
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली है और देश का 47वें राष्ट्रपति के तौर पर पद संभाल लिया है। शपथ लेते ही ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका का ‘स्वर्ण युग अभी से शुरू होता है। पद संभालते ही डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक कई बड़े फैसले ले रहे हैं और कई कार्यकारी निर्णयों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके साथ ही ट्रंप ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO से बाहर निकालने के आदेश पर भी हस्ताक्षर कर दिए हैं। बता दें कि इससे पहले ट्रंप ने पेरिस जलवायु समझौते से भी अमेरिका को बाहर कर लिया है।
ये बहुत बड़ी बात है- ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को उस कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिसमें अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने का निर्देश दिया गया है। इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा- "यह बहुत बड़ी बात है।" बता दें कि WHO अंतरराष्ट्रीय सहायता और रोग प्रतिक्रिया समूह है। अमेरिका WHO को फंड देने वाले सबसे प्रमुख देशों में से एक है। अमेरिका साल 1948 में WHO का सदस्य बना था।
अमेरिका कितनी मदद देता है?
WHO संक्रामक रोगों के साथ ही मानवीय संकटों आदि पर ध्यान केंद्रित करते हुए वैश्विक स्वास्थ्य खतरों से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, अमेरिका के इस संगठन से बाहर निकलने से WHO की फंडिंग में बड़ी कमी आ सकती है। साल 2024-25 के बजट में अमेरिका की ओर से WHO को 662 मिलियन डॉलर की फंडिंग की गई थी।
क्या बोले ट्रंप?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका को अलग करने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए कहा- "जब मैं यहां था तब हमने विश्व स्वास्थ्य संगठन को 500 मिलियन डॉलर का भुगतान किया था और मैंने इसे समाप्त कर दिया। 1.4 अरब की आबादी वाला चीन सिर्फ 39 मिलियन डॉलर का भुगतान कर रहा था। हम 500 मिलियन का भुगतान कर रहे थे। यह मुझे थोड़ा अनुचित लगा।"