग को लेकर हकीकी आजादी रैली का आयोजन किया। इसी एक रैली के दौरान उनके पैर में गोली लग गई। साथ ही गोलीबारी में उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के कई नेता भी घायल हो गए। उन्होंने खुद पर हमले के लिए सेना के अधिकारी, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह को जिम्मेदार ठहराया। इस दौरान खूब विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिले। सत्ता पक्ष के खिलाफ सड़कों पर उतरी इमरान खान के समर्थकों की भारी तादाद देखकर शहबाज सरकार ने अब उनके साथ बातचीत करने का फैसला लिया है।

श्रीलंका में छाया आर्थिक संकट

श्रीलंका में आर्थिक संकट आया

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श्रीलंका में आर्थिक संकट आया

श्रीलंका में इस साल आर्थिक संकट देखने को मिला। आजादी के बाद इस देश ने अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना किया है। सरकार के पास लोगों की आवश्यक जरूरतें पूरी करने तक के पैसे नहीं बचे थे। जिसके चलते यहां बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान हिंसा, आगजनी और लूटपाट की घटनाएं हुई थीं। यहां तक कि देश के तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे तक देश छोड़कर सिंगापुर भाग गए थे। लोगों ने राष्ट्रपति भवन में काफी उत्पात मचाया। बाद में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार में बदलाव किया गया। 

अफगानिस्तान का तालिबान शासन

अफगानिस्तान की आर्थिक हालत नाजुक हुई

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अफगानिस्तान की आर्थिक हालत नाजुक हुई

अफगानिस्तान का मुद्दा भी इस साल सुर्खियों में छाया रहा। तालिबान ने बेशक बीते साल अगस्त महीने में पश्चिमी देशों के समर्थन वाली सरकार को गिराकर खुद सत्ता अपने हाथों में ले ली थी। जिसके बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान के फंड को फ्रीज कर दिया था। इसके साथ ही देश को मिलने वाली विदेशी मदद भी बंद हो गई। जिसके चलते देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई। लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए अपने बच्चों को दवाएं देकर सुलाना पड़ रहा है। जबकि बहुत से लोगों ने पैसों के लिए अपनी बेटियों को बेच दिया है। हालांकि भारत की तरफ से इस देश को मानवीय सहायता के तौर पर गेंहू समेत अन्य जरूरी सामान की बड़ी खेप मुहैया कराई गई है।

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